हेलो दोस्तो, मेरा नाम रोहन है और मेरी उमर 23 साल है. मैं दिखने मे काफ़ी हॅंडसम हूँ और मेरी हाइट भी काफ़ी अछी ख़ासी है जिसको देख कर सब काफ़ी खुश भी रहते है. मैं बहोट ही हँसमुख टाइप का इंसान हूँ. मुझे देख कर सब खुश रहते है और मुझे खुशी से देखते हुए बहोत पसंद भी करते है.
वैसे आज मैं आप सबके लिए बहोत ही मस्त सी कहानी ले कर आया हूँ जो की मेरी ही है और बहोत ही मस्त है. इस कहानी को पड़ कर आपको बहोत ही ज़्यादा मज़ा भी आएगा और खुद का करने का दिल भी करेगा. और वेसे करने का दिल तो आज ज़रूर करेगा बेशक बाद मे सब अपने लंड और मेरी प्यारी सहेलिया चूत को रगड़ना शुरू कर दे. और अगर कुछ ऐसा होता है तो मैं ये सब जान कर बहोत ही ज़्यादा खुश हो जाउँगा.
तो चलिए अब मैं आपको अपनी मस्त सी कहानी पर ले कर चलता हूँ जो की बहोत ही ज़्यादा ही अछी है. तो दोस्तो जेसे की आप जानते ही होंगे की ट्रेन मे आ.सी वाले डिब्बो मे बर्त की फेसिलिटी भी होती थी. यानी की हर एक अलग अलग कमरा टाइप बना होता है जिसमे कोई भी अंदर वाले को परेशान नही कर सकता है और वो भी काफ़ी आछे से ट्रॅवेल करते है.
तो दोस्तो ये बात तब की है जब मैं देल्ही मे था और वाहा से सीधा कानपुर आने के लिए ट्रेन कर रखी थी और उस समये मेरी बर्त वाली ही सीट ही थी और मेरे चाड़ने के बाद वाहा पर कोई और भी नही चड़ा था. यानी की तब मैं बिल्कुल अकेला था और अकेले ही टाइम पास कर रहा था.
तभी थोड़ी सी देर बाद ट्रेन वाहा से चल पड़ी थी और फिर उसके बाद वो सीधा गाज़ियाबाद जा कर ही रुकी. जहा से एक लेडी उस बर्त वाले डिब्बे मे चड़ी और वो मेरे पास आ कर बेथ गयइ. वो औरत दिखने मे काफ़ी सुंदर थी और उसका फिगर भी काफ़ी अछा था. उसका फिगर देख कर मैं इतना बता सकता था की उसका फिगर 38-30-36 होगा क्योकि मेरे देखने के नज़रिए से वो उतने ही साइज़ की लग रही थी.
फिर जब वो मेरे पास बेत गयइ तो थोड़ी देर बाद ट्रेन भी चल पड़ी और फिर वो टाइम पास करने के लिए मुझसे बाते करने लग गयइ. और फिर मैं भी उससे बाते करने लग गया और पहले उसने अपना नाम पूनम ब्टाया और ये भी बताया की मैं ऑफीस मे वर्क करती हूँ.
मुझे उसके साथ बात करने मे बहोत अछा लग रहा था और वो भी काफ़ी आछे से बात कर रही थी. तभी थोड़ी देर बाद वो वॉशरूम जाने के लिए उठी और जेसे ही वो उठी तो ट्रेन ने एक दम से झटका मारा जिसकी वजह से वो मेरे उपर आ कर गिर गयइ और उसके बूब्स मे मेरा सिर दब गया.
और फिर वो मेरे उपर से उठी और थोरदा हस कर वाहा से चली गयइ. फिर वो थोड़ी देर बाद वापिस आई तो वाहा पर टी.टी भी बैठा था जो की हमारी टिकेट्स चेक कर रहा था और फिर जब उसने टिकेट्स चेक करी तो उसके बाद पूनम ने उससे पूछा की यहा क्या अब कोई नही आएगा. तो टी.टी बोला की नही क्योकि एक रिज़र्वेशन देल्ही से थी और वाहा से तो कोई चड़ा ही नही है इसलिए अब यहा कोई नही आएगा.
टी.टी की बात सुन कर वो बहोत ही ज़्यादा खुश हो गई जो की मैने उसके चेहरे को देख कर समझ लिया था और फिर उसके बाद टी.टी चला गया और उसके जाते ही पूनम ने गेट बंद कर दिया और फिर वो मेरे पास आ कर बैठ गयइ और मुझसे बाते करने लग गयइ.
मैं भी अब उससे बाते करने लग गया और फिर तब मेरी नज़र बार उसके बूब्स पर जा रही थी को की काफ़ी बाहर को आ रखे थे और उसने ये पहचान लिया था और फिर वो बोली की क्या देख रहे हो. तब मैने बात को टालते हुए कहा की मेरी नज़र बेशक वाहा पर थी मैं कुछ और सोच रहा था.
मेरी ये बात सुनते ही वो मेरे और करीब आई और मेरी टंग पर हाथ रख कर हाथ फेरने लग गई और फिर तब मैं सब समझ गया और फिर पहेल करते हुए मैने उसके होंठो को अपने होंठो मे भरा और ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गया. वो भी मेरा साथ दे र्ही थी और हम दोनो ऐसे ही काफ़ी देर तक लगे रहे थे और उसके बाद मैने उसके सारे कपड़े उतार दिए और वो अब मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गयइ.
उसका गोरा बदन देख कर मेरा लंड तभी खड़ा हो गया था तो मैने भी खुद को बिना कोई देर लगाए नंगा कर हो गया और फिर नीचे लेटा कर उसके उपर 69 की पोज़िशन मे आ गया जििसे वो अब मेरे लंड को मज़े से चूस रही थी और मई उसकी चूत को चाट रा था.