वंध्या की सील जीजा और मकान मालिक ने मिलकर तोड़ी

दीदी के देवर ड्रेस दिलाने के बहाने किराये के रूम में ले जाकर मुझे चोदना चाहा, देवर जैसे घुसाये मैं चीखी मेरी चीख सुन, उन्हीं के मकान मालिक आ गये और फिर दोनों ने मिलकर मेरी शील तोड़ी…
मेरा नाम बंध्या है मैं सतना जिले के रामपुर के पास एक कस्बे की रहने वाली हूं, हम तीन बहनें और एक भाई है, मुझसे बड़ी दो बहनें हैं दोनों की शादी हो चुकी है। मैं सबसे छोटी हूं, दसवीं कक्षा की छात्रा हूं, सब कहते हैं मैं बिल्कुल हिरोइन अमृता राव जैसी दिखती हूं, मैं अपनी सच्ची बात आज लिखने की बड़ी मुश्किल से हिम्मत जुटा पाई हूं। इसमें लिखी एक एक शब्द एक एक बात सच है। मैं बहुत स स्लिम लड़की हूं। मेरे साइज में मेरी कमर-26” मेरे ब्रेस्ट- 32” और हिप्स-36” के हैं। पर मेरे पापा मुंबई में जहाज में काम करते हैं हम गरीब घर से हैं ज्यादा पैसा नहीं है मेरे मम्मी पापा के पास , मेरे पापा एक साल के लिए मुंबई चली जाती है, मेरी बड़ी बहन मेरी दीदी के यहां से निमंत्रण आया कि वहां भागवत की कथा है, मुझे दीदी ने बुलवाया मम्मी से दीदी बोली कि वंध्या को भेज दो सात आठ दिन के लिए थोड़ी मेरे काम में हेल्प करायेगी। मम्मी ने भाई को बोली जा इसे दीदी के पास पहुंचा दे और मेरा भाई मुझे दीदी के यहां पहुंचा के चला आया।

दीदी के हसबैंड चार भाई हैं और दीदी के घरवाले सबसे बड़े हैं, भाईयों में तो उनसे जो तीन छोटे भाई हैं मैं उनको भी जीजा कहती हूं।जो दीदी के हसबैंड हैं उनसे दूसरे नंबर के हैं उनका नाम सुरेन्द्र शुक्ल हैं वो अक्सर मुझसे मजाक करते और मुझे घुरते रहते थे,उनकी नियत मेरे प्रति अच्छी नहीं थी । दीदी के यहां सब बोरवेल में नहाते थे और शौच के लिए बाहर जाना पड़ता था, एक दिन मैं नहाके आयी व्हाइट कलर की मैक्सी पहन कर नहाई थी, अंदर ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी थी पानी में भीगने के कारण सब दिख रहा था मैं जैसे ही आंगन में नहा कर आई सुरेंद्र जीजा सामने आ गये और उस समय अगल बगल कोई नहीं था तो मुझे बोले वंध्या जी तुम्हारा सब कुछ दिख रहा है, मेरी नियत मत खराब करो नहीं अच्छा नहीं होगा ऐसे दिखा देती हो तो फिर कंट्रोल नहीं होता है।

मैं भी उनसे खूब मजाक कर लेती थी तो मैं बोली जीजा जी मत देखा करो जब हिम्मत नहीं है तो, और उन्हें चिढ़ाते हुए बोली मर्द वो होता है जो बोलता नहीं करके दिखा देता है।जो बादल गरजते हैं बरसते नहीं जीजा जी। तब वो बोले वंध्या तुम मेरी शाली लगती हो मतलब आधी घरवाली हो मेरा हक बनता है तुम पर फिर भी तुमने मेरी मर्दानगी पर सवाल खड़े कर दिए, अब तो तुम्हें बताऊंगा कि मैं कैसा मर्द हूं। मैं बोली क्या कर लोगे जीजा वो पास आये और बोले वंध्या मेरी सेक्सी साली पकड़ के लगता है अभी यंही आंगन में तुम्हें चोद दूं मेरा लन्ड तुम्हारी चूत में घुसेगा तो सारी गर्मी उतर जाएगी तुम्हारी वंध्या चीखने लगोगी इतना बड़ा मस्त लन्ड है मेरा, लड़कियां तरसती हैं मुझसे चुदवाने के लिए। मैं बोली कोई नहीं तरसता अपने मुंह से अपनी तारीफ मत करो जीजा, मुझे भी नहीं जानते हो कि मैं कौन हूं? मुझे बंध्या कहते हैं ऐसा कोई मर्द नहीं जो मेरी चीख निकाल दे समझे सुरेन्द्र जीजा, फ्री में सब कर लोगे क्या मुझसे, सड़क में पड़ा फ्री का माल समझ लिया क्या मुझे आपने जीजा? भला छूकर दिखाओ , सुरेन्द्र बोले वोहह वंध्या तुम शहर की हो और तुम्हें शहर का पानी लग गया शहर की लड़कियां तो सही है पैसे के बिना या कुछ लिए नहीं देती।

तब मैं बोली जानते सब हो जीजा समझदार हो, और समझदार के लिए इशारा काफी होता है। तब सुरेन्द्र जीजा बोले अब साफ साफ वंध्या अपना रेट बोलो और मुझे तुम्हें आज ही चोदना है। मैं बोली पागल हो गये क्या जीजा मैं वैसी लड़की नहीं कि पैसे में बिक जाऊं , मैं अनमोल हूं कोई खरीद नहीं सकता हां प्यार से कोई कुछ भी दे दे चलता है।तब जीजा बोले चलो फिर सतना कल जैसी ड्रेस चाहिए दिलवा दूंगा, मैं ये बात सुनकर खुश हो गई और बोली मजाक तो नहीं कर रहे हो सच नहीं हो तो मत बोलना। जीजा बोले पक्का वादा ड्रेस दिलवाऊंगा मैं बोली कल मैं अपने घर जा रही हूं आप कल की जगह परसों आओ, मैं मम्मी को बता दूंगी कि सुरेन्द्र जीजा मुझे ड्रेस दिला रहे हैं , आप आके कह देना कि मैं वंध्या को ड्रेस दिलवाने ले जा रहा हूं फिर घर पहुंचा दूंगा। सुरेन्द्र जीजा बोले अब आप के लिए कल का पूरा कार्यक्रम रद्द करना पड़ेगा , चलो ठीक है परसों तैयार रहना अपनी मनपसंद ड्रेस के लिए मैं सुबह नौ से दस के बीच आ जाऊंगा। मैं सच में खुश हो गई कि परसों मुझे मेरे पसंद की ड्रेस मिलेगी मैं दुसरे दिन अपने घर मम्मी के पास पहुंच गयी और अब सुबह का इंतजार करने लगी, सुबेरा हुआ जल्दी से तैयार हो गई, मम्मी को पहले ही बता चुकी थी कि सुरेन्द्र जीजा मुझे सतना ड्रेस दिलाने ले जाने को बोले हैं, मम्मी पूंछी तुने तो नहीं बोला मैं बोली नहीं मम्मी वो खुद ही दिला रहे हैं।

मम्मी ने बोला ठीक है चली जाना पर उन्हें ज्यादा परेशान मत करना मैं बोली ठीक है मम्मी, मैं इंतजार कर रही थी कि तभी सुरेन्द्र जीजा जी बाइक लेकर आये ठीक नौ बजे मैं तैयार खड़ी थी मैं आसमानी कलर की फ्राकं वन पीस पहनी थी, पिंक कलर की लिपस्टिक लगाई थी, जीजा जी मुझे देखने लगे मैं बोली जल्दी चलो जीजा, मम्मी बोली कि पानी चाय तो पी लेने दे ,तब जीजा जी बोले लौट के आके सब करेंगे आंटी अभी जाने दो, मम्मी बोली ठीक है जाओ और ये वंध्या अगर ज्यादा परेशान करे तो बताना या आप ही डांट देना, जीजा बोले अरे इतनी अच्छी साली है मैं थोड़ी न डांटूगा, और हम दोनों चल दिए मैं बाइक में दोनों पैर एक तरफ करके बैठ गई तो जीजा बोले टांगों को इधर उधर करके बैठो तब मैं बोली अभी यहां से चलो फ्रांक पहनी हूं जीजा चल दिए थोड़ी देर में सतना पहुंचे तो जीजा बोले अभी साढ़े नौ बजे हैं इतनी सुबह दुकान नहीं खुलती ग्यारह बजे तक दुकान खुलेगी तब तक मेरा किराये का कमरा है कृष्ण नगर में वहीं दो घंटे थोड़ा रूकेंगे नास्ता करेंगे फिर चलके तुमको बढ़िया ड्रेस दिलवाऊंगा।

मैं बोली ठीक है, काफी हाउस से जीजा नास्ता पैक कराये और कोल्डड्रिंक लिए और चल दिए रूम पहुंच गए जीजा के उन्होंने कमरे का ताला खोला सिर्फ एक ही कमरा था उसमें चारपाई रखी थी उसमें बिस्तर लगा हुआ था। जीजा जी बोले आराम से बैठ जाओ वंध्या बिस्तर में यही गरीब खाना है जहां रहकर मैं ड्युटी करता हूं। मैं बोली अच्छा तो है जरूरत के हिसाब से अकेले रहने के लिए और मैं बिस्तर में बैठ गई , तभी जीजा अंदर से रूम को लाक कर दिया , मैं बोली की जीजा तुम क्यों बंद कर दिए अंदर से तो जीजा बोले कि अपन अभी नाश्ता कर ले, वैसे भी मैं जब कमरे में आता हूं तो बंद ही कर लेता हूं मैं कुछ नहीं बोली, तभी जीजा एक प्लेट में इडली निकालें और गलास में कोल्ड ड्रिंक और सामने रखें, मैं बोली मुझे खाने की इच्छा नहीं, तो जीजा अपने हाथ से लेकरकर मेरे मुंह में डालने लगे और बोले मेरी खूबसूरत साली बंध्या तुम यह मेरे हाथ से खाओ, मैं खाने लगी तभी जीजा प्लेट रखकर मेरे को बोले कि थोड़ा मुंह में होंठ के नीचे यहां पर कुछ लग गया है, मैं बोली मैं पोंछ लूंगी, लेकिन जीजा अपने हाथों से मेरे होठों को अपनी उंगलियों से छुआ और बोला कितने कोमल होंठ हैं तुम्हारे साली जी, मैं शरमा गई कुछ नहीं बोली,

तभी जीजा रुमाल निकालें तो मैं सोची, कुछ पूछ रहे हैं। कि तभी उन्होंने सीधे मेरे होठों को अपने होठों से चुमने लगे, मैं बोली यह क्या कर रहे हैं जीजा यह मुझे पसंद नहीं प्लीज यह मत करिए, मुझे छूना नहीं मैं आप से कितनी छोटी हूं, तभी जीजा बोले परसों अपनी बात हो गई थी, बन्धया तुमसे क्या बात हुई थी ? तब तुम बोली थी कि फ्री में कुछ नहीं होगा तब मैं बोला था कि कितना लोगी तो तुमने कहा था कि मैं पैसे नहीं लेती, तो मैं पूछा क्या पसंद है चलो मैं तुम्हें अच्छी सी ड्रेस दिला दूंगा और आज मैं अपना वादा पूरा करने तुम्हें ले आया, अब तुम अपना वादा पूरा करो वंध्या, मैं बोली नहीं जीजा वह मजाक था मैं तो ऐसे ही मजाक में सब कह रही थी, तो जीजा बोले मजाक था तो तुम सतना यहां ड्रेस के लिए क्यों चली आई। यह उसी मजाक में ही तो यह बात हुई थी। तब मैं कोई जवाब नहीं दे पाई जीजा मेरे बगल से बैठ गए चारपाई में, और मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया मैं छुड़ाने लगी, तो जीजा बोले मैं बोला था ना की चैलेंज मत करो बंध्या, डार्लिंग तुम मेरी साली हो और साली आधी घरवाली होती है, मान जाओ तुम इतनी सेक्सी तो हो फिर क्यूं नाटक करती हो। मैं उनके हाथ जोड़ने लगी बोली छोड़ दो मुझे जाने दो मुझे आपसे ड्रेस नहीं चाहिए,

जीजा प्लीज मुझे जाने दो नहीं मैं चिल्लाऊंगी सबको बता दूंगी, दीदी को भी बता दूंगी, मुझे जाने दो। जीजा बोले नाटक मत करो बंध्या है तुम अब छोटी नहीं हो, मैंने तुम्हें देखा है तुम्हारे हुस्न और जिस्म को अच्छी तरह से सब देखा है, मैं चोरी से तुम्हारे पीछे पीछे ही लगा रहता था, जब तुम लैट्रिन के लिए लोटा लेकर बाहर जाती थी, मैं पीछे-पीछे आता था और झाड़ी के पीछे छुपकर लेट्रिन करते हुए जब जैसे निकलती थी एकदम तुम्हारी नंगी गांड बहुत टाइट थी और बहुत बड़ी है अच्छे से देखा, छुपकर लेट्रिन कर जब तुम कपड़े पूरे उतार कर नंगी हो कर फिर सही वाले कपड़े पहनती थी तब वंही जहां जिस पीछे वाले कमरे में बदलती थी वहीं तखत के नीचे मैं दौड़कर पहले से घुस जाता था और जब तुम कपड़े उतारने लगती तब मैं तुम्हें नंगी देखकर वहीं मुट्ठ मारता रहा हूं, कई बार तो लगा था कि तुमसे लिपट जाऊं और तुम्हें जमके चोद दूं, तुमने दो तीन बार नंगी होकर अपनी चूत फैलाकर उसे अपनी ऊंगली से साफ कर रही थी, क्या मस्त चूत थी तुम्हारी बंध्या उस समय तो कैसे सम्हाला अपने आप को मैं ही जानता हूं, जब तुम नहाने जाती थी तब मैं रोज देखता था, कैसे अपने जिस्म को रगड़ रगड़ कर साफ किया करती रही हो, भींगे होंठ, भींगे गाल,भींगा सीना उठा हुआ, भींगा चिकना पेट और उसमें कयामत सी दिखने वाली नाभि तुम्हारी बंध्या, भींगा पानी में तुम्हारा पूरा बदन वोहह माई गॉड पागलपन था बंध्या, तुम क्या जानो कि बंध्या तुम कितनी मस्त माल हो गई हो, इसलिए झूठ बोलना बंद करो कि तुम कोई छोटी लड़की हो।

आज तुम्हें मैं बहुत मजा दूंगा, तुम जन्नत में पहुंच जाओगी, मैं बोली कितने गन्दे हो छी मुझे लेट्रिन करते देखा थू, उनके हाथ जोड़ने लगी बोली जीजा प्लीज मैं चिल्ला दूंगी और मैं रोने लगी बोलने लगी हाथ मत लगाओ मुझे जीजा मुझे जाने दो। मैं ड्रेस नहीं लूंगी और जैसे ही चारपाई से उतरने लगी जीजा मुझे पीछे से पकड़ लिये और मुझे बिस्तर में फिर से पटक दिया। और अब वह बोले मजाक मत करो बंध्या मेरी जान, और मेरे होठों के चुम्मा लेने लगे मैं हाथ पैर दोनों झटक रही थी और रोने लगी। पर जीजा को कुछ समझ नहीं आया तुरंत मेरी वन पीस फ्रांक को ऊपर किये तो वह मेरे पेट तक आ गई, अब कमर के नीचे मैं नंगी हो गई सिर्फ पैंटी रह गई, मेरी नंगी जांघों और टांगें देखकर जीजा बोले क्या मजाक कर रही हो बंध्या कितनी मस्त माल हो, तुम्हारी यह प्यारी मस्त पैंटी के ऊपर से फूली चूत सब बता रही है कि तुम्हारी चूत को अब लंड चाहिए। जीजा मेरी पैंटी के ऊपर जहां फूली हुई चूत थी वहीं पे हाथ रखे और बोले कितनी तो गरम है तुम्हारी चूत फिर भी चिल्ला रही हो। मैंने जोर से धक्का मारा और जीजा के हाथ में दांत से चाब कर काटने लगी और उनसे खुद को छुड़ा ली, बिस्तर से नीचे उठी एक चाकू पड़ा था सब्जी वाला उसे ले लिया,

और बोली अगर अब अगर छोड़ोगे नहीं तो मैं मार दूंगी तुझे कमीने गन्दे जीजा, मुझे जाने दो मुझे तेरे ड्रेस नहीं चाहिए। मैं जैसे ही दरवाजा कि खिटकिली अंदर से खोलने लगी, जीजा फिर से पकड़ लिए पीछे से और मेरे हाथ से चाकू छीनकर ऊपर रैक में फेंक दिया, और मुझे फिर से जबरदस्ती उठाकर बिस्तर में पटक दिया, जीजा बोले बंध्या मान जाओ प्लीज और मेरे ऊपर इस बार चढ़ गए, मैं फिर से उनसे छुड़ाने लगी लेकिन इस बार जीजा मेरे बिल्कुल पेट के ऊपर दोनों टांगें इधर उधर करके ऐसे चढ़ गये कि मैं कुछ भी कर के नहीं उठ सकती थी न ही छुड़ा सकती थी, अब जीजा एक हाथ से मेरी फ्रॉक को ऊपर करके मेरे सीने तक कर दिया,तो पैर से लेकर सीने तक पुरी नंगी हो गई बीच में सिर्फ पैंटी बची बदन में जीजा देखकर एक दम ललचाई आंखों से देखे और बोले बंध्या क्या मस्त चिकनी माल हो मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि मैं तुम्हारे उपर चढ़ा हूंज दुनिया की सबसे सेक्सी लड़की को चोदूंगा।

ये कहते हुए जीजा मेरी पैंटी के अंदर हाथ डाल दिये, पेट में बहुत टांगे इधर उधर करके बैठे थे इस वजह से उनके हांथ अपने हाथ से पकड़ नहीं सकते थी, और पैंटी के अंदर से हाथ ले जाकर मेरी चूत में हाथ रख दिए और बोले बहुत गीली हो रही है चूत तुम्हारी बंध्या और तुम बोलती हो कि मैं अभी छोटी बच्ची हूं। तुम बहुत झूठी हो बंध्या, मुंह से मना कर रही हो पर तुम्हारी चूत कुछ और बोल रही है। तुम यहां बैठे-बैठे गीली हो गई मतलब तुम्हारे मन में तन में अंदर चुदवाने का ख्याल चल रहा है। यह बात बिल्कुल जीजा ने सच बोले, मुझे जीजा के साथ रूम के अंदर आते से ही कमलेश सर की बात याद आ रही थी कि जीजा यहां लाए हैं तो आज कहीं मुझे चोद ना दें और मेरे मन में अंदर से कुछ अकुलाहट सी और अलग फीलिंग हो रही थी, और मैं अंदर ही अंदर सोच रही थी कि काश जीजा मुझे जबरदस्ती चोद दें, मैं मना भी करूं तो ना माने, पर मैं फिर भी जीजा से बोली नहीं ऐसा कुछ नहीं है,

जीजा मुझे छोड़ दो, तब जीजा बोले नहीं सेक्सी बंध्या तुम बहुत चुदासी हो और उन्होंने मेरी चूत में उंगली डाल कर उसका चिपचिपा चूत रस निकाल कर मुझे दिखाया और बोला देखो यह तुम्हारी चूत का रस है, यह लड़की जब चुदासी होती है तभी चिपचिपाहट वाला रस निकलता है। मैं अब क्या बोलूं मुझे समझ नहीं आया तभी मेरी छाती के ऊपर हुई फ्रांक को गले तक कर दिया, उसी समय मैं हाथ जीजा के पकड़ने लगी पर तब तक वह मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे दूध दबाने लगे, और मेरे मुंह में अपने होठों को रगड़ने लगे मैं चेहरा इधर-उधर झटक रही थी कि वह अपने होठों से मुझे चूम ना पायें,पर जीजा एकदम से पकड़ के मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए, उनके बहुत गर्म होंठ मेरे होंठों को चूमने लगे और उनकी गर्म सांसे मेरी नाक में समाने लगी, और उधर नीचे अपने एक हाथ को मेरी पेंटी के नीचे फिर से घुसा कर मेरी चूत में जैसे उंगली डाली मुझसे रहा नहीं गया। और मुझे बिल्कुल पता नहीं कैसे क्या होने लगा,

मैं एक बार फिर से बोली की जीजा मुझे छोड़ दो मैं कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी, प्लीज मुझे जाने दो मत करो कुछ भी, पर जीजा कहां मानने वाले वो अपनी उंगली को मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगे, मुझे अब ना जाने कैसी अजीब सी सुरसुराहट और कपकपी पूरे बदन में होने लगी, जीजा की यह हरकत मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही थी, वह अपनी उंगली जोर जोर से अंदर बाहर चूत में करने लगे मैं कांपने लगी। और तभी जीजा का एक हाथ जो खाली था उससे बूब्स को दबा रहे थे, मेरे दोनों बूब्स ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगे, मैं अब कुछ बोल ही नहीं पा रही थी, मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा और मैं बिल्कुल मचलने लगी, जीजा बोले क्या मस्त माल हो बंध्या तुम अभी तक कितने लन्ड ले चुकी हो? मैं बोली यह क्या बोल रहे हो जीजा, आज तक मुझे किसी ने छुआ भी नहीं है, आप भी मत करो मुझे बहुत डर लग रहा है, ना जाने मुझे क्या होने लगा है छोटी बच्ची हूं, मुझे कुछ नहीं पता। तभी जीजा जोर से मेरे होठों को चूमने लगे और बोले बंध्या तुम बहुत बड़ी वाली हो, झूठ बहुत बोलती है। मैं अभी तुम्हारे चूत में उंगली कर रहा हूं वह शट-शट अंदर बाहर जा रही है, तुम चुप ही रहो भले ही ना बताओ, मैं थोड़ी सी अकड़ कर बोली अपने मन से कुछ भी मत बोलो जीजा, आज तक मुझे किसी ने छुआ भी नहीं करना तो दूर की बात है, हालांकि मैंने यह झूठ बोला मुझे कमलेश सर पहले मर्द है जिसने मेरे बदन को छुआ और मेरे चूत को चाट चुके थे। पर उन्होंने भी मुझे चोदा नहीं था।

तभी जीजा मेरे होठों को फिर से कस के चूम लिया अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, जीजा मेरे मुंह को खुलवाने लगे और जैसे ही मैंने अपना मुंह खोला, मेरे जीभ को अपने होठों से पकड़कर चूसने लगे और चाटने लगे। मैं अब बिल्कुल मचलने सी लगी, जाने कैसे मेरे हाथ जीजा के पीठ में चले गए और मैं हांफने लगी, तभी जीजा बोले बंध्या तुम बहुत मस्त माल हो, तुम मेरी रखैल बनना। मेरी हालत अब ये हो गई कि मैं अब कुछ नहीं करने की स्थिति में पहुंच गई थी, तभी जीजा बिस्तर से उठे और अपने कपड़े उतारने लगे, मैं उठकर बैठने लगी तो जीजा बोले, बंध्या अब नाटक की तो उठा कर पटक दूंगा, तुम्हारा मन है बहुत चुदवाने का है फिर ऐसा क्यों कर रही हो। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि आज के पहले सिर्फ कमलेश सर ने मुझे छुआ वह भी मेरे ही घर में मुझे छुआ था, तो मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी, पर जीजा ऐसा बोले तो मैं बिस्तर में ही रह गई। अब जीजा मेरी सामने अपनी शर्ट पैंट उतार के पहले अंडरवियर बनियान में आए मैं उनको देख ही रही थी, मेरे सामने अपना बनियान उतारा उनकी नंगी छाती देखी और फिर जैसे ही अपनी अंडरवियर नीचे खिसकाने लगे, कमर से नीचे करते ही जीजा का लन्ड बहुत लंबा और मोटा मेरे सामने तना हुआ खड़ा था, अपनी अंडरवियर उतार फेंकी जीजा पूरे नंगे हो गए, उनके लन्ड के पास बहुत सारे बाल थे, नंगे होकर जीजा मेरे बिस्तर पर चढ़ आए, मेरा सीना जोर जोर से धक धक करने लगा, मेरी सांसें बहुत तेज़ हो गई अब मुझे बहुत घबराहट होने लगी,

बिस्तर में आके मेरे सीने में हाथ रखकर मुझे बोला सीधी हो जाओ बंध्या मैं वैसी ही लेटी रही तो जीजा ने खुद पकड़ कर मुझे सीधा लिटा दिया और मेरी फ्रॉक को खींच कर ऊपर किया और गर्दन से उतार बाहर कर दी, अब मैं जीजा के सामने ब्रा और पैंटी में लेटी थी। जीजा बोले ओहहहहह गाड बंध्या तुम तो कयामत हो, क्या मस्त लौंडिया हो क्या माल हो मैं आज तक तुमसे मस्त माल नहीं देखा, इतनी हिरोइन फिल्मों में देखी, इतनी लड़कियां देखी कोई भी लड़की तुम्हारे आस पास भी नहीं, बंध्या तुम बहुत मस्त माल हो क्या गजब की चिकनी टांगे हैं तुम्हारी, क्या मस्त सेक्सी गहरी नाभि है, और क्या कड़क बूब्स लग रहे हैं, मुर्दे के सामने ऐसे चली जाओ बंध्या तो वो भी खड़ा हो जाए, कितने मस्त मस्त प्यारे लाल सुर्ख होंठ हैं, और उसमें प्यारी सी तुम्हारी सेक्सी नाक है, आंखों का तो कहना ही क्या है लगता है बिल्कुल चुदवाने का इशारा कर रही हैं। जीजा की यह बातें मेरे को अंदर से अच्छी लगी, इतने में जीजा मेरी पेंटी को धीरे से पकड़कर उतारने लगे, मैं बोली जीजा मत करिए हाथ जोड़ती हूं मुझे छोड़ दो बहुत डर लग रहा है कभी नहीं करवाया। पर जीजा कहां मानने वाले उन्होंने पैंटी को उतार फेंका अब मेरे बदन पर सिर्फ ब्रा बची थी,

जीजा ब्रा के ऊपर से ही दोनों बूब्स अपने दोनों हाथों से पकड़ कर जोर से दबाने लगे मैं चीख उठी, जैसे चीखी जीजा मेरे होठों को चूम लिए, और बोले इस तड़प और दर्द में बहुत मजा होता है बंध्या, फिर जीजा मेरी ब्रा के हुक पर हाथ रखकर ब्रा को खींच दिया हुक टूट गई ब्रा अलग हो गयी, मैं बोली मेरा ब्रा तोड़ दीया तभी जीजा बोले तुझे आज 4-5 ब्रा खरीदवा दूंगा चिंता मत कर, अब मैं जीजा के सामने बिस्तर में पूरी नंगी लेटी थी जीजा भी पूरे नंगे थे, इस तरह पहली बार आज कोई मर्द मेरे ऊपर मुझे पूरी नंगी करके और मेरे ऊपर पूरा नंगा होकर लेट गया, जीजा मेरे ऊपर चढ़ गये कि फिर मुझसे चिपक गए, मेरा अब हाल बहुत बुरा था मैं कुछ सोच नहीं पा रही थी कि यह सब क्या है? जीजा का शरीर बहुत गर्म होकर तप रहा था उनका सीना मेरे सीने से चिपक गया, मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए नीचे उनका लन्ड मेरी चूत में रगड़ खा रहा था, जीजा बोले बंध्या तुम्हारा जिस्म तो आग की भट्टी की तरह बहुत गर्म है, तुम प्यासी हो बहुत चुदासी हो, मैं यह बात समझ नहीं पा रही थी,

तभी जीजा उल्टे हो गए उन्होंने अपने पैर मेरे मुंह तरफ कर दिए और अपना मुंह मेरे पैरों तरफ मैं बोली जीजा छोड़ दो जाने दो मेरे मुंह से सिर्फ यही सब निकल रहे थे,जीजा को इन बातों से कोई मतलब नहीं था कि मैं क्या बोल रही हूं, मेरी क्या हालत है? उल्टा लेटने के कारण उनकी कमर मेरे मुंह की तरफ हो गई, और जीजा ने अपना मुंह मेरे पैरों तरफ करके मेरी टांगों को फैलाया और सीधे अपना मुंह मेरे चूत में रख दिया और अपने होठों से जैसे मेरी चूत को चुमा मैं उछल पड़ी, और मेरे मुंह से उंहहह निकल गया, जीजा अब अपनी जीभ से मेरी चूत चाटने लगे जैसे ही जीजा की जीभ मेरी चूत की रेखा पर चलती जा रही थी वैसे वैसे मुझे कुछ अजीब सा होता जा रहा था। उनका लन्ड मेरे चेहरे के पास टकराने लगा, तभी जीजा मेरी टांगों को और चौड़ा करके बोले बंध्या क्या मस्त चिकनी सुर्ख लाल चूंत है तुम्हारी ओह माय गॉड और जमकर अपने होठों से जीभ से चूमने और चाटने लगे,

मेरे मुंह से अपने आप लगातार सिसकारियां निकलने लगी, जीजा अब अपनी एक उंगली भी मेरी चूत में घुसा दिए और उसे अंदर बाहर करने लगे जैसे ही उंगली अंदर घुसती मैं उछल पड़ती, जीजा बोले क्या हुआ मेरी सेक्सी साली बंध्या, मैं बोली मत करो जीजा मुझे पता नहीं क्या हो रहा है, मुझे बहुत घबराहट हो रही है तभी जीजा उंगली और तेजी से चलाने लगे और अब अंदर मेरी चूत से रस निकलने लगा उस चूत रस को जीजा जीभ से चाटते भी जा रहे थे, बोले क्या मस्त सुगंध है तुम्हारी चूत की बहुत प्यारी महक है और अपनी नाक मेरी चूत में रगड़ने लगे, फिर मेरी टांगों को फैलाकर मेरी चूत में पूरी जीभ को घुसा दिया, जोर सी सी सी सी उहहहहह ओहहहहह करने लगी, तभी जीजा बोले बंध्या मेरे लन्ड को मुंह में ले लो मैं बोली नहीं मुझे यह सब नहीं करना मुझे नहीं पसंद है। तभी जीजा ने अपनी पूरी जीभ अंदर मेरी चूत में जोर से डाल कर बहुत तेजी से जीभ चलाने लगे, अब मैं ना चाहते हुए भी जीजा का लन्ड हाथ में पकड़ ली और जैसे ही जीजा ने चूत को दोनों हाथों से अपने रगड़ने लगे और जीभ को बहुत अंदर तक चूंत में डाले, मुझे कुछ समझ नहीं आया किस कारण किस जोश में किस नशें में मैं जीजा का लौड़ा अपने आप मुंह में घुसा ली मुझे कुछ समझ नहीं आया और मैं जीजा का लन्ड अपने मुंह में अंदर बाहर करने लगी।

जीजा के लन्ड में अजीब सी गंध थी पर मुझे कुछ होश नहीं था। तभी जीजा बोले बहुत मस्त लौड़ा चुस्ती है बंध्या, लगता है तू बहुत लोगों का लन्ड चूस चुकी है और बहुत बड़ी रंडी है फिर भी झूठ बोलती है कि आज तक किसी ने नहीं किया। मैं सुन रही थी परन्तु पहली बार जाने क्यूं अब यह बात मुझे बुरी भी नहीं लगी, जबकि मैं मन-ही-मन सोची कि आज तक में सिर्फ कमलेश सर का ही लन्ड चूसी हूं और जीजा झूठ बोल रहे हैं। मेरे अब तक के जीवन में आज जीजा का दूसरा लन्ड है जिसे चूस रही हूं। तभी जीजा बोले बंध्या अब तुम चुदासी हो और चुदवाने के लिए बहुत तड़प रही हो, और मुझे बोले तुम बहुत पागल हो रही हो चलो तुम्हारी आज चूत की प्यास, तेरी चूंत की खुजली मिटा देता हूं। बंध्या बहुत मजा आएगा तुझे और जीजा उठ गए सीधे होकर मेरी टांगों की तरफ आकर बैठ गए, और अपना लन्ड पकड़ के मेरी चूंत को फैलाकर मेरी कमर ऊपर उठाया और एक तकिया मेरी कमर के नीचे रखा, जीजा बोले कि बंध्या क्या पतली कमर और मस्त प्यारी सी टाइट चूत है तुम्हारी, बंध्या तुम भले ही कितना चुदाई करवाती रही हो, पर लगता है जैसे बिल्कुल फ्रेश माल हो। मैं बोली कोई नहीं छुआ मुझे आज तक ना कुछ किया,

आज आप भी मत करो मैं डर रही हूं जीजा, मान जाओ मत घुसाओ कहीं कुछ हो गया तो बहुत डर लग रहा है। पर जीजा एक ना माने और अपना लन्ड पकड़ कर मेरी टांगों को फैलाया और अपने कंधे में मेरी टांगें चढ़ा ली और बोले बंध्या क्या मस्त चिकनी चूत है तेरी फिर सीधे अपने लन्ड को मेरी चूंत में रख दिया, आज मेरी लाइफ में पहली बार लन्ड ने चूत को छुआ और किसी मर्द का लौड़ा चूंत में जाने को घुसने को तैयार है। जीजा मुझे अपनी तरफ खींचे तो उनका लन्ड मेरी चूंत में फिट हो गया और थोड़ा सा ही घुसा तो मुझे दर्द होने लगा मैं चिल्ला उठी तो जीजा बोले आराम से चिल्लाना नहीं रोना नहीं, जीजा का लौड़ा बहुत मोटा था इसलिए मेरी चूंत में अब भी पूरा का पूरा फिट नहीं हो रहा था, मेरी चूत बहुत छोटी और टाइट थी जीजा का लन्ड बहुत मोटा था परंतु मेरी चूंत बह रही थी तो उसमें बहुत चिकनाहट थी, जीजा बोले बहुत चिकनी चूंत है तेरी बंध्या रस बहुत बह रहा है इसलिए दिक्कत नहीं आएगी, शुरु में थोड़ा दर्द होगा सह लेना मैं कुछ ना बोली, सच बोलूं तो अंदर से मन कर रहा था कि कमीना जीजा जोर से अपना लन्ड मेरी चूंत में डाल दे चाहे जो भी हो बस जो मुझे हो रहा है वह मेरा शांत करें।

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जीजा ने अपना लन्ड थोड़ा सा मेरी चूंत में दबाया मुझे बहुत दर्द का एहसास हुआ और गले में मेरे प्राण आके अटक गये, मैं जीजा को हाथ से धक्का देने लगी जीजा दोनों हाथ पकड़ लिए और एक जैसे ही धक्का लगाया उनका लन्ड मेरी चूंत का दरवाजा फाड़ता हुआ अन्दर चूंत में घुसा लगा मर गई फट गयी मेरी चूंत जैसे कोई चाकू मार दिया हो। मेरी चूंत में असहनीय दर्द हुआ मैं जोर से चिल्ला उठी, जीजा ने फिर से मेरी चूंत में लन्ड का धक्का लगाया और चूंत में मेरी और अंदर डालना चाहा, मुझे बहुत दर्द हो रहा था और जीजा लन्ड मेरी चूंत में घुसाने में लगे थे, दर्द के कारण मुझे गुस्सा आया मैं बहुत जोर से गाली देने लगी, जीजा कुत्ते मार डाला बहुत जोर से चिल्लाई इतना दर्द हुआ कि मुझे कुछ होश नहीं रहा, मैं पूरी ताकत से चिल्लाने लगी रोने लगी तभी जीजा बोले साली कुतिया रंडी चिल्ला मत मोहल्ले को इकट्ठा करेगी क्या? पूरा मोहल्ला आ जाएगा फिर मुझे कोई कुछ नहीं बोलेगा समझी, सब तेरी चूंत को ही चोदेंगे ये समझ ले तू, बंध्या चुप रह 2 मिनट बस घुसने ही वाला है थोड़ा दर्द होता है, उसके बाद तो जन्नत का मज़ा है, मैं बोली छोड़ कुत्ते कमीने मत कर साले घटिया जीजा मादरचोद छोड़ जो गालियां आती थी सब दे डाली, और रो भी बहुत रही थी ।

पर जीजा को कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था वो फिर से अपना लन्ड घुसाने में लग गए बस एक इंच ही अंदर मेरी चूंत में और घुसा लन्ड कि इतने में खिड़की से खट खट की आवाज आई एक खिड़की किसी ने खींच कर खोल भी दिया और हम दोनों को उसी चुदाई की हालत में देख कर बहुत जोर से जीजा को गाली देकर वो चिल्लाया बोला दरवाजा खोल गांडू शुक्ला, जीजा फटाक से डर के उठे बोले मकान मालिक है, साली चिल्लाकर गड़बड़ कर दी और उठ खड़े हुए जल्दी से सिर्फ अंडरवियर पहना तभी मकान मालिक बोला खोल कमीने दरवाजा 1 मिनट में नहीं साले बंद करा दूंगा। जीजा ने 1 मिनट में जल्दी से दरवाजा खोला मकान मालिक अंदर आ गए, मैं जल्दी से बिस्तर वाला चद्दर ही बस अपने नंगे बदन में लपेट पाई थी, तभी मकान मालिक जीजा को गाली देते हुए तीन चार थप्पड़ मारे, बोले यह रंडी छिनाल कहां से लाया है मेरे घर में, किराया से रहने के बहाने रंडीबाजी करता है छिनालो को लाता है। यहां साले रंडी चोदता है बहुत गाली बकी जीजा को और मुझे बोले जब रंडीबाजी करनी है छिनाल तो चुदवा जैसे चुदवाना है चिल्ला कर पूरे शहर को क्यों बुला रही है। जीजा के मकान मालिक मेरी तरफ घूरते कर देखे और जीजा को कॉलर पकड़ के पीछे एक लात मारे और बोले हट जा साले मेरे घर में गलती से भी दिख मत जाना नहीं जेल में बंद करा दूंगा यह कह कर भगा दिए, जीजा डर के मारे भाग गए।

अब रूम में मैं बची और मकान मालिक वो मुझे बोले रूक रंडी तेरी भी अब खैर नहीं, और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। मुझे डर के मारे ऐसा लग रहा था कि मेरे प्राण निकल जाएंगे बिल्कुल अब कांपने लगी थी और मुझे रोना आने लगा। तभी मकान मालिक बिस्तर पर बैठ गए मैं भी चादर ओढ़े बैठी थी, मुझसे पूछे अपना नाम बता मैं डर के मारे चुप रही वो फिर जोर से चिल्लाया साली रंडी नाम बता। मैं बोली बंध्या नाम है मेरा, फिर पूंछे कितने पैसे में आई है और तू कहां की है। मैं बोली आप मुझे गलत समझ रहे हैं मैं वैसी लड़की नहीं हूं, वह थोड़ा हंसे और बोले साली सब रंडियां ऐसे ही बोलती हैं, देख तू तो चेहरे से, आंखों से, बातों से सबसे पूरी छिनाल वैश्या लग रही है। मुझे पहचान है मेरे बाल सफेद हो गए तुझे नहीं दिखता तू एक नंबर की रंडी है। अपना नहीं चल अपने मां बाप के बारे में बता कहां से है और पूरा पता बता अपने बाप का मोबाइल नंबर बता, और मां बाप से बात करा तभी मैं तुम्हें यहां से जाने दूंगा, मैं अपना एड्रेस बता दी, अपने गांव का नाम मेरे पापा , मम्मी का नाम है अपनी एडयुकेशन सब बता दिया । और यह बताया कि जो आपके किरायेदार हैं और अभी मेरे साथ रहे हैं वो मेरे जीजा के सगे भाई हैं, मकान मालिक बोले सुन मुझे राजेश वर्मा कहते हैं बहुत फेमस हूं, उड़ती चिड़िया के पंख पहचान लेता हूं पचास साल का ऐसे ही नहीं हो गया, फिर भी तुने पैसे तो चुदवाने के लिए ही होंगे,

मैं बोली मम्मी कसम सच बता रही हूं, मैंने रूपये नहीं लिया है मैं वैसी लड़की नहीं हूं। जीजा सिर्फ ड्रेस दिलाने का बोल कर ले आए थे मैं मना भी कर रही थी पर नहीं माने और मेरे साथ करने लगे, मकान मालिक राजेश वर्मा बोले तू बंध्या घर से अकेले आई है ड्रेस लेने आई है जीजा के साथ, इतना सेक्सी मेकअप करके, लिपिस्टिक बिल्कुल छिनाल जैसे लगाई है, तुम तो घर से सोच कर तय कर के चुदाई करवाने आई है, और मुझे अपनी बातों से बेवकूफ बनाती है, क्या तू नहीं जानती यह जितने जीजा होते हैं सब साली को चोदते हैं, और सालियां भी जीजा से चूंत की खुजली मिटवाती हैं, यह कोई नई बात नहीं है न इसमें कोई बुराई है। सबसे बुरी बात यह है कि तू जानती है कि तू यहां होश में रहकर जानबूझकर चुदवाने आई है और अब सती सावित्री बन रही है, और मुझे अपनी बातों से बेवकूफ बना रही हो। अब मैं मन ही मन सोचने लगी कि इनको कैसे मेरे अंदर मन की बात पता हो गई यह बात बिल्कुल सच है कि जब जीजा मुझे ड्रेस दिलाने के लिए घर आ रहे थे, जीजा के साथ आने के लिए मैं जब तैयार होने के लिए नहाने गई तो मेरा ध्यान गया कि नीचे मेरे में कुछ बाल हैं चूत में मैंने पापा के रेजर ब्लेड से अपनी नीचे चूत के बाल साफ किए,

और अपने आप मन में आ गया जो कमलेश सर ने कहा था कि जब भी मौका मिले किसी भी मर्द के साथ तो चुदाई करवा लेना बहुत बहुत मजा आएगा तुझे बंध्या, मुझे एक दम से सुरेन्द्र जीजा का ख्याल आया और उनकी बातों का कि जो सुरेन्द्र जीजा अपने घर में मुझसे बोले थे कि बंध्या लगता है यही तुम्हें चोद दूं और तुम्हारी चीख निकाल दूं, मेरा बहुत बड़ा लन्ड है लड़कियां तरसती हैं मुझसे चुदवाने को यही यही बात मेरे दिमाग में मन में चलने लगी और मैं एकदम से गर्म हो गई सिर्फ सोच सोच कर दो बार मेरी पैंटी गीली हो गई आज लाइफ में पहली बार मेरी पैंटी गीली हो रही थी, मैं दो पैंटी बदल चुकी थी एक घंटे के अंदर ऐसा क्यों हो रहा यह भी नहीं मुझे मालूम, आज सब यह इस तरह का मेरा पहला एक्सपीरियंस है मैं फिर सोचने लगी कि आज मुझे सुरेंद्र जीजा चोदेंगे और मैं इस लिए सिंगल पीस की घुटनों तक की फ्रॉक पहन ली, कि जीजा जहां चाहे फ्रांक ऊपर करके मुझे चोद दे, मैं बिल्कुल आज मन में तय कर चुकी थी कि जीजा मुझे चोदेंगे और मैं उनसे उनका लोड़ा घुसवाऊंगी। पर यह बात मकान मालिक शिव शंकर शुक्ला को कैसे पता चल गई मैंने तो कुछ बताया नहीं पर जो मकान मालिक बोले बिल्कुल सच था,

अब मैं सोच में पड़ गई की मकान मालिक को मेरे मन के अंदर की बात कैसे पता चली? तभी वह मुझसे बोले कि बंध्या दिखने में जो तुम्हारा लुक है वह बहुत सेक्सी है बहुत हॉट है कोई भी तुम्हें चोदना चाहेगा। वो मुझे घूरने लगे और फिर बोले लगता है वह सुरेन्द्र तुम्हें प्यासी और तड़पता छोड़ गया, चलो मैं आज तुम्हारा काम कर देता हूं और मैं तुम्हें ड्रेस भी दिला दूंगा। मैं बिल्कुल डर गई कि यह कैसी बात कर रहे हैं?इनकी उम्र 50 साल के ऊपर है और ऐसी बातें कर रहे हैं। मैं बिल्कुल रोने सी लगी तभी मकान मालिक मुझे उपर से नीचे तक घूरने लगे एकटक देखने लगे और मुझसे लिपट गए। मैं रोने ही लगी तभी अपने बदन पर जो चादर ढकी थी उसे हटा दिया मैं उनके सामने बिल्कुल नंगी हो गई, वो बोले तू तो बहुत जबरदस्त माल है बंध्या आज मुझसे चुदवा लो वादा है अपने जीजा को भूल जाएगी, और मेरे होठों को चूमने लगे और मेरे दूध दबाने लगे जैसे ही बूब्स को अपने मुंह में भरने लगे मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगी बचाओ तब मुझे छोड़ें, मकान मालिक मुझे गाली देने लगे बोले बंध्या तू इतनी बड़ी छिनाल होकर चिल्ला रही है चल आज तेरे घर चलता हूं और तुझे बताता हूं, 3 दिन के अंदर या तो तू अपने घर में खुद बता देना कि मैं यह सब करती हूं, रंडी बनकर चुदवाती हूं,

नहीं मैं तेरे घर आकर तेरे मां बाप से खुद बताऊंगा। चल आज तो तू निकल जा मैंने फटाफट कपड़े पहने और डरते हुए वहां से निकल आई। मुझे घर आते हुए बहुत डर लग रहा था कि अब मेरे घर में यह बात पता चल जाएगी, मैं घर कैसे तो घबराते हुए पहुंची। अपनी यह सारी बात तो नहीं पर मैंने इस डर से कि अगर मकान मालिक घर में बता दिया तो पता तो चल ही जाएगा, इसलिए मैंने खुद अपनी दीदी को यह बताया कि दीदी मुझे आपके देवर सुरेंद्र ड्रेस दिलाने के बहाने सतना ले गए मैं उनके साथ चली गई तो वह किराए के अपने कमरे में ले गए और फिर मुझसे जबरदस्ती करने लगे। और मुझे बोले मैं तुमसे प्यार करता हूं और आज मुझे तुम्हारे साथ सोना है, मैं उनसे लड़ पड़ी छीना झपटी की और रोने लगी चिल्ला दी तब जाकर उनसे कैसे तो बचकर आई हूं। मैंने दीदी से बहुत सारा झूठ बोल दिया अपने बचने के लिए, जबकि सच यह है कि मैं जो बात चीत हुई थी उसके अनुसार मैं अपनी मर्जी से जीजा के साथ गयी थी और मेरा खुद का भी मन था सेक्स करने का, अब मेरी दीदी ने अपने ससुराल में हंगामा कर दी ,

दीदी ने अपने हस्बैंड से यह सब बात बताई और बोली तुम्हारा भाई राक्षस है, मेरी बहन के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की, बंध्या बेचारी अभी बहुत छोटी और भोली मासूम है। बहुत हंगामा हुआ और सुरेंद्र जीजा को सब ने बहुत गालियां दी और बहुत बेइज्जत घर में किया, फिर मेरी दीदी मुझसे बोली यह बात मम्मी पापा को वहां नहीं पता होना चाहिए कैसे भी बंध्या तुम घर में कोई जिक्र नहीं करना, मैं यहां उसको बहुत बेज्जती गाली और सब कर्म करवा दी। मैं बोली ठीक है दीदी इस तरह से मैं अपने घर में मम्मी पापा से भाई से सब छुपा रखी थी। अभी इस बात के चार पांच दिन ही हुए थे कि एक दिन दोपहर में मेरे घर के दरवाजे के सामने एक मोटरसाइकिल खड़ी हुई,और दरवाजा किसी ने खटखटाया इत्तेफाक से गेट खोलने मैं आई, तो देखा सुरेंद्र जीजा का मकान मालिक शिव शंकर मेरे दरवाजे पर के सामने, मैं उन्हें देख कर डर गई और बहुत ही घबरा गई मुझे कुछ समझ नहीं आया, मैं उन के सामने हाथ जोड़ ली और बोली आप क्यों आए हैं? तो वह बोले तुम्हारे पापा मम्मी से बात करना है, चलो मुझे उनसे मिलना है।

मैं उनके हाथ जोड़ने लगी मैं बोली प्लीज धीरे से बोलिए आप और यहां से चले जाइए मैं मुंह दिखाने लायक नहीं बचूंगी, मुझे घर से निकाल देंगे, आप मम्मी पापा से कुछ मत बताइए प्लीज हाथ जोड़ती हूं, मकान मालिक बोले ठीक है वापिस चला जाऊंगा, कुछ नहीं बताऊंगा लेकिन एक शर्त पर, तुम मेरे से मिलने आओगी। मुझे खुश करोगी तुम्हें इतना अच्छे से करूंगा कि तुम जन्नत में रहोगी वादा, तुम बेवजह डर रही हो,उस दिन सुरेंद्र से घुसवा ही रही थी और किसी से करवाओगी ही तो मुझमें भी कांटे नहीं लगे, सबसे बेस्ट करूंगा, फाइनल बोलो आओगी या नहीं या फिर तुम्हारे मम्मी-पापा से मैं मिलकर जाऊं, मैंने डर के मारे बिना कुछ सोचे समझे मैंने कह दिया कि ठीक है अंकल मैं मिलने आऊंगी। पर प्लीज अभी जल्दी चले जाइए मुझे डर लग रहा है, मैं पक्का 3 दिन के अंदर आपसे मिलने आऊंगी। और जाते-जाते मकान मालिक बोले अगर 3 दिन में तुम नहीं आई बंध्या तो अब मैं तीसरे दिन तुम्हारे घर में सब तुम्हारे कारनामे तेरे मम्मी पापा से बताऊंगा। और वह चले गए मैंने राहत की सांस ली और फिर मैंने रात में सुरेंद्र जीजा को फोन लगायी,

बोली जीजा वह आपका मकान मालिक मेरे घर आया था और मेरे घर में आकर बोला कि मेरे पापा मम्मी को सब बताना है, मैं बहुत डरी हुई हूं प्लीज जीजा मुझे बचाओ, तभी सुरेंद्र जीजा बोले तुम तो मुझे को मेरे घर में मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ी, मैं तुम्हारा चेहरा भी नहीं देखना चाहता और दोबारा मुझे फोन भी मत लगाना। तुमने सब झूठ बोला कि मैं तुम से जबरदस्ती कर रहा था, जबकि तुम ड्रेस के बदले मुझसे चुदवाने को तैयार हुई थी, पर तुम ऐसा क्यों की हो, मैं अब कभी जिंदगी में अपने घर में सर उठा कर नहीं रह सकता। मैं बहुत शर्मिंदा हुई और बोली सॉरी जीजा मैं डर गई थी कि वह मकान मालिक ने मुझे धमकी दिया था कि सब बता देगा, तो मैं डर के मारे बता दी। मुझे माफ कर दो सॉरी, और प्लीज कैसे भी मकान मालिक को अपने रोको। जीजा बोले वह बहुत हारामी और गंदा मकान मालिक है वह नहीं मानेगा, कैसे भी तुम्हें उससे मिलना ही पड़ेगा नहीं वह किसी सूरत में नहीं मानने वाला। तो मैं बोली कि वह क्या मेरे घर आ जाएगा? तो जीजा बोले हां पक्का आ जायेगा, वैसे तुम क्या बोली हो मकान मालिक से,

मैं बोली कि मैने बोला कि मैं 3 दिन के अंदर मिलने आऊंगी पक्का वादा अभी चले जाओ। तो जीजा बोले तुम चली ही जाना नहीं वह तीसरे दिन आ जाएगा, तो मैं बहुत डर गई और मैं सुरेंद्र जीजा को बोली प्लीज मेरे साथ चलना प्लीज, जीजा आप मेरे साथ रहना वरना मैं अपने आपको नहीं छोडूंगी और भाग जाऊंगी। तो जीजा बोले मेरा मन तो नहीं करता पर तुम कहती हो तो चलो तुम्हारे साथ चलूंगा। और जीजा कैसे भी तो तैयार हुए, तीसरे दिन मैं बोली कि आपको सतना बस स्टैंड में मिलूंगी आप आ जाना। और अपने मकान मालिक के पास ले चलना। तीसरे दिन मेरे मन में फिर से वही सब ख्याल आने लगा कि आज मुझे चोदेंगे मकान मालिक, सिर्फ उन्हीं का सोच कर मेरे अंदर कुछ खलबली सी और गुदगुदी सी भी हो रही थी, वो जो बोलकर गये थे वही सब सोच-सोचकर मैं बिल्कुल अंदर से ना जाने क्यूं इक्साइटेड हो रही थी, मेरी पैंटी गीली हो गई, मैं बहुत अच्छे से मेकअप करी,

आज मैंने रेड कलर की स्कर्ट और ऊपर व्हाइट टॉप पहना नीचे मैंने ब्रा नहीं पहनी, सिर्फ पैंटी पहनी और जल्दी सुबेरे 9:00 बजे मम्मी से झूठ बोलकर बहाना बनाकर मैं सतना गई। तभी वहां मुझे बस स्टैंड के पास काफी हाउस के सामने थोड़ी देर में सुरेंद्र जीजा अपनी बाइक लिए खड़े मिले, मैं उनके साथ बैठ गई और जीजा बोले आज बंध्या तुम बहुत हॉट लग रही हो एक नंबर की, तुम पूरा मन बना कर आज मेरे मकान मालिक से चुदवाने आई हो, क्या मस्त सेक्सी ड्रेस पहना है मुझे नहीं दोगी क्या? मैं कुछ नहीं बोली, फिर मैं बोली जीजा आप वहां कमरे में मेरे साथ रहना, तो वह बोले वह बहुत हरामी पागल है, तुम्हारा दिमाग तो ठीक है, मकान मालिक मेरा तुम्हें चोदेगा तुम्हारे साथ सोएगा और मैं वहां खड़ा देखूंगा क्या पागल नजर आता हूं तुम्हें, मैं नहीं रहूंगा। तो मैं बोली प्लीज जीजा नहीं रहोगे तो मैं फिर लौट के घर नहीं जाऊंगी, तो जीजा बोले चलो देखता हूं, अब मकान मालिक के घर पहुंच गए ऊपर जैसे जाकर नाक किया मकान मालिक निकला, मुझे देख कर ऊपर से नीचे तक घूरने लगा और बोला वाह बंध्या क्या मस्त हो, सच में बहुत मस्त माल हो और गेट खोला। मैं बोली अंदर तब आऊंगी जब यह सुरेंद्र जीजा भी अंदर रहेंगे वरना मैं यहीं से वापिस चली जाऊंगी मैं अंदर नहीं आऊंगी। तो बोले कोई बात नहीं जब तुम्हें प्रॉब्लम नहीं तो सुरेंद्र आजा तू भी अंदर रहना कोई दिक्कत नहीं।

और सुरेंद्र जीजा और मैं अंदर चले गए अंदर जाते ही वह मकान मालिक ने रूम बंद कर दिया अंदर से, और अपने कमरे पर ले गया जहां डबल बेड लगा हुआ था, तभी मैं देखी बहुत अच्छा बेडरूम था, मकान मालिक शिव संकर बोला कि सुरेंद्र ड्रिंक करेगा तो सुरेंद्र जीजा बोले नहीं आप कर लो, वह एक दारू का बोतल निकालें और मेरे सामने आधी ग्लास से ज्यादा भर के पी लिए, मैं डर रही थी घबरा रही थी मैं कुछ नहीं बोली, मेरे पास ग्लास लेकर आए बोले बंध्या तू भी पिएगी, आज पीले तुझे बहुत मजा आएगा मैं बोली नहीं मैं नहीं पीती ना कभी पियूंगी, तो वह तुरंत जल्दी-जल्दी दो ग्लास दारु पिए, और सीधे आकर मुझे अपनी बाहों में भर लिया,और मेरे सामने खड़े होकर मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए बहुत गर्म थे उनके होंठ मेरा दिल जोर से धड़क उठा जैसे ही मेरे चूमने लगे, उनके मुंह से हल्की हल्की दारू की महक आ रही थी, मैं बोली महक आती है आपके वाइन की तो बोले अभी बहुत मजा आएगा तुझे, और फिर उन्होंने मेरे स्कर्ट को ऊपर किया और नीचे बैठ गए, मकान मालिक शिव शंकर बोले बहुत मस्त माल है तू बंध्या तुझे कैसे छोड़ता,

तू आ गई वरना मैं तेरे घर आ ही जाता । मैं कुछ नहीं बोली तभी मेरे पेंटी के ऊपर से ही जहां मेरी चूत थी वहां चूम लिया और बोले क्या मस्त खुशबू है तेरे चूत की, बहुत गजब की आइटम है तू और पेंटी के ऊपर से ही जहां मेरी चूंत है उस फूली हुई जगह पर अपनी नाक रगड़ने लगे, मुझे गुदगुदी सी होने लगी और अजीब सी सुरसुराहट चूत में महसूस हुई। वही सामने सुरेंद्र जीजा खड़े सब देख रहे थे, मकान मालिक खड़े होकर मुझे गले से लगा लिया बोले कि बंध्या तुम्हारे होंठ बहुत रसीले हैं लगता है इन्हें चूसता रहूं और यह कहते हुए मेरे होठों को चूसने लगे। साथ में मेरा टॉप ऊपर करके मेरी नाभि में अपनी उंगली चलाने लगे, उनके छूने का तरीका कुछ इस तरह का था कि मैं थोड़ी ही देर में अलग सा महसूस करने लगी और मेरे बदन में टूटन होने लगी, पर मैं फिर भी मकान मालिक को बोली प्लीज मैं आपसे बहुत छोटी हूं, आपने कहा था तो मैं आ गई लेकिन अब मुझे जाने दीजिए, मुझे मत कुछ करिए बहुत डर लग रहा है। तो वह शिव शंकर जो जीजा के मकान मालिक हैं उन्होंने कहा कि उस दिन जब सुरेंद्र लन्ड घुसा रहा था तब तो तुम टांगे ऊपर करके बहुत उछल रही थी पर अब क्या हुआ ? मैं बोली एक बात कहूं मैं आज यह नहीं आपसे करवाना चाहती मुझे जाने दो,

और मैंने हाथ जोड़ लिया। तब मकान मालिक बोले बंध्या एक काम कर मुझे सिर्फ पंद्रह मिनट दे दे 15 मिनट बाद तुम यहां से चली जाना ठीक है, पता नहीं क्यों मैं खुशी भी हुई, और सच बोलूं तो अंदर से मन में लगा कि लगता है अब यह नहीं चोदेंगे मुझे पर मैं खुश होकर बोली थैंक यू अंकल, मकान मालिक बोले लेकिन इन 15 मिनट में मुझे कुछ भी जो मैं करूं वो करने से रोकोगी नहीं, मैं बोली फिर क्या मतलब आप 15 मिनट के अंदर ही अंदर डाल कर सब कर लेंगे, मकान मालिक बोले कि मैं तुम्हारे अंदर नहीं डालूंगा, बाकी सब सब कुछ करूंगा, डालने के अलावा। पन्द्रह मिनट तक तुम कोई ड्रामा नहीं करोगी, मैंने सोचा थोड़ा फिर बोली ठीक है उसके बाद तो मुझे जाने दोगे, मकान मालिक बोले बिल्कुल चली जाना, मैंने कहा ठीक है तो फिर,अब मकान मालिक मेरे सामने आए और सीधे मेरी स्कर्ट को पकड़ा ऊपर उठाया फिर ना जाने क्या उनके दिमाग में आया सीधे खींच कर नीचे उतार दिया, मैं उनके सामने ऊपर टॉप में जो मेरी नाभि के नीचे तक थी, और नीचे सिर्फ पैंटी में मुझे खुद शर्म आने लगी,

इस बार मकान मालिक बिल्कुल सामने खड़े हो गए और बोले बंध्या तुम पूरी कयामत हो तुम्हारे जैसी मैंने परफेक्ट फिगर की लड़की आज तक नहीं देखी, तुम यह देखो और उन्होंने कहते हुए मेरे पैंटी के ऊपर चूत के उपर जहां फुली हुई जगह थी,वहां पर हाथ रख दिया और बोले यहां तो आग लगी हुई है तुम्हारी पैंटी भी बहुत गर्म है, और उन्होंने मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से ही दबा दिया, बोले यह बहुत फूली है पता है फूली चूत बहुत सेक्सी और चुदासी लड़की की रहती है। मैं यह सब नहीं जानती थी,मैं खड़ी थी वह बैठकर मेरी पैंटी के ऊपर से फूली हुई जगह पर अपनी नाक रख दिए और बोले बहुत सुगंधित महक आ रही है तुम्हारी चूत से और मेरी जांघों को खड़े-खड़े ही चूमने लगे और मेरी चूत के ऊपर फूली जगह पर पेंटी के ऊपर से ही बहुत चूम रहे थे, इसके बाद टॉप को थोड़ा ऊपर करके मेरी कमर से लिपट गये और मेरी नाभि पर अपनी जीभ से चाटने लगे और नाभि को करीब 3,

4 मिनट तक चूमते रहे उधर मेरे फूली हुई जगह को पैंटी के ऊपर से चूत को दबाते जा रहे थे, मुझे थोड़ा-थोड़ा कुछ होने लगा यह सब सुरेंद्र जीजा देख रहे थे और फिर सुरेंद्र जीजा बोले कि अंकल मुझे भी ड्रिंक करना है। मैं आपकी दारू पी सकता हूं करता? अंकल बोले हां बिल्कुल सुरेंद्र तुम ले लो सामने रखी है, सुरेंद्र जीजा गए और उन्होंने फुल ग्लास दारु भरकर पीने लगे, मैं उनको देख रही थी उनका पेंट का जिप जहां होता है वह बहुत उठा हुआ था, मैं समझ गई कि जीजा भी अब एक्साइटेड हो गए लगता है, तभी मकान मालिक नाभि चूमने के बाद मेरे टॉप के अंदर से हाथ मेरे सीने में पहुंचा दिया, उनका हाथ सीधे मेरे नंगी बूब्स दूध पर पहुंच गया जैसे हाथ से मेरे दूध को छुआ मेरे मुंह से एक सिसकी निकली तभी मकान मालिक बोले यार बंध्या तू तो फुल चुदवाने के मूड में आई है, फिर क्यों इतना नाटक करी तूने, आज तो तुमने अंदर ब्रा भी नहीं पहना ऐसा लड़की तभी करती है जब उसे चुदाई करवानी हो या दूध दबवाने हो, मैं शरमा गई कुछ नहीं बोली क्यों कि ये बात मकान मालिक सच ही बोले, अब मकान मालिक अंकल खड़े हो गए और टॉप के ऊपर से ही मेरे सीने में किस किया और मुझसे लिपट गए मेरे को गले से लगा लिया, उनका शरीर बहुत भारी भरकम था और सीधे अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिया उधर नीचे उनका लन्ड खड़ा होके तन गया था सीधे मेरी चूंत पर पेंटी के ऊपर से ही सटा कर खड़े-खड़े अपनी कमर को रगड़ रहे थे,

होंठों पर होंठ रखे होने से उनकी गर्म सांसे मेरे नाक की बहुत गरम सांसो से टकराने लगी, मुझे अब कुछ कुछ होने लगा, मुझे धीरे-धीरे जाने क्या सुरूर चढ़ने लगा। जीजा मेरे सामने आकर खड़े हो गए और उनके हाथ में दारू का ग्लास था और वह अपने हाथ से अपने लन्ड को पैंट के ऊपर से ही दबा रहे थे,मकान मालिक मेरे पीछे आ गए और बोले हाथ ऊपर करो बंध्या, मैंने नहीं की तो अपने आप करवाए और मेरे टॉप को नीचे से खड़े- खड़े उतार दिया, जैसे ही मेरा टॉप उतरा तब पीछे खड़े मकान मालिक सीधे मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी पीछे गांड में अपना लन्ड रगड़ने लगे और पीछे से मेरे दोनों दूध कस के पकड़ लिए, उधर मेरे सामने खड़े सुरेंद्र जीजा पैंट की ज़िप खोलकर अपना सामान अंदर से बाहर निकाल लिया,

मैं बिल्कुल एकटक सुरेंद्र जीजा का लन्ड देखने लगी, वह बड़ी बेशर्मी से मेरे सामने अपने हाथ से अपना लन्ड रगड़ने लगे, तभी मकान मालिक बोले क्यों बे सुरेंद्र कंट्रोल नहीं होता क्या? सुरेंद्र जीजा बोले ऐसी आइटम को चुदते देखने में भी मजा है अंकल मुझे ऐसे ही मजा आ रहा है, आप फुल इन्जावाय करो बंध्या के साथ आपको इससे सेक्सी सुंदर और पर्फेक्ट फिगर वाली कोई दूसरी लड़की नहीं मिलेगी, बंध्या को अपने नंगे देख लेने पर जन्नत का मजा मिल जाता है, मैंने बंध्या को अपने गांव में एक बार लैट्रिन करने के लिए बाहर मैदान में इसने अपनी पैंटी उतार कर बैठी थी, मैं झाड़ी में छुप के देखने लगा तब पहली बार बंध्या की मस्त चूंत और गांड़ बिना कपड़ों के देखा, और फिर आकर जहां कपड़े बदलती थी वहीं छुप गया तब पहली बार इसको पूरे कपड़े उतार के नंगे देखा तो उसी समय मैं पागल सा हो गया था, तब से आज तक मैं बंध्या को सोचकर दिन में तीन से चार बार मुट्ठ मार कर अपने लन्ड को शांत करता हूं, बंध्या को बिना कपड़े नंगी देखकर ही हर कोई अपने होश खो बैठेगा और जो इसे छू ले उसकी तो जिंदगी ही बदल जाए बहुत सेक्सी बहुत हॉट माल है। अंकल आप बहुत लकी हैं जो आज इसको आप अपने हाथों से बंध्या की गांड, दूध दबा रहे हैं और होठों को चूस रहे हैं, बंध्या की नाक बहुत सेक्सी है उसको भी मुंह में भर लेना चूसना, बहुत परफेक्ट है इसका एक एक अंग,

अंकल आप बंध्या को आज सटिस्फाइड कर दो, अंकल ऐसे ही आप दोनों को देखकर मुझे बहुत मजा आ रहा है, तभी अंकल बोले यार सुरेंद्र तू सच बोल रहा है यह तो कयामत है बंध्या का पूरा बदन ऐसे जल रहा है लगता है इसके अंदर बहुत आग है, मकान मालिक इतना कहते हुए बहुत जोर से मेरे दूधों को दबा दिए मैं चीख उठी, अंकल बोले बंध्या ने मुझे सिर्फ 15 मिनट दिए हैं, बोला हूं कि जब तक यह नहीं कहेगी तो बिना इसकी मर्जी के इसे नहीं चोदूंगा, उसमें से पांच मिनट हो भी चुके। अब मकान मालिक (अंकल) बोले की बंध्या तुम अपनी पैंटी उतारो देखूं जरा तुम्हारी नंगी चूत और गांड़ मैं कुछ नहीं बोली, तभी अंकल ने मेरी पैंटी की इलास्टिक पकड़ कर नीचे उतारने लगे और जैसे ही मेरी पैंटी उतार दी मैं बिल्कुल अंकल और सुरेंद्र जीजा के सामने पूरी नंगी खड़ी हो गई, अब मुझे बहुत शर्म आई तो मैंने अपनी दोनों हथेली अपनी चूत के सामने रख ली और चूत छुपाने की कोशिश करने लगी। तभी अंकल बोले अपने माल को मत छुपाओ बंध्या मैं शरमा गई और नीचे आंखें कर ली, तभी अंकल पीछे घूम कर जैसे ही देखा मेरे पिछवाड़े तरफ मेरे दोनों कूल्हों पर हाथ रखा और बोला बाप रे तुम क्या कयामत हो बंध्या तुम्हारी गांड तो बहुत ही जबरदस्त है,

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इतनी निकली हुई गांड उठी मैंने आज तक नहीं देखी, बहुत गजब की गांड है तेरी बंध्या और मेरे दोनों कूल्हों को चूमने लगे और फिर कूल्हों को फैलाकर जहां मेरी गांड का सुराग था वहां जीभ चलाने लगे, मुझे अब जाने क्या होने लगा वहां बहुत गुदगुदी होने लगी मैं उछलने सी लगी, तभी पीछे हाथ की तो अंकल के बालों में पड़ा, तभी अंकल अपने कपड़े मेरे सामने उतारने लगे, और मैं उनको देखने लगी अंकल अपना टी-शर्ट उतार दिए और अंडरवियर के अन्दर ही उनका लन्ड लग रहा था फाड़ देगा अंडरवियर उनकी, और जैसे ही अंडरवियर उतारे उनका बहुत ही बड़ा लन्ड मेरे सामने, मैं सोच भी नहीं सकती थी कि 50 साल के मर्द का इतना बड़ा सामान हो सकता है, फिर मैं बिल्कुल आंखें झुका ली तभी अंकल आए और मेरे पीछे गांड पर अपना लन्ड रगड़ने लगे और जैसे ही मेरे पीछे उनका लन्ड छुआ बिल्कुल जाने कैसे मैं मदहोश सी होने लगी, और उधर सामने सुरेंद्र जीजा भी अब अपने पैंट को नीचे उतारने लगे और अपना शर्ट भी खोल दिया, वह बनियान नहीं पहने थे पैंट और अंडरवियर एक साथ उतार दी।

और अपना लन्ड हाथों से रगड़ने लगे, मेरे देखते देखते सुरेंद्र जीजा का लन्ड बहुत बड़ा हो गया और वह हांफने लगे, तभी मकान मालिक बोले की सुरेंद्र वहां दूर खड़े होकर अपने हाथ से क्यों अपना सामान रगड़ रहा है, जब इतनी मस्त आइटम बंध्या तेरे सामने है। तो सुरेंद्र जीजा बोले आज बंध्या आपका माल है आप कर लो अच्छे से, तभी अंकल बोले चल आज तुझे परमिशन दिया आजा तू अपना भाई है। आ दोनों मिलकर बंध्या की प्यास बुझाते हैं तू भी शुरू हो जा जहां तुझे जगह मिले, मुझे कोई दिक्कत नहीं। और इतना कहकर अंकल पीछे मेरी गांड को फैलाकर उसमें थूक लगाने लगे तो मुझे बहुत गुदगुदी होने लगी। और फिर अपने लन्ड को मेरी गांड में फिट करके थोड़ा थोड़ा घुसाने की तरह रगड़ने लगे, मैं बिल्कुल पता नहीं कैसे मदहोश होने लगी। तभी सुरेंद्र जीजा भी आने लगे जब वह चले तो उनका लन्ड बहुत हिल रहा था, जीजा मेरे सामने आकर बैठ गए सीधे मेरी हाथों को पकड़ कर जिससे अपनी चूत छुपा के रखी थी उसे हटाया और सीधे मेरी चूत में अपने होठों को रख दिया। मुझे अब बहुत अजीब सा कुछ होने लगा और किस करने के बाद जीजा तुरंत मेरी चूत को फैलाकर उसमें अपनी जीभ डाल दी,

जैसे ही सुरेंद्र जीजा की जीभ अंदर गई मुझे बिल्कुल मचल गई, मेरा बदन बिल्कुल अकड़ सा गया, जीजा अब मेरी चूत चाटने भी लगे,जिसकी वजह से अब मुझसे खड़े रह पाना मुश्किल हो गया, मैं बोली अंकल मुझसे खड़े नहीं रहा जा रहा, मुझे आप लोग क्या कर दिये, क्या हो रहा है मैं समझ नहीं पा रही। तभी अंकल बोले बंध्या तुम बहुत प्यासी हो तुम्हारे अंदर बहुत आग है वह सब बाहर आ गई है, चलो सुरेंद्र उठो बंध्या को बिस्तर पर ले चलते हैं।मैं बोली प्लीज मुझे कुछ करना नहीं और मुझे यह क्या हो रहा है? तभी अंकल बोले अभी 10 मिनट भी नहीं हुए 5 मिनट के अंदर तुम्हें फिर हम छोड़ देंगे मैं बोली ठीक है। अंकल मुझे अपनी गोद में उठाए मैं भी पुरी नैकेड थी और अंकल भी फुल नैकेड बांहों में जब मुझे उठाया तो मुझे अलग सा महसूस हुआ मेरे दूध को चूम लिए और अंकल बोले बड़ी मस्त है मेरी गोद में बाहों में तू बंध्या और ले जाकर बगल से जो बिस्तर था उसमें मुझे पटक दिए, और सुरेंद्र जीजा को बोले अंकल, यार तू अब बंध्या के पीछे का मोर्चा संभालना मैं इसके आगे चूत को और बूब्स को देखता हूं।

अंकल अब मेरी टांगो को फैला कर टांगों को इधर-उधर फैलाया और मेरे जांघ पर किस करते हुए बिल्कुल मेरी चूत में पहुंच गए और अपनी उंगली डाल दी चूत में उंगली डालने के बाद बोले कितनी गरम है तेरी चूत बंध्या लग रहा है उंगली जल जाएगी, और बहुत गीली भी है और फिर सीधे अपने जीभ निकालकर बोले इतनी सेक्सी चूत आज तक मैंने देखी नहीं और सीधे मेरे चूत में अपनी जीभ डाल दी, और बहुत जोर-जोर से अंकल मेरी चूत चाट कर बिल्कुल चूस ले रहे थे, इधर पीछे पीठ तरफ मेरे सुरेंद्र जीजा मेरी पूरी पीठ को अपनी जीभ से चाटने लगे किस करने लगे, साथ में कूल्हों पर अपना हाथ भी चला रहे थे, अब सुरेंद्र जीजा उल्टे हो गए अपना मुंह मेरे कूल्हों पर मेरी गांड तरफ कर लिया और उनका लन्ड मेरी गर्दन और पीठ से रगड़ खा रहा था, मेरी कूल्हों को फैलाकर सुरेंद्र जीजा गांड को चाटने लगे, सेक्स के जोश में थे उपर से ड्रिंक किए हुए थे उनको चढ़ भी गई थी तो वह मुझे गाली भी बकने लगे, बोले साली चुददकड़, बंध्या मादरचोदी तू बहुत बड़ी रंडी है, आज फंसी है तेरी गांड फाड़ दूंगा चोद चोद के,

और बहुत जोर जोर से मेरी गान्ड को चाटने लगे अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं पागल हो रही थी तभी सुरेंद्र जीजा अपनी उंगली मेरी गांड में डालने लगे, मुझे गांड में थोड़ा सा दर्द का अहसास हुआ, इधर सामने अंकल मेरी चूत को बिल्कुल चाटे जा रहे थे, और अपने हाथ मेरे दोनों बूब्स रख दिए तो मेरे मुंह सिर्फ न ही सी उउह की आवाज निकल गई तो जोर जोर से दबाने भी लगे, मुझसे अब नहीं रहा जा रहा था जाने क्या हो गया? मैं बोली अंकल ऐसा मुझे क्या हो गया मुझे बचा लो लग रहा है मर जाऊंगी मैं बहुत तड़प रही हूं, मेरा बदन पूरा टूट रहा है, मेरे इस तड़प को यह जो भी नशा है इसका उतारो जल्दी कुछ भी करो पर मेरे बदन के टूटन को शांत करो तुम दोनों प्लीज प्लीज मुझे कुछ भी करो अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है। तभी अंकल उठे और मेरे बूब्स एक एक करके दोनों अपने मुंह में भर लिया और जोर-जोर से चूसने लगे, मैं उनका सर दबाने लगी जिससे और जोर चूसे तब मुझसे बोले बंध्या बहुत चुदासी हो अब तुम्हें लन्ड चाहिए। वही लन्ड ही तुम्हारी यह प्यास बुझा पाएगा, यही लन्ड तुम्हारे बदन की टूटन को शांत कर पाएगा, और लन्ड ही तुम्हारी खुमारी तुम्हारा ये नशा उतारेगा। तभी सुरेंद्र जीजा बोले अंकल इस साली कुतिया बंध्या की जल्दी चुदाई करो नहीं पागल हो जाएगी।

मुझे सच में कुछ होश में नहीं था मैं बोली जो भी करना है जल्दी करो,मेरी हालत ठीक नहीं और तेजी से मुझमें कुछ नशा सा चढ़ रहा है, तभी अंकल बोले सुरेंद्र तू बता बंध्या को चोदें या जाने दें,क्या ठीक रहेगा? मैं बोली अंकल उनसे जीजा से क्यों पूछ रहे हो जो करना है कर दो मुझे कोई प्राब्लम नही है। अंकल बोले दोनों तरफ से लन्ड डालेंगे तो तुझे चलेगा, मैं बोली हां सब चलेगा, मुझे कुछ पता नहीं कुछ समझ नहीं बस मुझे करो जो करना है। अंकल बोले बंध्या तू सोच ले अभी कहीं ऐसा ना हो कि तू फिर बोले कि मैंने अपना वादा तोड़ा, मैंने बोला था कि पंद्रह मिनट मुझे दे दे फिर तुझे छोड़ दूंगा और लन्ड नहीं डालूंगा, तो अब तू चाहे तो जा सकती है मैं तुझे छोड़ रहा हूं। तभी मैं बोली नहीं बोलूंगी कि आपने अपना वादा तोड़ा, अब मैं बोल रही हूं आपको, जो करना है आप कर लो मुझे, पता नहीं अंकल आप दोनों ने ऐसा क्या कर दिया कि मैं बिल्कुल पागल हो गई हूं। मैं बोली अब मुझसे नहीं रहा है मुझे कुछ हो गया है आप ठीक कर दो, मुझे किस लिए बुलाया था आपने? अंकल बोले बंध्या तुझे जम के चोदने के लिए बुलाया था,

मैं बोली तो जम कर चोद दो, मुझसे नहीं रहा जा है मैं पागल हो रही हूं, अंदर जाने पुसी में क्या हो गया? तभी अंकल बोले सुरेंद्र तुझे भी चोदना है सुरेंद्र जीजा बोले हां अंकल मैं तो इसके लिए पागल हूं, पर आज इसकी गांड देख कर सच में मेरी लाइफ बन गई, मैं तो बंध्या की गांड में लन्ड डालूंगा और जीजा ने कहा कि पहले अंकल बंध्या से अपना लन्ड चूसा लो, और सुरेंद्र जीजा मेरे मुंह के पास खुद अपना लन्ड कर दिए, मेरे मुंह में अपनी उंगलियां डालें फिर मैं उन्हें चूसने लगी तभी अपना लन्ड मेरे हाथ में पकड़ आया, और बोला अब तुम मेरे लन्ड को चूसो बंध्या, मैं बोली मुझे घिन आएगी, जीजा बोले लड़कियां लन्ड को चूसने को पागल रहती हैं, बंध्या चूसो और मेरे मुंह में लन्ड डाल दिए, मैं बिना ना नुकुर किये मुंह में लन्ड लेकर चूसने लगी सुरेंद्र जीजा अपना लन्ड मेरे मुंह में अंदर बाहर करने लगे, मुझे लन्ड चूसते हुए देख कर अंकल और जोश में आ गए और मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दिए,

तो मैं बिल्कुल मचलने लगी और कमर अपनी उछालने लगी। सुरेंद्र जीजा का लौड़ा करीब चार, पांच मिनट चुस्ती रही, जीजा अपना लन्ड मुंह में अंदर बाहर कर रहे थे, तभी अंकल बोले बंध्या मेरा भी लन्ड चूस और सुरेंद्र को बोले अब तू हट और उन्होंने अपना लन्ड मेरे मुंह में डाल दिया मैं अब अंकल का लौड़ा चूसने लगी, जैसे ही अंकल का लौड़ा चूसने लगी मुझे बहुत अजीब सा लगा क्यों कि अंकल का लन्ड बहुत बड़ा था जिससे मुंह में जा नहीं रहा था, पर वह तब पर भी पूरा लन्ड मुंह में घुसा दिये थे, और उनके लन्ड की खुशबू भी अलग थी, तब भी मुझमें इतना जोश आ गया कि मैं अंकल का लन्ड चूसने लगी चाटने भी लगी, और उसके बाद मैंने अंकल को पहली बार पकड़ लिया और जमके अपने बांहों में भर लिया, अंकल बोले तू रंडी है और एक दम से पागल हो गई है बंध्या। तुझसे चुदासी लड़की मैंने देखी नहीं,करीब 5 से 7 मिनट मैं अंकल का लौड़ा चूसती रही। तभी सुरेंद्र जीजा मेरे पीछे मेरे कूल्हों को फैला कर अपना बहुत सारा थूंक लगा कर मेरी गान्ड में सुरेंद्र जीजा बोले की आज बंध्या तेरी मस्त गांड मै चोदूंगा,

और अंकल आप बंध्या की चूत में अपना लन्ड घुसा दिजीए, अंकल बोले सच-सच बता बंध्या आज तक में तूने कितने मर्दों से चुदाई करवायी हो, कितनी बार अपनी चूत में लन्ड खाई है, मैं बोली अंकल आप की कसम अपनी कसम फर्स्ट टाइम है पहली बार आज आप करोगे, अभी तक कभी नहीं करवाई। फिर अंकल बोले सुरेंद्र देखो बंध्या कितना झूठ बोल रही है। सुरेंद्र जीजा बोले यह सच में रंडी है बहुत बदनाम है अपने नगर में यह ना जाने कितनों के लन्ड ले चुकी है। मैं फिर बोली जीजा आप गलत समझ रहे हैं, मैं जानती हूं यह सच भी है कि मैं बहुत बदनाम हूं,और मेरे नगर में और आस पास के लोग यही समझते हैं कि मैं पैसे लेकर लोगों के साथ सेक्स करती हूं, उनके साथ सोती हूं, पर ऐसा सब मेरी मम्मी के कारण लोग मेरे बारे में ऐसा सोचते हैं और बातें करते हैं। मैं अब सच बता देती हूं एक कमलेश सर हैं जो ट्यूशन पढ़ाते हैं वही बस मुझे टच किए हैं ,

उनका लन्ड मुंह में लेकर चूसी हूं, और वह मेरे नीचे चूत को चाटे हैं। पर अपना लन्ड मेरी चूंत में नहीं घुसाया, मतलब डाला नहीं। मैं झूठ नहीं बोल रही फर्स्ट टाइम आज आप दोनों चोदने वाले हो। मेरे मुंह से सब कुछ अपने आप साफ-साफ निकलने लगा, तभी अंकल बोले चल रंडी झूठ मत बोल तेरी चूत और दूध ऐसे बता रहे हैं कि तू बहुत बड़ी चुददकड़ है। और फिर बोले बता लन्ड लेगी अपने चूत और गांड़ में हम दोनों चोदें, मैं बोली हां अंकल मैं मर रही हूं मुझे चोद दो जम के, अंकल बोले तेरी चूंत बहुत पतली है छोटी है दो लन्ड ले पाएगी, मैं बोली हां अंकल जैसा आप दोनों को ठीक लगे, तभी सुरेंद्र जीजा बोले मैं तो बंध्या की आज गांड चोदूंगा और अंकल आप चूंत में डालो, तभी दोनों मेरे ऊपर आ गये मुझे टेढ़ा करके लिटा दिया, अब मेरे पीछे तरफ सुरेंद्र जीजा मुझसे लिपटकर मेरे पीछे से दूध पकड़ कर सुरेंद्र जीजा मेरी गांड में अपना लन्ड फिट किए, और सामने तरफ मकान मालिक अंकल मेरी कमर को पकड़ कर मेरी मेरी चूत के लिए मेरी टांगों को फैला कर जैसे ही अपना लन्ड मेरी चूंत में टच कराया मैं अंकल को कसके मैंने पकड़ा और उन्हें अपनी ओर खींच ली ताकि उनका लन्ड मेरी चूंत में घुस जाये पर यह मेरी नादानी थी,

पीछे से मुझे कसकर सुरेंद्र जीजा पकड़ लिए और बोले बंध्या आज तू मेरी साली नहीं मेरी घरवाली है और तेरे साथ मैं सुहागरात मना रहा हूं।उधर अंकल मेरी टांगो को फैला कर अपना लन्ड मेरी चूत में टच करा ही चुके हैं, मैं उन्हें कस के अपनी बाहों में जकड़ कर बिल्कुल अंकल से लिपट गई और अपनी कमर उठा दी तो फिर अंकल मेरे होठों को चूसने के लिए उन्होंने मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए, उनका नंगा सीना अब मेरे सीने से चिपका हुआ था, मेरे बूब्स पर उसका सीना भी चिपक गया था, अब अंकल अपना लन्ड जोर से मेरी चूंत में घुसाने लगे, मुझे बहुत दर्द होने लगा, मैं बहुत तेजी से चिल्लाने लगी कि छोड़ दो मुझे और रोने भी लगी ऐसा लगा जैसे मेरे प्राण निकल गये, पर अंकल नहीं रुके और जोर से एक धक्का मारा अपने लन्ड का जिससे मैं और जोर से रोने लगी,

उधर सुरेंद्र जीजा भी मेरे कूल्हों को पकड़ कर मेरी गान्ड को फैलाया फिर पीठ पर हाथ रखकर पीछे से कमर पकड़कर पीठ पर जोर लगाकर एक जोर से धक्का मारकर मेरी गान्ड पर अपने लन्ड को घुसा दिया, मुझे बहुत ज्यादा दर्द गांड में होने लगा , घुस नहीं नहीं रहा था तो उन्होंने बहुत सारा थूंक लगाया और अंदर डाल दिया बहुत तेज दर्द हुआ जैसे कि मेरी गांड फट गई हो और मैं चीखने लगी। तभी अंकल मेरे होठों को अपने होठों से कस लिया और चूसने लगे, और बोले बंध्या बस थोड़ा रुक जा और जोर से मेरी कमर पकड़कर अंकल ने बहुत जोर का धक्का मारा पूरा अंकल अपना लन्ड मेरी चूंत में घुसा दिया, मैं बिल्कुल चिल्लाने लगी और बोलने लगी छोड़ दो, निकालो मैं मर जाऊंगी, बहुत दर्द हो रहा है निकालो मुझे नहीं कराना,

मुझे मत करो बहुत दर्द हो रहा है। मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे, अंकल नहीं माने, इधर सुरेंद्र जीजा भी गान्ड फैला कर जोर से 2-3 धक्का मारे मैं बस रोए जा रही थी, तो सुरेंद्र जीजा मेरा मुंह दबा लिए ताकि चिल्लाऊं या रोऊं तो आवाज बाहर ना जाये, और बोले बंध्या बस 2 मिनट और उनका भी लन्ड पीछे पूरा गान्ड में घुस गया है, तभी सुरेंद्र जीजा बोलें अंकल आप बंध्या की चूंत में लन्ड अंदर बाहर करना शुरू कर दो और मैं इसकी गांड में करता हूं, और फिर दोनों अंदर बाहर एक साथ गांड में और चूंत में अपना लन्ड करने लगे, मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी। इतने में अंकल मेरे नीचे चूंत तरफ देखे बोले अरे यार सुरेंद्र मैं कितना लकी हूं, यह बंध्या तो सच बोल रही थी उसको आज तक किसी ने नहीं चोदा, मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो आज मैंने बंध्या की सील तोड़ दी,

बंध्या तो सील पैक माल थी, इतनी बदनाम होकर भी आज तक इसकी सील बची रही चूत में गजब की बात है, इसे आज अपनी रंडी बना दिया अब आज से यह फुल रंडी बनने लायक हो गई, इसकी चूत का उदघाटन मैंने कर दिया है। अब यह किसी से भी चुदाई करवा सकती है, आज सुरेंद्र मैंने बंध्या की सील तोड़ दी। और जम के जोश में आकर अपना लन्ड अंदर बाहर करने लगे। करीब 5 से 10 मिनट तक मुझे लगा मैं मर गई मैं बेहोश तक होने लगी, पर करीब 10 मिनट बाद जब सुरेंद्र जीजा और अंकल दोनों मेरे अंदर बाहर अपना लन्ड गांड में और चूंत में करते रहे, तब जाकर पता नहीं कैसे एकदम से पूरा का पूरा दर्द दोनों तरफ चूंत और गांड़ से गायब सा हो गया। यह जादू कैसे हो गया मुझे कुछ समझ नहीं आया, मुझे एकदम से फुल जोश अंदर से आ गया, और मैं आकाश में उड़ने से लगी।

और अंकल को पकड़कर उनके होठों को चूमने लगी और कमर अपने आप उछालने लगी, अपने आप ही पता नहीं यह कैसे हो गया, तभी जीजा बोले बंध्या बता साली और डालूं तेरी गांड में, मैं बोली हां जीजा और घुसा दो, पूरा का पूरा लन्ड मेरी गांड में अपना डालो और जोर जोर से अंदर बाहर करो, तभी अंकल को मैं बिल्कुल कस के पकड़ ली और उनके होंठों को चूसने लगी और शिव शंकर अंकल को बोली,अंकल आज मुझे जमके करो पूरा का पूरा लन्ड डालो अंदर तक, आप की रंडी बन गयी हूं, मैं आज बहुत चुदासी हूं और ज्यादा जोर जोर से चोदो, और अपने आप मेरे मुंह से बहुत गंदी गंदी बातें निकलने लगी , वो सब बातें जो मैंने सेक्स की किताब में पढ़ी थी वही सब बोलने लगी। अंकल और सुरेंद्र जीजा जोश में पूरा लन्ड अंदर करते और फिर बाहर निकालते मेरी चूत और गांड में से फच फच फच फच की आवाज निकलने लगी पूरा रूम में फच फच गुंजने लगी।

तभी अंकल दोनों हाथों से दूध पकड़ कर पूरी ताकत से दबाते हुए बोले साली बंध्या रंडी तू पागल पन है तेरी चूत तो कयामत है और जन्नत भी है। बोल साली कुतिया कितना बड़ा लन्ड चाहिए तेरी चूंत को लगता है हम दोनों के लौड़े छोटे पड़ गये। मेरे मुंह से अपने आप निकल गया कि अंकल जितने बड़े लन्ड डलवा सकता हो डलवा ले सब घुसवा लूंगी सच में तुम दोनों के लन्ड मुझे छोटे लग रहे हैं। फिर भी जोर से चोदो तुम दोनों कुत्ते पूरा का पूरा अपना अपना लन्ड मेरी गान्ड और चूंत में घुसा दो फाड़ दो मेरी चूंत और गांड़ दोनों अगर दम है, मैंने जो भी सेक्सी कहानियों में पढ़ा था वो सब अपने आप मेरे मुंह से निकलने लगा, अब मैंने जीजा को बोला साले जीजा गांडू और डाल अपना पूरा लन्ड मेरी गांड में बहुत मर्द बनता था कि तेरी चीख निकाल दूंगा मैं यही बोलता था तू कहां गया वो तेरा चीख निकालने वाला लन्ड फाड़ अब मेरी गान्ड कमीना कुत्ता जीजा, बहुत तड़पता था मुझे चोदने के लिए अब तेरे साथ बिस्तर में लेटी हूं निकाल ले अपने सब अरमान देख तेरी बंध्या हूं। इतना सुनते ही सुरेंद्र जीजा एक हांथ से मेरी गर्दन पकड़ कर दूसरे हाथ से मेरे बाल पकड़ कर पूरे जोर से मेरी गांड में अपना लन्ड अन्दर घुसाने लगे, अपनी कमर को मेरी गान्ड में जोर से पूरी ताकत से जीजा जोर देकर धक्का देने लगे, जिससे अब हर झटके में मेरे मुंह से उंहहह ऊंहहह आहहहह वोहहहह निकल जाता था,

अब सुरेंद्र जीजा गजब की चुदाई मेरे गांड की करने लगे। सुरेंद्र जीजा और मकान मालिक शिव शंकर अंकल दोनों के द्वारा करीब 20 मिनट लगातार दोनों तरफ गांड और चूंत में एक साथ चोदने के बाद अचानक जीजा बहुत तेजी से अपना लन्ड मेरी गांड में अंदर बाहर करने जमकर रगड़ने लगे लगे, और बोले बंध्या मेरी सेक्सी रंडी तूने तो जन्नत से भी ज्यादा मजा दिया क्या सेक्सी हाट माल है रे बहुत ही गरम लड़की है तू, है मेरी बंध्या रंडी मेरी सेक्सी जान अब झड़ने वाला हूं मेरे लन्ड का रस कहां लोगी? मुंह में लोगी या गांड में, मैं बोली मुझे कुछ नहीं पता जीजा यह मेरी लाइफ की पहली चुदाई है, मुझे कुछ भी नहीं पता कि कहां लन्ड रस लेना चाहिए, इसलिए आप बोलो, जीजा बोले बंध्या तुम इसे अपनी गांड में ही लो बहुत मजा आएगा, मैं बोली ठीक है जीजा तुम इस लन्ड रस को मेरी गांड में ही डाल दो भर दो, तभी जीजा बहुत जोर से अकड़ गए और मुझे कस के पकड़ लिए मेरे बालों को खींच कर बोले, ले साली कुत्तिया मेरे लन्ड का रस और बहुत तेजी से गरम-गरम उनके लन्ड का रस मेरी गांड में उन्होंने भर दिया।

करीब 4-5 मिनट मुझसे लिपटे रहे बेहोश की तरह मेरी गांड में चिपके पड़े रहे। और फिर बोले बहुत सेक्सी है तू बंध्या आज मेरा जीवन धन्य हो गया। तेरी गांड मस्त है बहुत ही सेक्सी और मेरी पीठ चूमते हुए वह उठकर बिस्तर से अलग खड़े हो गए। अब सिर्फ मकान मालिक शिव शंकर अंकल बचे और अब वह मेरी दोनों टांगो को फैलाकर, ऊपर करके कंधे में चढ़ा कर रख लिया और बहुत जोर जोर से मेरी चूंत में अपने लन्ड का धक्का मारने लगे, मुझे बहुत जोश चढ़ा हुआ था, अपने आप मेरे मुंह से निकल गया कि अंकल तू बोला बहुत बड़ा लड़कियों का चोदू है,तेरे लंड के बाद मुझे किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी तो चोद मुझे देख तेरी बंध्या तेरे बिस्तर में नंगी तुझसे चुद रही है, पूरा लन्ड घुसा और फाड़ मेरी चूंत और मुझे अब किसी लन्ड की जरूरत ना पड़े ऐसा कर दे अंकल, कितना दम है अंकल तेरे लौड़े में आज अपनी बंध्या को दिखा अगर सच में तेरी गांड में दम है तब?

अंकल फुल जोश में मेरे दोनों दूधों को कस के पकड़ कर पूरी ताकत से अपना लन्ड फचाफच मेरी चूंत में धक्का देने लगे और बोले साली रंडी बंध्या तू बहुत बड़ी छिनाल बनेगी एक दिन तेरा बड़ा नाम होगा। आज ले तेरी चूंत फाड़ देता हूं और बहुत जोर से धक्का मारने लगे, पर थोड़ी देर में 5-7 मिनट बाद अंकल बोले आज तेरी चूंत का कचूमर बना दूंगा। मुझे जाने क्या हुआ कि मेरी चूंत में अजीब सी सुरसुराहट हुई और मैं मचलने लगी और बोली अंकल और जोर से चोदो मुझे कुछ हो रहा है। तभी मेरी चूंत से गरम गरम पिचकारी की स्पीड से चूंत रस मेरी चूंत से निकलने लगा और उधर अंकल बोले बंध्या तेरी चूंत तो बह चली, तेरी प्यास बुझ गई आज की चुदाई की,गजब है तेरी चूंत बंध्या कितनी गर्मी है तेरे में सेक्सी, अब बंध्या मैं भी झड़ने वाला हूं तेरी चूंत में आज अपने लन्ड रस से तेरी चूंत भरकर पूरी प्यास बुझा दूंगा। और अंकल जमकर जोर जोर से तेजी से मेरी चूंत में अपने लन्ड से चोदने लगे, मेरे मुंह से उंहहह ऊंहहह आहहहह वोहहहह की आवाज अपने आप निकलने लगी। मैं पूरी तरह से निढाल हो गई स्खलित होकर बहुत ज्यादा गर्मी मेरे जिस्म की शांत सी हो गई आज सच में, उधर अंकल भी मुझसे लिपट के अकड़ गये और मुझे गन्दी गन्दी गालियां देने लगे कि शाली कुतिया ,मादरचोदी, बंध्या तेरी बहन चोदूं ले और ले मेरा लन्ड छिनाल और चुदा ले आज तेरी चूंत फाड़ता हूं बंध्या।

और मुझसे जोर से लिपट गये कसकर मुझे अपने बांहों में लपेट लिया और बहुत गरम-गरम लन्ड का रस मेरी चूंत में भरने लगे, और करीब दो-तीन मिनट में मेरी चूंत में अंकल का लन्ड रस समा गया, मेरी चूंत अंकल के गर्म गर्म वीर्य से लन्ड रस से भर गई, एक अजीब पर बहुत मस्त सा अहसास होने लगा , ऐसा लगा जैसे मुझे बहुत कुछ मिल गया हो। पांच मिनट तक अंकल मुझसे चिपक कर मेरे उपर लेटे रहे, उसके बाद उठे मेरी चूंत को अपने रूमाल से पोंछने लगे और फिर अपने जीभ से भी चाट कर मेरी चूंत साफ कर दिया, मुझे ये अच्छा लगा। अब मैं अपने कपड़े पहनने लगी अंकल और जीजा भी अपने अपने कपड़े पहन लिए और अंकल ने मुझे तीन हजार रुपए दिए कि अपनी पसंद की ड्रेस खरीद लेना बंध्या, मैं जीजा को बोली कि मुझे बस स्टाप तक जल्दी पहुंचा दो,जब अंकल के रूम से निकलने लगी तो अंकल मुझसे लिपट गए और एक हजार रुपए और दिए बोले जो मन हो खा लेना ,

और मेरे होठों को चूमने , चुसने लगे और फिर बोले कि आज तक मेरी लाइफ में तुमसे हाट और सेक्सी लड़की नहीं देखी नामिली थैंक्यू बंध्या आज के लिए और फिर मैं तैयार होकर अंकल के घर से निकल गई जीजा भी मेरे साथ आए, और अपनी बाइक से मुझे बस स्टॉप तक पहुंचा दिए। जैसे ही बाइक से उतरी चलने में बहुत तकलीफ होने लगी मेरी कमर और पीछे गांड और आगे चूत में बहुत दर्द होने लगा, मैं सामने मेडिकल स्टोर से पेन किलर की टैबलेट ली और खा ली, मुझसे 7 दिन तक ठीक से चलते नहीं बन रहा था जब भी कोई पूछे कि बंध्या क्या हुआ तो मैं उसे बोलती कि बस से पांव फिसल गया और गिर गई तो थोड़ा चोट लग गई थी। और फिर 10 दिन बाद मेरा फिर अपने आप फिर से बहुत मन करने लगा और वही अंकल और जीजा ने जिस तरह से किया था बार-बार वही सब दिमाग में और ख्यालों में चलने लगा, और सोचते सोचते बहुत गर्म हो जाती और मेरी पैंटी भीग जाती गीली हो जाती थी।

यह कोई मेरी कहानी नहीं है एक एक शब्द एक एक बात पूरी सच लिख रही हूं यह मेरे जीवन की सच्चाई है, इसे झूठ कोई मत मानिएगा। मैं अपनी मम्मी की कसम खाती हूं और गॉड कसम सब कुछ बिल्कुल एक-एक शब्द सच लिखी हूं। आपको मेरे जीवन की पहली पूर्ण सत्य घटना जो मेरे साथ हुआ वह कैसी लगी? यह बात सच है कि मुझे खुद भी बहुत ही ज्यादा मजा आया, यह कैसा सुख और इंज्वाय है मैं इसे नहीं जानती थी। पर बहुत ही बेस्ट अनुभव रहा है, आप को यह कैसी लगी मेरी पहली घटना मेरी मेल आईडी में अपना अनुभव बता सकते हैं। यह बिल्कुल सच है और मेरा दावा है कि मुझे देखने के बाद आप अपने ऊपर कंट्रोल नहीं कर पाएंगे, और मुझसे मिले बिना आपको चैन नहीं मिलेगा। हर वक्त पाठकों आप मुझे अपने ख्वाबों ख्यालों में सिर्फ मुझे पाओगे और मुझसे मिलने का अरमान लिए अपनी रातों को गुजारेंगे। अपना अनुभव मुझे मेरे मेल ID पर भेजें। दोनों मेल आईडी मेरी है इनपे अपनी राय मुझे भेज सकते हैं।
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