प्रोफेसर के साथ मेरी सुहागरात

हेलो दोस्तो, मैं प्रिया आज आप के लिए अपनी पहली कहानी ले कर आई हूँ. मुझे उमीद है आप को मेरी ये पहली कहानी पसंद आएगी. मैं आज सब के सामने अपनी जिंदगी का वो सच ले कर आई हूँ. जिसे सुन कर आप भी मुझे कहगें की मैं एक नंबर की पागल हूँ.

पर आप ने ये सुना ही होगा की प्यार अँधा होता है. तो मैं कहती हू हाँ जी प्यार अँधा होता है. और इस प्यार मे लोग भी अंधे हो जाते है. जेसे मैं बिल्कुल आँधी हो गई थी .आप इस मेरा प्यार भी कह सकते है. और मेरे अंदर बड़ा लंड लेने का चस्का या भूख है आप ये भी कह सकते है.
दरअसल मेरी उमर 21 साल है और मैने शादी एक 43 साल के आदमी से करली है. आज की कहानी मेरी ये ही है की मैं इतनी बड़ी उमर के आदमी से शादी क्यो की आख़िर. तो चलिए मै आप सब को शुरू से सब कुछ बताती हूँ.
ये बात तब की है जब मैं 20 साल की थी. और मेरा कॉलेज मे 2न्ड इयर चल रा था. आज भी मेरा फिगर 32-28-36 है जिसे देख कर बड़े बडो लंड खड़ा हो जाता था. मुझे अपने कॉलेज के लोगो को अपनी गांद के पीछे घुमाना बहोत अच्छा लगता था. मैं अब तक अपने कॉलेज के एक ही लड़के से चुदि थी. उसका लंड खास अच्छा नही था सिर्फ़ 6 इंच का पतला सा था.

एक बार चुदाई के बाद मैने उससे 5 बार और सेक्स किया. और फिर मैने उससे ब्रेकप कर लिया. क्योकि वो मुझसे शादी करना चाहता था और मैं सारी उमर उस छोटे से लंड से चुदना नही चाहती थी. फिलहाल मैं सिंगल थी और अपनी लाइफ के पूरे मज़े ले रही थी.
ऐसे करते करते कब मेरा लास्ट इयर आ गया मुझे पता तक नही चला. मैं मस्ती मे काफ़ी बिज़ी थी इस लिए स्टडी कुछ खास नही कर पाई. और मुझे अब फेल होने का डर खाने लग गया. तभी मेरी फ्रेंड ने मुझे बताया की हमारा एच .ओ. डी विजय मुझे पसंद करता है. और वो मुझे बहोत चाहता है और मुझे से फ्रेंड शिप करना चाहता है.

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जब मैने उसकी बात सुनी तो मैं डर सी गई क्योकि वो 40 साल के थे. पर मेरी फ्रेंड ने मुझे समझाइ की अगर तूने बिना स्टडी करे कॉलेज मे टॉप करना है तो हाँ कर दे. मुझे उसकी ये बात बहोत अच्छी लगी और मैने उसे हाँ कहने के लिए कह दिया.

फिर विजय सिर मुझसे फोन पर रात को घंटो बात करने लग गये. मैने उससे वाइफ के बारे मे पूछा तो उन्होने मुझे बताया. की उनकी दो बार शादी हो गई पर दोनो वाइफ उन्हे छोड कर चली गई है. मैने उनसे इस कारण पूछा तो उन्होने टाल दिया. पर मैं जानना चाहती थी की ऐसा कौन सा कारण है.

हमारे एग्ज़ॅम शुरू हो गये थे और मेरे सारे एग्ज़ॅम बहोत अच्छे हो रहे थे. क्योकि विजय सिर जो मेरे साथ थे वो एग्ज़ॅम होने के बाद मुझे अपने कॅबिन मे बुला लेते. और मेरे सामने एक बुक और मेरी आन्सर शीट रख देते थे.
जब तक अपना एग्ज़ॅम पूरा करती तब तक वो मुझे ही देखते रहते थे. उन्होने मुझे अभी तक टच भी नही किया था इस लिए मैं उनकी दीवानी हो गई थी.

वारना अब तक तो लड़के मुझे 20 बार चोद देते. एग्ज़ॅम होने के बाद एक दिन हम दोनो मूवी देखने चले गये. मूवी बहोत ही रोमॅंटिक थी इसलिए मेरा मूड खराब होने लग गया. सिर ने मुझे किस किया मैं गरम होना शुरू हो गई. मेरा हाथ अपने आप उनके लंड के उपर चला गया. उनका लंड पैंट मे खड़ा था.
मैने जैसे जेसे उनके लंड पकड़ना चाहा तो मैने महसूस किया की उनका लंड तो खतम ही नही हो रा है. मैं अंदाज़ा लगया की उनका लंड करीब 8 इंच का है. तभी सर ने अपना लंड बाहर निकल लिया. जब मेरी नज़र उनके लंड पर गई तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गई. मुझे विश्वश नही हो रा था की किसी का 10 इंच लंबा और करीब 4 इंच मोटा लंड भी हो स्कता है.

विजय सर मुझे देख कर मुस्कुराए और मैं भी उन्हे देख मुस्कुराने लग गई. फिर मैने उनके लंड को चूसा और उपर नीचे करना शुरू कर दिया. करीब 15 मिनिट बाद उनके लंड से पिचकारिया निकलनी शुरू हो गई जो की मेरे चेहरे और मेरे बूब्स पर गिर रही थी. उस दिन के बाद मैं उनके लंड की दीवानी हो गई. मैं उनके लंड को अपनी चूत मे लेना चाहती थी.
पर उसके 2 दिन बाद ही सर ने मुझे घर मे कहने को कहा की वो कॉलेज के टूर पर 10 दीनो के लिए शिमला जा रहे है. मैने ऐसा ही कह दिया और साथ ही उनके कहने पर घर से अपने सारे गहने भी ले लिए. फिर वो मुझे गोआ ले गये और वाहा जा कर हम एक होटेल मे रहे.
होटेल मे जाते ही उन्होने मुझे प्यार करना शुरू कर दिया. जब मैं पूरी गरम हो गई. तो मैने उन्हे मुझे चोदने को कहा, पर सर ने मुझे सीधा ही माना कर दिया. और मुझे अपनी गोद्द से उतार कर अपने बॅग मे से एक नयी लाल रंग की साड़ी निकली और मुझे तैयार होने को कहा.

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जब मैं एक दुल्हन की तरह तैयार हो गई. तो उन्हे एक फोन किया तभी कुछ ही देर मे एक पंडित अपनी पूरी तैयारी के साथ रूम मे आ गया. उसने हम दोनो की शादी करी और फिर हम दोनो हज़्बेंड वाइफ बन गये. मैं उनके इस तरीके से बहोत ज़्यादा खुश हो गई थी. मुझे अब सर से और भी ज़्यादा प्यार हो गया था.
शादी होने के बाद उन्होने पंडित को वापिस भेज दिया. और फिर हम दोनो बाहर घूमने के लिए चले और शाम को डिन्नर करके वापिस अपने रूम मे आए. रूम मे आते ही मैं फिर से उनकी दुल्हन बन गई और फिर उन्होने मेरे साथ मेरी पहली सुहाग रात मनाई.
मैने अपनी चूत मे 10 इंच का लंड पहली बार लिया था. मुझे काफ़ी तकलीफ़ हुई पर बाद मे मुझे जो मज़ा आया. वेसा मज़ा तो शायद ही मुझे अपनी पूरी जिंदगी मे मिलता.

आज मेरी शादी को 1 साल होने वाला है. और मेरे पति मुझे हर रोज चोद्ते है. और मेरी गांड भी मारते है. साथ ही अब हम अपने परिवार से दूर है पर बहुत खुश भी है.