मे:” आंटी बहोत दर्द हो रहा है क्या?”
रेखा: “हां, बहोत दुख रहा है.”
मे:” मे कुछ करूँ?”
रेखा:”नही तुम बाहर जाओ थोड़ी देर..”
आंटी को शरम आ रही था. पर मुझे आंटी को ऐसे हालत मे छोड़ के जाने का मन नही किया. तो मैने अपने घर जाके आयंटमेंट लाया. और आंटी को उल्टा लेटने को बोला. पर वो नही मानी. तो मैने भीगी टवल निकल दिया और आंटी को ज़बरदस्ती उल्टा लिटा दिया. आंटी मुझ पर चिल्लाने लगी,
रेखा: “छोड़ो मुझे, क्या कर रहे हो, छोड़ो.”
मे: “कुछ नही आंटी आयंटमेंट लगारहा हूँ.”
रेखा:” मुझे दो मे लगा लेती हूँ. तुम प्लीज़ जाओ. ”
मे: “नही आंटी. ऐसे हालत मे आपको छोड़कर कही नही जाउँगा ”
ऐसा कह कर मे आयंटमेंट उसकी पीठ पे लगाना शुरू किया. थोड़ी देर बाद वो शांत होगआई. और मेरे मान मे कुछ और विचार आने लगा. मेरे सामने मेरी सपनो की रानी ऑलमोस्ट नंगा लेती हुई थी. मेरे लंड मे जान आरा था. और मान मे हवस भर रहा था.
आंटी को प्यार करके चोद्ने का इससे अच्छा टाइम और नही था. तो मैने बिना बताए आंटी की पनटी झट से उतार दिया. आंटी चिल्लाने लगी. उनकी एक बात ना सुनी और उनकी गॅंड पे क्रीम लगा रहा था. धीरे धीरे से मे उनकी गॅंड को मसल ने लगा और चाते मरने लगा.
आंटी गुस्सा हो रही थी. दर्द कम होने के वजह से आंटी उठने की कॉसिश कर रही थी. और उठ भी गयी. और मेरी तरफ मूढ़ के एक ज़ोर से थप्पड़ मार्डी. मई तो हवस मे था एसलिए थप्पड़ का कुछ असर नही पड़ा.
पर जब आंटी ने गुस्से से उठी वो भूल गयी थी की वो पनटी नही पहने थी, और टवल से अपने शरीर को ढकने की कोशिश कर रही थी, तब मैने तोवेल को ज़ोर से किंच दिया.
तब पहली बार मेरी जिंदीगई मे एक नागंहा चुत का दर्शन हुआ. आंटी के चूत हल्के से बाल से ढाका हुआ था, और झट से अपने चूत को हाथों से छुपा दिया. तब मे तन ली के आज एस चूत मे मेरा लंड जाना ही है.
तो मैने आंटी के कमर पकड़ के उसी बेड पे ढाका दे दिया और वो अपने पीठ के बाल गिर गयी. उनके हाथ को अपने हाथ से पकड़ के उसके चूत से हटाया और अपने मूह को उनकी चूत से लगाया और चॅट ने लगा.
आंटी चिल्लाने लगी. आआहा आआाा छोड़ मुझे चूतिए छोड़ मूज़े, मई तेरे आंटी हूँ, कोई देख लेगा. पर मई किसी का सुनने वाला नही था, आंटी के मूह मे उनके ही पनटी थमा दिया ताकि चिल्लाने से कोई आवाज़ ना आए.
मैने उनके टाँगे फैलाकर अपने जीब से उनका चूत चॅट रहा था. और उनकी पिंक चूत के लिप्स को खोल के तौंघ फक कर रहा था. आंटी की आँखों मे आसू आने लगी थी. पर अंदर से वो भी गरम होने लगी थी. थोड़ी देर चूत चाटने के बाद वो झाड़ गयी.
मैने आंटी के चूत के रस अपने मूह मे लिया, और उठ कर आंटी के मूह से पनटी निकाला. और झट से उनके होतों से मेरे होंठ लगाकर किस करने लगा. उनके चूत का रस उनके ही मूह मे दे रहा था अपनी जीब को आंटी के मूह मे अंदर बाहर कर रहा था. वो कुछ रिक्ट नही कर रही थी.
मैने लीप किस करते ही, आंटी के चूत मे दाल दिया. वो चिल्ला उठी. अपने दोनो हाथ से बेडशीट को ज़ोर से पकड़ रही थी. उनकी घीली चूत मे मेरे उंगलिया आसानी से आ जा रहता. अब आंटी मेरे साथ देने लगी.
मैने आंटी के चूत का रस को पूरे मूह मे फैला दिया था. ऐसा लग रहा था की आंटी ने कोई अलोएवेरा जेल लगा रही थी, और हम दोनो चूत के रस का स्वाद लिए.
आब आंटी शांत और गरम होगआई थी. मेरा लंड बी कड़ा हुआ था. मे झट से अपना पूरा कपड़े उतार दिए, और नंगा होगआया. आंटी मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और मे उसके सामने नंगा था.
रेखा: “यह क्या किया तुमने?”
मे:” वही जो मैने बोहोत दिन से करना चाहता था.”
रेखा:” क्यूँ? मे ही क्यूँ? और कोई नही मिला था क्या? मे तो शादीशुदा हूँ. और तुम तो अभी बी जवान हू तूमे तो कोई भी मिलजाता है”
मे:” हन पर वो सब आप नही होसकती है. मुझे आप से प्यार होगआया है. मे तुम से प्यार करता हूँ.”
ऐसे कहते ही मे उनपे चाड दिया. उनकी कमर से सिर तक किस करते गया. उसकी पैर को फैलाकर उनके जांगों को किस कर रहा था. तभी वो मुजसे दूर जा रही थी.
आयेज क्या हुआ नेक्स्ट पार्ट मे बतौँगा…
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