एक रात की मज़ा, बन गयी सज़ा
एरपोर्ट से मैं अपने फ्लॅट पे आ गया. अपना डोर खोलने ही वाला था की जाने क्या मन मे आया वो अंकल के फ्लॅट पे चला गया. वो अंदर ही थे. उन्होने मुझे अंदर बुलाया और एक पेग बनाया. शाम के 7 बज रहे थे. वो बोले की बेटा तुम नाराज़ तो नही हो. मैने …