ट्यूशन पर चुस्वाया अपना लंड

हेलो दोस्तो, मेरा नाम प्रेम है और मैं पेशे से एक कंप्यूटर टीचर हूँ. मैं एक प्राइवेट स्कूल मे 10 से +12 क्लास के स्टूडेंट्स को कंप्यूटर की नालेज देता हूँ.

दोस्तो, मैं आप को बता दूं की ये मेरी पहेली कहानी है. मुझे उमीद है आप मेरी इस पहली कहानी को पसंद करेगें.

तो चलिए मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ. मेरी उमर उस टाइम 23 साल थी और मैं काफ़ी हॅंडसम था. मेरी 12 क्लास काफ़ी अच्छी थी मेरी क्लास मे 17 लड़के और 8 लड़किया थी. सारे के सारे बहोत ही अच्छे थे. सब के सब पढ़ने मे आगे थे और खेलने मे भी. पर उस क्लास मे एक काजल नाम की लड़की थी.
जो की एक रिच फॅमिली से ही थी, वो बहोत ही सुंदर थी. मैं अपने सब स्टूडेंट्स को एक स्टूडेंट की नज़र से देखता हूँ. पर जब से उसे देखा था तब उसने मेरी सोच ही बदल दी थी. मुझे वो बहोत ही पसंद आ गई थी. उसकी उमर 17 साल थी और उसके फिगर की तो मैं क्या बात करूँ.

आप को लंड भी ऐसे ही खड़ा हो जाएगा. उसका फिगर 32-28-38 था. मतलब की उसकी गांड 38 की थी और बूब्स 32 के. आप अब खुद ही अंदाज़ा लगा लो की कितनी कमाल की होगी काजल. इतनी सी उमर मे उसने मेरे लंड मे आग लगा रखी थी. जिस दिन मेरा उसे देख कर ज़्यादा मूड खराब हो जाता था. उस दिन मैं बाथरूम मे जा कर उसके नाम की मूठ मार लेता था.

तब जा कर मैं और मेरा लंड शांत होता था. मुझे उससे कही ना कही पायर सा हो गया था. जब भी स्कूल मे कोई फॅन्क्शॅन होता था तो वो एक पारी बन कर आती थी. सारे स्कूल की लकड़िया और टीचर्स एक साइड और वो एक अकेली एक साइड. सच मे दोस्तो एक कमाल की पारी जेसी लड़की थी. उसको चोदने मे हुमारे स्कूल के बाकी टीचर्स भी लगे हुए थे.
उनमे से मैं भी एक था जो की उसकी मस्त गांड के पीछे पीछे लगा हुआ था. काजल सेक्सी होने के साथ साथ स्टडी मे भी काफ़ी अच्छी थी. उसे कंप्यूटर्स मे काफ़ी इंटेरेस्ट था इसलिए वो मुजसे हाफ टाइम मे भी कंप्यूटर सीखती रहती थी. और इसी बहने मुझे उसके कोमल और गोरे हाथो को छूने का मोका मिल जाता था.

मैने उसे अपने रिस्क पर कंप्यूटर हाफ टाइम मे उसे करने की पर्मिशन दे रखी थी. एक दिन हर रोज की तरह सारे बच्चे बाहर खेल रहे थे. और काजल अकेली कंप्यूटर रूम मे बैठी कंप्यूटर पर काम कर रही थी. जब मैं अंदर आया तो मैने देखा की काजल कंप्यूटर पर एक पॉर्न साइट खोल कर उस पर एक पॉर्न मोविए देख रही है.
मुझे देखते ही वो डर गई और मैं बहोत गुस्से मे उससे बोला ये सब तुम क्या कर रही हो. तो वो बोली सर इसमे मेरी कोई ग़लती नही है. जब मैं यहाँ आई थी ये सब पहले से चल रा था. मैं तो इसे बस बंद ही कर रही थी. मैं उसकी ये चाल अच्छे से समज रा था इसलिए मैं बोला. देखो अब तुम ज़्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत करो मुझे सब कुछ सच सच बताओ वरना मैं ये सब तुम्हारे मम्मी पापा को बता दूँगा.

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मेरी बात सुन कर काजल मेरे आगे रोने लग गई और मुझसे माफी माँगने लग गई. पर मैं उसके मुह से सिर्फ़ सच सुनना चाहता था. इसलिए अब उसके पास और कोई रास्ता नही था. आख़िर वो बोली – सर दरअसल ये साइट मैने ही ओपन करी थी क्योकि ये साइट मैं अपने घर लॅपटॉप पर भी देखती हूँ. ऐसा मैं इस लिए करती हूँ क्योकि मेरी चूत मुझे बहोत तंग करती है. और ये सब देख कर मैं अपनी चूत शांत कर लेती हूँ.
मैं – क्या तुमने कभी सेक्स किया है ?

काजल – नही सर आज तक मैने सेक्स नही किया क्योकि मुझे कोई मिला ही नही अभी तक.

ये सुन कर मैने सोचा ये एक अच्छा मोका है मैं मोके पर चोका मार देता हूँ.

मैं – ठीक है क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी.

मैने अभी उससे ये बात पूछी ही थी सारे स्टूडेंट्स अंदर आ गये. अब मेरा दिमाग़ पूरी तरह से खराब हो चुका था. इसलिए मैं बाथरूम मे गया और मूठ मार कर आया. उस दिन मैं काजल से बात नही कर पाया.
शाम को मेरे फोन पर काजल की मम्मी का फोन आया. और उन्होने मुझे खा की क्या मैं पूजा को ट्यूइशन पढ़ा स्कता हूँ. ये सुन कर मैं बहोत खुश हो गया इसलिए झट से हाँ कर दी. अब स्कूल के बाद काजल मेरे साथ मेरे घर आ जाती थी. और 5 बजे उसके पापा उसे अपने साथ घर ले जाते थे.
मेरे घर मे मेरा छोटा भाई हर टाइम रहता था इसलिए मैं ज़्यादा कुछ नही कर पा रा था. मैं सिर्फ़ उसकी टॅंगो और बूब्स पर हाथ फेर रा था. पर मेरा लंड तो उसे चोदने के लिए पागल सा होता जा रा था. मेरे घर उस टाइम मम्मी भी होती थी. पर काजल फिर भी मुझे मोका देख कर अपने बूब्स दिखा देती थी.

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अब मुझे और सबर नही हो रा था. मैं हर रोज उसके नाम की मूठ मार कर सोता था. आख़िर एक दिन मैं घर आया तो मेरे घर मे कोई नही था. मेरे घर वाले किसी काम से बाहर गये थे. मैने सोच लिया था की आज तो कुछ करना ही करना है.

मेरा लंड पाजामे मे तंबू बनाए हुआ था. कुछ ही देर मे काजल आ गई मैने उसे सोफे पर बिठाया और उसके लिए पानी ले कर आया. काजल की नज़रें मेरे लंड पर थी.
काजल – मुझे लगता है की आप की तबीयत कुछ ठीक नही है.

मैं – क्यो मुझे क्या हुआ है.

काजल – अरे मैं तो आप के लंड को देख कर कह रही हूँ.

मैं – हां इसका मैं क्या करू ,ये तुम्हे देख कर पागल सा हो जाता है.

काजल – तो इसे शांत करने का कोई इलाज करो ना.

मैं – इसका इलाज तो एक मालिश ही है.

काजल – बस इतनी सी बात है चलो मैं कर देती हूँ. आप सोफे पर नंगे हो कर लेट जाओ. मैं तब तक आयिल ले कर आती हूँ.

उसके बाद मैं सोफे पर नंगा लेट गया. और काजल आयिल ले कर आई और मेरे खड़े लंड पर ढेर सारा आयिल लगा कर उसकी मालिश करने लग गई.
काजल के कोमल और गोरे हाथो मे लंड आ कर और पागल सा होने लग गया. वो बहोत ही मस्त ट्रिक से मेरे लंड की मालिश कर रही थी. मुझे सच मे बहोत मज़ा आ रा था. फिर अचानक उसने अपने गुलाबी होंठो मे मेरे लंड के टॉप को ले लिया और उसने चूसने लग गई. मेरे मुह से मस्ती से भारी आहह ह की आवाज़ें निकल रही थी.

मेरी दोनो आँखें बंद हो गई और कुछ ही देर मे काजल मेरा लंड अपने मुह मे डाल कर चूसने लग गई. उसकी चिकनी ज़ुबान के आगे मेरा लंड ज़्यादा देर टिक नही पाया. और अगले 2 मिनिट मे ही मेरे लंड ने अपने पानी से काजल का पूरा मुह भर दिया.
फिर वो उठी और अपने घर चली गई.
दोस्तो, इससे आगे की कहानी मैं बाद मे बताउँगा, की उसके बाद हमारे बीच क्या हुआ.