प्यारी पंखुड़ी भाभी की चुदाई स्टोरी

pyari bhabhi ki chudai story हेलो दोस्तो मेरा नाम पार्थ है और आज मैं आपको एक अपने दोस्त की बीवी के साथ बीते लम्हो की कहानी बताने जा रहा हूँ जो की बहोत ही सेक्सी और माह-शलः कयामत है. तो चलो अब शुरू करते है. देसी भाभी की चुदाई सेक्स स्टोरी

दोस्तो मेरा एक दोस्त है बॉब्बी जिसके साथ मेरी कॉलेज टाइम से दोस्ती भी है और गली मे रहते हुए की पड़ोसिदारी भी है. दोस्तो मेरी और बॉब्बी की यारी बहोत ही मस्त है, हम दोनो कॉलेज टाइम मे खूब मस्ती करते थे और खूब लड़कियो को छेड़ते भी थे.

पर दोस्तो हर लड़की मुझ पर ही फिदा होती थी और उस पर नही क्योकि वो इतना स्मार्ट और हॅंडसम नही था. पर कहते है ना भगवान भी उसकी झोली मे ज़्यादा फूल बरसता है जिसको उसकी अकल नही होती या उसकी कदर नही होती.

अब आप भी कहोगे की मैं ऐसा क्यो कह रहा हूँ. दर-असल कॉलेज लाइफ ख़तम होने के बाद बॉब्बी को अछि जॉब मिल गई और साथ ही साथ उसको गाड्डी के साथ-साथ नड्डी भी मिल गई. मेरे कहने का मतलब है की उसको जॉब की तरफ से कार तो मिली ही मिली पर साथ ही साथ इतनी सुंदर बीवी मिल गई की मैं आपको क्या बताउ.

उसको देख कर तो मैं एक पल के लिए उससे जेलस करने लग गया था क्योकि मैने कभी यकीन नही किया था की मेरे चूतिया दोस्त के साथ इतनी सुंदर लड़की की शादी होगी क्योकि बॉब्बी का रंग भी सावला था और उसकी हाइट भी 5’1 फुट थी. और मेरी भाभी यानी बॉब्बी की बीवी यानी उनका नाम पंखुड़ी उनका रंग एक दम गोरा था और उनकी हाइट 5’ 4 फुट थी और 32-26-32 उसका फिगर था, उसको देख कर तो मेरा लंड भी खड़ा होजाता था.

मैं और मेरे कुछ दोस्त बॉब्बी का मज़ाक भी उड़ाते थे की भाभी को शांत भी कर पता होगा या नही, अगर बूब्स चूस्ता होगा तो चूत नही मार पाता होगा और अगर चूत मारता होगा तो बूब्स नही चूस पाता होगा. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

बेचारा हमारे मज़ाक पर कुछ कह ही नही पाता था और बस चुप चाप खड़ा रह जाता था. अब ऐसे ही कुछ दिन निकल गये और मैं तो बस भाभी के दिखते ही घर पर दिन हो या रात किसी भी वक़्त बाथरूम मे घुस कर भाभी के नाम की मूठ मार ही देता था.

एक दिन की बात है भाभी मेरे घर पर आई तो मम्मी पापा को पूछने लग गई पर मैं तो उस वक़्त घर पर अकेला था इसलिए मैने उन्हे कह दिया की मम्मी पापा तो 3 दिन के लिए बाहर गये हुए है इसलिए वो नही मिल पाएँगे. पर जब भाभी जाने लगी तो मैने इसे रोक दिया क्योकि मैं घर पर आई इस हुसन की परी के साथ कुछ पल बिताए बिना वापिस नही जाने देना चाहता था इसलिए मैने उन्हे चाय के बहाने रोक लिया.

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अब मैं उनके लिए चाय ले कर आया और बैठ कर पीते हुए बाते करने लग गया और मैने बातो ही बातो मे पूछ लिया – भाभी, बॉब्बी से खुश तो हो ना? तंग तो नही करता?

भाभी मेरी बात सुन कर चुप हो गई और चाय का कप नीचे रख कर चली गई पर मुझे उनके जाने पर दाल मे कुछ काला लगा. पर खैर छोड़ो ये सब मुझे क्या लेना इन सबसे.

अब मैं उनके जाने पर उनके नाम की मूठ मार कर सो गया और अगले दिन जब उठा तो थोड़ी देर बाद डोरबेल बजी तो मैने देखा की भाभी ही थी पर आज ये दुबारा क्यो आए थे, मैं समझ नही पाया.

मैं- हंजी भाभी अंदर आइए.

भाभी- मम्मी पापा है?

मैं- नही भाभी आपको बताया तो था की वो गये हुए है 3 दिन के लिए.

भाभी – अछा तो चाय नही पिलाओगे आज?

मैं – हाँ हाँ ज़रूर, ये भी कोई कहने की बात है.

अब मैं भाभी और अपने लिए चाय बना कर ले आया और फिर उनके साथ चुप चाप बैठा रहा तो भाभी बोली – क्या हुआ, चुप क्यो हो?

मैं – भाभी कल मैं आपको हर्ट कर्दिया था ना इसलिए आज चुप हूँ और आज मैं कुछ बोल कर आपको हर्ट नही करना चाहता.

भाभी मेरी बात सुन कर गहरी साँस लेते हुए रोने लग गई और बोली- मैं पार्थ से खुश नही हूँ.

मैं – क्यू क्या हुआ?

भाभी – तुम्हारे दोस्त का साथ तो है मेरे साथ पर मैं क्या करू जो एक लड़की चाहती है वो मुझे उनसे नही मिल पाता.

मैं – क्या भाभी मैं समझा नही, खुल कर बताओ.

भाभी- देखो तुम्हारे दोस्त मुझे सॅटिस्फाइड नही कर पाते, जब तक मैं गरम होती हूँ वो ठंडे होजाते है और अपना निकाल कर सो जाते है.

अब मैने भी मौके का फ़ायदा उठाते हुए उनके ब्लाउस पर हाथ रख दिया तो भाभी कुछ नही बोली और मैं उनके आँसू पोंछते हुए उनकी सारी मे हाथ डालने लग गया जिससे भी भाभी कुछ नही बोली और फिर मैने भाभी की चूत मे उंगली डाल दी जिससे उनके मूह से आआह्ह्ह निकल गई और मैं उनके होंठो को अपने होंठो मे भर लिया.

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अब मुझे पता था की भाभी राज़ी है इसलिए मैने उनकी सारी उतार कर उनको नंगा कर के अपने बिस्तर पर लेटा दिया और उनके बड़े- बड़े बूब्स को मूह मे डाल कर चूसने लग गया और भाभी भी मज़े मे आअहह आअहह करने लग गई. अब मैने उनके निप्पल को मूह मे डाल कर दाँत से काटा भी तो भाभी छींख पड़ी और फिर मैने उनकी चूत पर हाथ रख कर उनकी चूत को मसलना शुरू कर दिया जिससे वो पागल होती चली गई और फिर मैने भी अपने कपड़े उतार दिए और जैसे ही उन्होने मेरे लंड को देखा तो उसको मूह मे ले कर टेस्ट करने को कहा और फिर मैने अपने लंड को उनके मूह मे दे दिया और खुद उनके उपर आ कर 69 की पोज़िशन मे हो कर उनकी चूत चाटने लग गया.
भाभी मेरे लंड को करीब 20 मिनिट तक चूसने के बाद बोली – जान अब इसे इस गुफा मे डाल दो.

तो अब मैने भी बिना कोई देर किए लंड को उनकी चूत पर सेट किया और अंदर डाल कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लग गया जिससे भाभी सिर्फ़ मज़े मे आआअहह आआहह करने लग गई और मैं उनकी चूत फाड़ते हुए उनके बूब्स दबाने लग गया जिससे उन्हे और मज़ा आने लग गया.

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मैं उनकी चूत को 20 मिनिट तक मारता रहा और इस बीच उनका पानी 2 बार निकल चुका था और फिर जब मेरा निकलने वाला हुआ तो मैने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए और फिर एक दम से मेरा पानी उनकी चूत मे निकल गया.

और फिर उन्होने एक बार मेरे लंड को खड़ा किया और अब मैने उन्हे डोगी पोज़िशन करके उनकी चूत मारी जिससे उनको बहोत मज़ा आया और मैने फिर से उनका और अपना सारा पानी निकाल दिया और वो फिर कपड़े पहन कर बोली – अब तो मुझे हथियार मिल गया है तो मुझे अब अपने पति के लंड की या उनके पास होने की कोई ज़रूरत नही है.

अब हम जब भी एक दूसरे से मिलते है तो एक दूसरे को शांत करने के लिए खूब चुदाई करते है.