टीचर की कुँवारी बीवी की चुदाई

मुझे नीता की याद हर पल आती थी और मुझे हर जगह दिखने लग गई थी. मेरे दिलो दिमाग़ पर बस नीता ही नीता छाई हुई थी. मुझे कुछ समझ नही आ रा था की मैं करूँ तो क्या करूँ. तभी मेरे पापा ने कहा हम सब सोनीपत शादी मे जा रहे है. इस लिए तुम कॉलेज और अपनी ट्यूशन् से 7 दिन की छुट्टी ले लूँ. मैं ऐसा ही किया क्योकि मैं नीता के चाकर मे अब पागल सा होने लग गया.

मैने सोनीपत मे बहोत मज़े किए. अपने मौसी और और मामी के लड़को से मिल कर मैं बहोत खुश हुआ. वो सब भी मेरी ही उमर के थे. इसलिए हम सब मे बहोत प्यार था और इस लिए हम सब ने जाते ही मस्ती शुरू कर दी थी. मुझे पता भी न्ही चला की कब 7 दिन निकल गये और मुझे घर वापिस आना पड़ गया. इन दीनो मे मैने नीता को बहोत कम याद किया. पर घर आते ही मुझे नीता को देखने का बहोत मान कर रा था.

इसलिए मैं घर आते ही अपनी किताब उठा कर ट्यूशन् के निकल गया. मुझे पता था की मैं ट्यूशन् के लिए 30 मिनिट लेट हूँ पर क्या करूँ नीता के प्यार का भूत मेरे सिर पर सॉवॅर था. और दोस्तो मेरी किस्मत तो देखो. जब मैं ट्यूशन् के लिए सिर के घर पर गया. तो जाते पर ही नीता झुक कर झाड़ू लगा र्ही थी. मेरे आँखो के सामने उसके मोटे मोटे नंगे बूब्स आ गये. मेरा लंड वही पर खड़ा उन्हे सलामी देने लग गया.

वो नीचे झुक कर झाड़ू लगा र्ही थी. जिस वजह से उसके आधे बूब्स बाहर आए हुए थे. मैं उसके बूब्स को देख कर पागल सा हो गया. मेरे मूह मे पानी भर आया. और जेसे ही उसकी नज़रें मेरी नज़ारो से मिली तो शरम से एक दम लाल हो गया. मैं कुछ भी बोल न्ही पाया. तभी नीता बोली क्या बात विशाल आज बहोट दीनो बाद दिखे हो कहाँ थे तुम. मैने कहा मेडम मैं शादी मे गया हुआ था. तो बोली ओके ठीक है अंदर आयो और सिर ने आज ट्यूशन् लेट शुरू करी है.

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मैं उसकी आँखो मे आँखें डालते हुए अंदर चला गया और जेसे ही मैं अंदर जाने लगा उसके चेहरे पर एक सेक्सी सी स्माइल आ गयइ. उसकी स्माइल से मेरा दिल बहोत खुश हो गया. मुझे भला अब और क्या चाईए थे. मेरी जान ने मुझे एक सेक्सी सी स्माइल जो डेडी थी. अंदर गया तो सिर ने मेरा हाल चल पूछा और स्टडी करवाने लग गये. जेसे ही ट्यूशन् की छुट्टी सब जाने लगे. तभी मेरे माइंड मे एक आइडिया आया.

मैं वापिस सिर के पास गया और बोला सिर अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं आप से एक रिक्वेस्ट कर सकता हूँ. उस टाइम नीता भी उनके साथ थी. सिर ने कहा हाँ विशाल बोलो क्या दिकत है. मैने कहा सिर दिकत कुछ नही है जब मैने ये चाहता था की मैं जो पीछे 7 दिन नही आया उसका काम आप मुझे थोड़ा सा एक्सट्रा टाइम देख पूरा करवा सकते हो.

सिर को मेरी ये बात बहोत अछी लगी. वो बोले देखो नीता भला आज के टाइम ऐसे लड़के कहाँ देखने को मिलते है. हां बेटा कल से तुम्हरा ट्यूशन् टाइम सब से अलग है. जब सब चले जाएगें तब तुम आना ताकि बाकी स्टूडेंट्स को ऐसा ना लगे की मैं तुम्हे ज़्यादा स्टडी करवा रा हूँ. ये कहानी आप हिन्दी सेक्स स्टोरीस डॉट XYZ पर पढ़ र्हे है.

मैने कहा ठीक है सिर फिर कल मिलते है मेरी ये बात सुन कर नीता के चेहरे पर फिर से एक सेक्सी सी स्माइल आ गई. मुझे कुछ समझ नही आ रा था की आज मेरे साथ ये हुआ तो हुआ क्या है. घर जाते ही मैं नंगा हुआ और नीता के गोरे गोरे बूब्स को याद करके मूठ मरने लग गया. 2 बार मूठ मरने के बाद मैं और मेरा लंड तोड़ा शांत हो गया. रात को भी मेरे सपनो मे नीता के गोरे गोरे बूब्स आने लग गये. मेरा लंड उसके बूब्स याद करते ही पूरा खड़ा हो जाता था.

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अगले दिन मैं ट्यूशन् गया तो मैं डोर बेल बजाई. अंदर से नीता की आवाज़ आई कों है. मैने कहा मेडम मैं विशाल हूँ. नीता ने कहा अंदर आ जाओ दरवाजा खुला है. मैं अंदर गया तो अंदर कोई नही था तभी बेडरूम से नीता आई और बोली आओ विशाल बैठो. मैने कहा मेडम सिर नही दिख रहे है. तो वो बोली आज अचानक उनके एक दोस्त की देहांत हो गया है इसलिए वो कल ही घर पर आयगें. आज तुम्हारी ट्यूशन् की छुट्टी है. मैं आहा ठीक है फिर मैं घर जा रा हूँ.

तभी नीता बोली विशाल मुझे तुमसे एक छोटा सा काम था. मैने कहा हाँ जी मेडम बोलो क्या काम है. तो मेडम बोली देखो ना मुझे नहाना भी है और मार्केट से सब्जी भी ले कर आनी है. अगर तुम मार्केट से मेरे लिए सब्जी ले आयो तो. मैने कहा हाँ जी कोई बात न्ही बोलो क्या क्या ले कर आना है. तो नीता ने मुझे लिस्ट बना कर डेडी. मैं मार्केट गया और 20 मिनिट मे ही वापिस आ गया मैं आया तो दरवाजा खुला था. मैं अंदर आया और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.

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