स्टूडेंट की मा को चोदा

मै निर्मल चौधरी, एज 35, दिखने मे थोडा हॅंडसम हूँ. और शादीशुदा हूँ. मै एक गूव्ट. स्कूल मे टीचर हूँ, उसमे सातवी कक्षा तक पढ़ता हूँ. मेरी क्लास मे रवि नाम का लड़का है जो पढ़ाई मे बोहोत विक है.

तो मेने उसके मा बाप को बुलाया था, मै अभी स्टाफ रूम मे बैठा था और कोई नही था वहाँ, रवि एक औरत को लेके आया जिसने ग्रीन कलर की ट्रॅन्स्परेंट सारी पहनी थी और बाल खुले थे. रंग हल्का गोरा और फिगर 36-28-38 के आसपास होगा.
उसने मुझे आ कर नमस्ते कहा और मेने पूछा वो अकेले ही आई है रवि के पिता नही है साथ मे तो वो बोली, की रवि के पिता आउट ऑफ कंट्री रहते है काम की वजह से.
तो मेने उसकी मा को कहा की आपका लड़का पढ़ाई ठीक से नही करता है, पिछली टेस्ट मे भी इसके मार्क्स बोहोत कम आए थे. इसलिए मेने आपको बताने के लिए बुलाया है की आप अपने बच्चे पे थोड़ा ध्यान दे नही तो इस साल ये पक्का फेल हो जाएगा.

नही सर आप ऐसा मत कहिए.. इसके पापा भी यहाँ नही है. मै अकेली कितनी जगह ध्यान दूं. आप ही कोई रास्ता बताइए, आप जो कहोगे मै सब करूँगी. रवि की मा मेरी कुर्सी के पास आके झुक के रिक्वेस्ट करने लगी.
उसके फिट ब्लाउस से वक्ष के आकर सॉफ नज़र आने लगे और बालों की भीगीइ खुश्बू मुझे मदहोश करने लगी. गोरा पेट से गोल गहरी नाभि बड़ा जोश जगाने लगी. बड़े मादक पोज़ मे खड़ी थी जिसकी वजह से मेरा लंड पैंट मे खड़ा होने लगा.

मेने अपने आप को संभाला और कहा, देखिए मै आपकी परेशानी समझ सकता हू. पर आपको भी अपने बच्चे के भविष्य के लिए थोड़ी तकलीफ़ तो उठानी पड़ेगी, मेरा मतलब है रवि की पढ़ाई मे आपको भी इस के साथ जुटना पड़ेगा.
इसके बाद रवि की मा मेरे और करीब आ कर खड़ी हो गयी तो मैने रवि को क्लास रूम में भेज दिया और फिर उसकी मा के साथ बात करने लगा तो वो बड़े ही मादक स्वर में बोली, सर मै आपकी बात अच्छे से समझ गयी हूँ, पर क्या करूँ मै ज़्यादा पढ़ी लिखी नही हूँ तो मुझे पता नही क्या पढ़ाई करवानी है.

मै इस के लिए असमर्थ हूँ, अब आप ही कोई रास्ता बताइए.. फिर उसने मेरी जाँघ पे हाथ रख दिया.. मैने डर के मारे उसका हाथ हटा दिया.

और बोला.. देखो आपकी तकलीफ़ मै सॅम्ज गया हूँ. मै आपके बेटे को शाम को ट्यूशन दूँगा आपके घर आ कर.. और रवि को मेरे हिसाब से पास भी कर दूँगा तो इसके बदले मुझे क्या मिलेगा.. अबतक मै उस औरत के चाल चलन को अच्छे से सम्झ गया था तो ये बात मैने डबल मेआंनिंग मे कही उसको.
तो वो मुस्कुरा के बोली.. आप चिंता मत कीजिए मै आपका पूरा ख्याल रखूँगी. आप जो चाहोगे वो करूँगी. बस आप रवि को पास करा देना. और इसके बाद उसने दोबारा बड़े मादक अंदाज़ मे मेरी जाँघ को सहला दिया फिर मेने उसे शाम मे उसके घर आने का वादा किया.

शाम को मै फ्री हो कर रवि के घर गया तो रवि ने डोर खोला.. मै सोफे पे बैठा तो उसकी मा नाइटी मे किचन से आई तो मेरी नज़र उसपे से हॅट ही नही रही थी. डीप नेक का गला जिसमे से बूब्स की दरार पता चल रही थी और चुचि भी मालूम पड़ रहे थे क्यूँ की उसने अंदर ब्लाउस नही पहना था.
सेक्सी अदाओं के साथ चलके वो मेरे पास चाय ले के आई और झुक के बोली.. और क्या सेवा करू आपकी सर.., झुकने की वजह से उसके नंगे बूब्स डीप गले से दिखने लगे.. उफ्फ मेरा तो हाल ही बुरा था. जेसे तेसे कर के कुछ देर मेने रवि को पढ़ाया उतनी देर उसकी मा वहीं बैठ कभी मुझे इशारे कर के लुभाती कभी अपनी थाइस पे हाथ रख के कुछ इशारा करती.

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ट्यूइशन ख़तम करने के बाद रवि खेलने के लिए बाहर भाग गया तो उसकी मा ने जा के फटाफट दरवाजा बंद कर दिया और मेरे करीब आ के सॅट्ट के बैठ गयी..
और कहने लगी.. सर क्या फीस दूं आपकी.. मैने उसके गले मे बाहें डाल के अपनी गोद मे उठा लिया और बोला.. जितना अच्छा मज़ा दोगी उतने अच्छे नंबर आएँगे रवि के अब ये आपके हाथ मे है.. तो वो बोली.. आपको शिकायत का मौका नही दूँगी मै, चलिए कमरे मे.

फिर वो मुझे उसके कमरे मे ले गयी और मेरा शर्ट उतरा फिर पैंट और बनियान. मै आराम से उसके बेड पे बैठ गया और मज़ा लेने लगा फिर वो मेरे लिए जूस लेके आई और मुझे अपने हाथों से पिलाने लगी.
फिर मै उसका चेहरा करीब ला के उसके होंठ चूसने लगा. बड़े रसीले होंठ थे उसके..वो मेरी ज़बान को बड़े शौक़ से चूस रही थी, मेरे हाथ अपने आप उसके मम्मो को टटोलने लगे. तो उसने फटाफट अपनी नाइटी उतार दी और पूरी नंगी हो के बैठ गयी. मैने उसके मोटे मोटे ब्राउन निपल्स को चूसने लगा.
एक दम कड़क निपल थे. बहुत मज़ा आ रहा था, जितना मुझे अपनी बीवी के साथ कभी नही आया. उसके पूरे बदन को मै सहलाने लगा. और वो बड़ी सेक्सी आवाज़ों मे आानहें निकालने लगी. मैने उसकी चूत चॅटी क्यूंकी क्लीन शेव्ड थी और गुलाबी रंग की थी. ऐसी मादक खुश्बू थी.

उसके बाद मै बैठ गया और वो समझ गयी मेरा अंडरवेर खींच के निकल दिया. और मेरा आठ इंच का लंड उच्छल के झूमने लगा. उसने अपनी सेक्सी अदाओं से झुक के मेरे लंड को मुँह मे ले लिया. मेरे लंड के टोपे पे उसके होंठ का स्पर्श लगते ही मेरा रोम रोम पुलकित हो उठा.लंड की स्किंन को हटा के टोपा मुँह मे लेके लॉलिपोप की तरह चूसने लगी. मेरा लंड दनदना ने लगा. मेने उसका सिर को अपने लंड पे दबा के चोदने लगा.
पूरा लंड उसके मुँह मे डाल दिया था, गले तक चला गया. और वो मज़े से चूसने लगी. फिर मेने अपनी पेंट से कॉंडम निकाला तो उसने अपने हाथ से फाड़ के मेरे लंड पे कॉंडम चढ़ा दिया. और टांगे फेला के बेड पे लेट गयी. मेने उसकी टांगे अपने हाथ मे पकड़ी और लंड का टोपा चूत के मुह पर सेट किया, फिर उसकी चूत के मुह पर ही लंड को घिसने लगा जिससे वो और उत्तेजित हो और मुझे ज़्यादा मज़ा मिले.
और इसकी वजह से उसपे उत्तेजना बढ़ने लगी. ज़ोर ज़ोर से सास लेने लगी, फिर मेने अचानक ही लंड को उसकी चूत मे धकेल दिया और आधा लंड चूत मे डाल दिया, उसकी एक तेज़ चीख निकली जो पूरे कमरे मे गूँज उठी.. मुझे ऐसा लगा मेरा लंड एक तपती तंग भट्टी मे घुस गया हो. बड़ी टाइट छूट थी. मेने उस से पूछा बड़ी टाइट छूट है तुम्हारी.

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तो वो बोली साल मे एक बार चोद्ते है ये जब घर आते है तब.. तो मै बोला मुझे तो लगा आप तो औरों से भी बोहोत चुदाई करवाती होगी. तो उसने कहा, नही ऐसा नही है मै हर एक के साथ चुदाई नही करती हूँ, कोई अच्छा , अच्छे घर का आदमी हो तो उसे सिड्यूस करती हूँ काम बन जाए तो ही चुदाई होती है.. बाकी वक़्त मै मूली से काम चला लेता हूँ.
उसकी बातें सुन के मेने हल्के हल्के धक्के लगाने चालू कर दिए थे और अब तो पूरा लंड चूत मे घुसा दिया था.कमरा उसकी कामुक आवाज़ों से भर गया था. आआहह उउऊयईीई माआ आरााम से सर माररर गाययईी ससस्स उसके उच्छलते बूब्स मुज़मे नया कामजोश जागते और मै उमंग से धक्के लगता.

इतनी सेक्सी चुदाई से आधा घंटे मे मेरा निकल गया.. और मै बेड पे लेट गया. फिर उसने दोबारा मेरा लंड चूस के खड़ा किया तो इस बार मैने उसके मोटे मोटे बूब्स के बीच में लंड ले गया ओर चोदने लगा.
उसके बाद मै घर चला गया. और फिर दूसरे दिन शाम को उसके घर गया. कुछ देर ठीक वेसे ही रवि को पढ़ाया और किसी बहाने से उसे बाहर भेज दिया उसकी मा ने तो फिर हमारी कामलीला शुरू हो गयी.

मै उसे बाहों मे पकड़ के कमरे मे लाया और पिछली बार की तरह वैसे ही ठुमक ठुमक के उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया फिर सेक्सी अदाओं के साथ मेरा लोड्ा अपने मुँह मे लेके चूसने लगी. मेने उसके चुतताड पे तमाचे लगाने लगा. कमरे मे आवाज़ गूंजने लगा. उसको भी बड़ा मज़ा मिल रहा था.
फिर मैने उसकी गांड के छेद मे उंगली डाली और वेसेलीन से उसकी गांड का छेद थोड़ा फ्लेक्सिबल किया और गांड चोदने लगा. चूत की तरह गांड भी बड़ी टाइट थी. ऐसी गांड भी मै ज़िंदगी मे पहली बार चोद रहा था शायद.

फिर अचानक ही किसी ने दरवाजा खट्ट खाटाया तो उसने आवाज़ लगा के पूछा कोन है तो रवि ने कहा वो है. तो वो झुंझला के उठी नाइटी पहनी और बाहर से रवि को भगा दिया.

और फिर से मै उसकी गांड मरने मे लगा गया. इस तरह मै हर शाम उसके घर जाता रवि को ट्यूशन दे के उसे चोदता. एक बार मै उसे चोद रहा था मेरी निगाह खिड़की पे गयी, रवि खिसकी के कोने से हमे चुदाई करता देख रहा था और मूठ मार रहा था, मेरी निगाह उससे मिली तो वो देख के मुस्कुराया फिर चला गया.

बाद मे अकेले मे मेने उसे पकड़ के कहा, देख बेटा ये बात किसी को बताना मत मै तो मर्द हूँ मुझे कोई कुछ नही कहेगा तेरी मा की ज़्यादा बदनामी होगी. और फिर तेरी मा तो तेरे लिए ही सब कर रही है ना तो तू भी मन लगा के पढ़ाई कर मा की मेहनत को बेकार मत होने देना. समझा..
तो वो बोला मै सम्झ गया सर अपने मेरे और मेरी मा के लिए जो कर रहे है ना उसका मै एहसानमंद रहूँगा. फिर मेने उसका कंधा थपथपाया. और फाइनल एग्ज़ॅम मे अच्छे नंबर. से पास करा दिया. उसके बाद भी कई बार मैने रवि की मा को चोदा है.