हॉर्नी चाची की चुदाई की

इस सेक्स कहानी मे आप को बतौँगा की कैसे मैने अपनी सेक्सी चाची की चुदाई की. तो दोस्तो स्टार्ट करते है. आओ सब लंड धरी अपना लंड हाथ मे ले ले ओर चूट वाली अपना हाथ पनटी मे दाल ले.

हेलो दोस्तो मेरा नाम साम है और मै आज आपको अपनी रसीली चाची की चुदाई की दास्तान सुनने जेया रा हू. ये मेरी पहली सेक्स कहानी है तो अच्छा लगा तो कॉमेंट ज़रूर कीजिएगा. और अपने सजेशन मुझे मैल पे भेज सकते हैं.

ये बात तब की है ज्ब मै क्लास **त मे पढ़ता था उस टाइम मुझे सेक्स के बारे मे ज़्यादा पता नही था. लेकिन स्कूल के दोस्तो की मेहेरबानी की वजह से मै बहुत जल्द सेक्स के बारे मे जानने ल्गा.

मेरे दोस्तो के साथ रहकर मैने सेक्स के बारे मे सारी बातें सीखी. उस वक़्त मेरे पास मोबाइल या कोई ऐसा साधान नही था जिससे मै सेक्स के बारे मे और डीटेल्स से पढ़ या जान साकु.

लेकिन मै अपने सेक्स की चाहत को रोकने मे नाकाम था. रोज मेरे दोस्तो के बीच सेक्स की बाते सुन सुन के मेरा भी मॅन करता था किसी की गान्ड या चूत देखु. किसी औरत काए बूब्स चुसू या मसलू. लेकिन मेरे पास कोई ऑप्षन नही था.

मेरी फॅमिली कंबाइंड फॅमिली है उसमे मेरी मोम मेरे पापा बहन और अंकल आंटी रहते हैं. चाची का फिगर आपलोगो को बता दू. जरा लंड को हाथ मे पकड़ के बैठीएगा क्यूकी ये सुनते ही आपका लंड खड़ा होके उफन मारने लगेगा.

मेरी चाचू की उम्र 32 साल है और उनका फिगर किसी को भी नासिला कर देने वाला था. वो मोटी हैं और उनकी गान्ड बहुत बड़ी बड़ी निकली हुई थी. उनके बूब्स का साइज़ 40 था.

वो सारी पहनना ज़्यादा पसंद करती हैं. और अंदर वो पनटी नही पहनती हैं जिसके कारण कभी कभी मुझे उनकी हल्की झाँटे वाली छेद (चूत) के दर्शन हो जाया करता है.

तो दोस्तो के रोज रोज ऐसी बातें करने की वजह से मेरा मन भी इन सब के बारे मे जानने को करने ल्गा. एक दिन मै स्कूल से घर जल्दी आ गया. घर मे कोई नही था सब बाहर गये हुए थे और चाची अकेले घर का काम कर रही थी.

मै भी स्कूल से आके अपने कमरे मे चला गया. हमारे यहा उस टाइम बातरूम नही हुआ करता था तो लॅडीस घर के पीछे बने आँगन मे नहाया करती थी. लेकिन पहले मै इस्पे ध्यान नही देता था.

लेकिन रोज रोज सेक्स की बातें सुनने के बाद मै रोज सोचने ल्गा की कहा से ये सब देखा जाए.

उस दिन घर मे अकेले होने की वजह से मुझे मौका मिल गया. मै चुप छाप अपने कमरे मे बैठा था लेकिन तभी चाची की आवाज़ आई की वो नहाने जा रही हैं किचन मे पानी गरम हो रा है वो जरा देख लेना. मैने उस टाइम ओके बोल दिया बिना कुछ सोचे.

थोड़ी देर बाद मुझे याद आया घर मे कोई नही है और इससे अछा मौका कोई नही है चाची को नंगा देखने का. तो मैने जल्दी से किचन जाके पानी गरम करके उसको साइड मे रख दिया.

घर के पाचे आँगन खुला था और वाहा जाने के लिए एक गेट था जो की नहाने के वक़्त बंद करना पड़ता था ताकि कोई देख ना सके. मै उस गेट के पास गया और उसमे कोई छेद ढूँढने ल्गा ताकि बाहर का हसीन नज़ारा देखा जा सके.

ढूँढते ढूँढते मुझे एक छेद मिल गया जिससे आँगन का नज़ारा सॉफ सॉफ दिख रा था. मै बहुत खुश हो गया की आज तो मजा आ जाएगा. चाची उस समय अपने कपड़े धो रही थी और कुछ काम कर रही थी.

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मै 20 मिनिट तक छेद के पास खड़े होके देखता रहा लेकिन कुछ नज़ारा नही दिखा. मै निराश हो गया लेकिन फिर भी ऐसी चीज़ो मे उम्मीद कहा खतम होती है इसलिए मै भी ल्गा रा. तभी अचानक चाची गेट की ओर बढ़ने लगी मै एकदम डर गया और जल्दी से दरवाजे के पास से दूर भाग कर अपने रूम मे चला गया.

चाची आई और कुछ समान घर मे रख कर वापस दरवाजा लगाकर नहाने चली गयी. मैने 5 मिंट तक वेट किया और उसके बाद वापस गेट के पास जाके छेड़ मे से देखने ल्गा.

चाची इस बार नहाने के लिए बाल्टी मे पानी भर रही थी. और फिर उन्होने अपनी सारी खोलनी शुरू की लेकिन तभी घर का डोर बेल बज गया. मै जल्दी से भाग के दरवाजा खोलने गया तो देख की अंकल आ गये थे और फिर मुझे चुपचाप अपने कमरे मे जाना पडा.

मै अफ़सोस करता रा की आज लैव मे दिख जाता सब कुछ लेकिन अफ़सोस अंकल गलत टाइम पर आ गये.

उस दिन के बाद से मै रोज मौके की तालाश मे रहने ल्गा. चाची मुझे शुरू से ही हॉट लगती थी लेकिन दोस्तो की कहानिया सुनने के बाद मुझे वो और हसीन लगने लगी. और उसको नंगा देखने की चाहता हमेशा मेरे मन मे रहने लगी.

तो मौके की तलाश करते करते एक दिन मुझे मौका मिल गया. उस दिन सनडे था और अंकल अपने काम से बाहर गये थे और पापा मम्मी मार्केट गये थे.

उस दिन घर मे अकेले होने की वजह से मै चुप छाप मौके की तालश मे अपने कमरे मे बैठा था और सोच रा था की कब चाची नहाने जाए और उनका नंगा जिस्म मै देख के हिला साकु.

तभी अचानक चाची की आवाज़ आई की मै नहाने जा रही हू कोई आए घर मे तो देख लेना तो मैने बोला ठीक है. उनको कहा पता था की मुझे अब इन सब सेक्स की बातों मे इंटेरेस्ट आने ल्गा है और मै उनको नंगा देखना चाहता हू. मुझे बोलके वो नहाने चली गयी.

जाने के बाद मैने 5 मिनिट तक वेट किया उसके बाद मै अपने कमरे से बाहर निकल के पीछे वाले दरवाजे के पास जाके छेड़ मे से देखने ल्गा. पिछली बार की तरह चाची इस बार भी अपने कुछ कपड़े धो रही थी और कुछ कुछ काम कर रही थी.

मुझे ल्गा पिछली बार की तरह इश्स बार भी लगता है नज़ारा नही देख पौँगा. इंतज़ार करते करते 20 मिनिट हो गये. मै भी वेट कर कर के थक गया और अपने कमरे मे आ गया. लेकिन बात ज्ब चूत की हो तो मन कहाँ मानता है 5 मिंट बाद मे फिर से वापस गया और छेड़ मे से देखा.

देखने के बाद मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी. चाची अपनी सारी उतार रही थी नहाने के लिए. सारी उतारने के बाद उनका हसीन बदन ऑलमोस्ट दिखने ल्गा था.

अब उनके बदन पर सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट था जिसमे से उनकी बड़ी बड़ी चुचिया(बूब्स) और मोटे मोटे गान्ड का शेप दिखने ल्गा था. तभी वो अचानक दरवाजे की ओर मूडी तो मुझे ल्गा लो हो गया आज का भी खेल ख़तम.

लेकिन दरवाजे की तरफ एक बाल्टी रखी थी उसको लेने के लिए ही वो आई थी और लेके वापस चली गयी आँगन मे नहाने के लिए. फिर उन्होने धीरे से अपना ब्लाउस खोले और जैसे हे ब्लाउस खुला उनके 40 साइज़ के बूब्स उनकी काली ब्रा को फाड़ के बाहर आने के लिए उतावले होने लगे.

फिर उन्होने ब्लाउस खोल कर साइड मे रख दिया. उसके बाद पेटिकोट खोलने की बारी थी लेकिन वो अपने ब्लाउस को धोने लगी. ब्लाउस को धो कर साइड मे रखने के बाद उन्होने अपने पेटिकोट का नाडा खोला.

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ये सब देख कर मेरा लंड धीरे धीरे गीला होके खड़ा होने ल्गा था. पेटिकोट का नाडा खोलते ही पेटिकोट नीचेगीर गया और तभी उनकी मोटे मोटे चूतड़ मेरी आँखो के सामने आ गये.

उन्होने ब्लॅक कलर की पनटी भी पहन रखी थी. पनटी तो ब्स नाम के लिए पहना था क्यूकी 70% चूतड़ तो बाहर हे था ब्स दोनो चूतडो के बीच मे पनटी फसि हुई थी.

अब तो चाची ब्स अपनी काली ब्रा और पनटी मे थी और मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था.

उनके इतने बड़े बड़े चुचियो और गान्ड को देख कर मुझसे कंट्रोल नही हो रा था लेकिन किसी तरह मै कंट्रोल कर रा था. अब उनके मोटे शरीर पर ब्स 2 कपड़े बचे थे और मै उनके उतरने का वेट कर रा था ताकि चूत के दर्शन हो जाए और निपल का मजा लिया जा सके.

मै ख़यालो मे खोया हुआ था तभी अचानक चाची का हाथ उनकी पीठ की ओर गया और वो वक़्त आ गया जिसके लिए मै पिछले 1 महीने से मासककत कर रा था.

उन्होने अपनी ब्रा का हुक खोला और फिर धीरे से ब्रा निकाल दी. जैसे ही उन्होने ब्रा निकली उनके 2 बड़े बड़े तरबूज जैसे चुचिया लटक गयी. और काले काले निपल तो मानो चूसने के लिए ही बने हैं ऐसा लग रा था. फिर उन्होने बूब्स को रगड़ा और धीरे धीरे निपल सहला रही थी.

मुझे ये देख कर ब्डा अजीब ल्गा की अंकल के होते हुए वो ये सब क्यू कर रही है. फिर उन्होने थोड़ी देर तक निपल सहलाने के बाद पानी अपने शरीर पर डाला. और उनके गीले बूब्स चमक रहे थे और काले निपल तो जैसे किसी से चुसवाने के लिए बेताब थे. फिर उन्होने पूरे शरीर पर साबुन लगाया और रगड़ने लगी.

मै इंतज़ार तो उस जादुई छेड़ का कर रा था जिसके पीछे पूरी दुनिया पागल रहती है. तभी अचानक चाची का हाथ उनकी पनटी मे गया और वो वहाँ साबुन लगाने लगी.

मुझे तो इंतज़ार था पनटी के खुलने का जो की नही हो रा था. उन्होने अपनी चूत पे साबुन लगाया और हाथ बाहर निकल कर नहाने लगी फिर से. मुझे ल्गा नही दिखेगा आज कुछ.

लेकिन थोड़ी देर शरीर पे पानी डालने के बाद अचानक उन्होने पनटी खोल दिया. उसके बाद का नज़ारा देख कर मेरा लंड तो जैसे लग रा था मेरी चड्डी फाड़ के बाहर आ जाएगा. मैने उसे बाहर निकल लिया. पनटी खुलने के बाद उनकी नंगी चूत मेरे सामने थी जिसे देख कर मै मधहोश होने ल्गा.

हल्की हल्की झान्टो से ढकी हुई उनकी काली चूत मानो कह रही हो की आजा मेरे राजा ब्जा दे इसका बाजा. फिर उन्होने धीरे धीरे चूत को रगड़ा और नहाने लगी. मै उसके बाद अपने लंड को हिलाने ल्गा.

चाची ने धीरे धीरे अपने पूरे शरीर मे साबुन लगाया और स्पेशली चूत पे रगड़रग़ाद के लगाया. मै ये सब देख कर हिला रा था और तभी मुझे लगा मै झड़ने वाला हू तो जल्दी से टिश्यू पेपर लेके आया और उसमे अपना सारा माल गिरा दिया.

मैने सोचा काश इसको चाची को टेस्ट करवा पाता. उसके बाद चाची ने नहा कर सारे कपड़े पहन लिए और आ गयी. मई भी जल्दी से भाग कर अपने कमरे मे चला गया.

तो एस तरह मेरे इस्स चूत के दर्शन वाली मुराद पूरी हो गयी. और आपने सुना ही होगा आदमी की इच्छाओ का अंत नही होता ठीक उसी तरह उसके बाद मै रोज ऐसे फिराक मे रहने ल्गा की कब चूत के दर्शन हो जाए. और मेरी ऐसी हरकत ने मुझे चाची की प्यारी चूत दिलवा दी.