मेरी मा की सेक्सी यात्रा

हेलो दोस्तो मेरा नाम पंकज है मैं अलीघर सिटी मे रहता हू, मेरी एज 22 साल है मैं बी,टेक 3र्ड ईयर का स्टूडेंट, मेरे फॅमिली मे मेरे पापा नाम है रघुवीर (53) मम्मी अनिता (46) एक बड़ी बहन जिसकी शादी 3 साल पहले हो चुकी है देल्ही मे और मेरा एक छोटा भाई नाम अतुल (16) भाई अभी 11थ क्लास मे है और पापा का एक बिज़्नेस शॉप है मार्केट मे हार्डवेर की, और मम्मी एक हाउस वाइफ है घरेलू महिला हैं, पढ़ी लिखी नही है. हिन्दी सेक्स स्टोरी

पापा का बिज़्नेस ठीक ठाक चलता है, मैं भी एक आछे प्राइवेट कॉलेज मे हू भाई भी आछे स्कूल मे पढ़ाई कर रहा है कुल मिला के हमारा घर ठीक ठाक चलता है, पापा सुबह दुकान पर जाते है और रात को 9बजे तक घर आजाते है, मम्मी एक पूजा पाठ करने वाली महिला है, मम्मी का डेली रुटिन है सुबह उठके पूजा करना और मार्केट के पास एक मंदिर है वाहा जाना, ये घटना आज से 2महीने पुरानी है डिसेंबर की बात है.

रात को हम खाना खा रहे थे और पापा भी आ गये थे भाई अपने रूम मे था मैं और पापा खाना खा रहे थे, मम्मी किचन मे खाना बना रही थी तभी पापा के फोन पर राजपाल अंकल का फोन आया, राजपाल अंकल पापा के आछे दोस्त है, पापा के गाओ के है और गाव मे ही रहते है, और खेती बाड़ी करते है.

हमारे खेत भी अंकल ही संभालते है, पापा ने फोन उठाया और हाल चल पूछने लगे वाहा थोड़ी देर बाते हुए फिर अंकल पापा से बोलो भाई रघुवीर वैशानो देवी जा रहा हू बच्चो के साथ 3दिन बाद तुझको भी चलना पड़ेगा भाई पापा बोलो राजपाल भाई माफ़ कार्यो पर मेरा प्लॅन ना बनपावेगो दुकान भी तो संभालनी है.

फिर बातचीत हुईऔर पापा ने मना कर दिया और फोन कट कर दिया, मम्मी ने पूछा किसका फोन था पापा ने बताया और बोलो की वैशणाओ जाने को बोल रहा हैं 15तारिक़ को.

पापा बोले मैने तो माना कर दिया, मम्मी बोली की मैने घूम आउ और अगर भाभी भी जा रही हो तो पापा बोले हान जा रही है भाभी और दोनो बच्चे, मम्मी बोली तो मैं पंकज और अतुल को लेके घूम आउन्गि और पहले तो पापा ने मना कर दिया फिर मम्मी भी कुछ नही बोली.

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फिर सुबह पापा का अचानक मूड बदला और सुबह बोले अनिता घूम आओ तुम लोग, पापा ने अतुल से पूछा पर अतुल एक प्री बोर्ड चल रहे थे तो उसका जाना क्यांसल था मेरे तो कॉलेज 20दिन के लिए बंद थी.

पापा ने अंकल को फोन किया और बोले की अनिता और पंकज का टिकेट बुक कार्वालो वो दोनो जाएँगे, मैं बहुत खुश था बहुत एग्ज़ाइटेड हॉगया था जाने के लिए क्यूकी मैं पहली बार जा रहा था वेसनोदेवी मम्मी भी बहुत खुश थी, और हम अब पॅकिंग करने लगे कुल मिला के 5दिन का टूर था.

हमने सुबह गरम कपड़े और ज़रूरत की चीज़े बेग मे रख ली थी, मम्मी ने भी अपनी सारी और नाइटी भी बेग मे रख ली थी 2दिन बाद ट्रेन थी देल्ही से रात 11बजे की ट्रेन थी हम काफ़ी एग्ज़ाइटेड थे.

15तारिक़ आ गई थी अंकल हमे देल्ही स्टेशन पर ही मिलने वाले थे, हम 4बजे घर से निकल गये और अलीघर स्टेशन से देल्ही के लिए . गये पापा . स्टेशन तक छोड़ने आए थे, मम्मी ने अतुल से बोला था की घर मे ही रहना खेलना मत बाहर मत जाना पापा से भी बोला था की रात को घर जल्दी आ जया करना.

इतने मे ही हमारी ट्रेन आ गई और हम जल्दी से ट्रेन मे चढ़ गये और पापा को बाइ बोल दिया पापा ने अंकल को फोन कर दिया की 2नं बैठ गये हैं और मुझको भी पापा ने अंकल का नंबर दे दिया था हम 3घंटे बाद देल्ही पहुच गये थे, देल्ही पहुचते ही मैने अंकल को फोन किया.और थोड़ी देर बाद अंकल हमे लेने आ गये, राजपाल अंकल काफ़ी हटते काटते थे और पापा से 2साल बड़े थे.

फिर अंकल को मैने नमस्ते किया और मम्मी ने घूँघट ओढ़ लिया क्यूकी अंकल पापा से बड़े थे. मैने एक चीज़ नोटीस की थी की अंकल को ही देखे जा रही थी क्यूकी मम्मी थी ही एसी उसकी गॅंड गदर मजा रही थी.

फिर अंकल हमे अपनी फॅमिली के पास ले गये वाहा एक गाओ की काली सी आंटी बैठी थी और उनका छोटा बेटा रवि बैठा था, आंटी काफ़ी काली थी कुल मिला के अंकल के लायक नही थी हाइट भी कम थी, और अंकल तांदरुस्त थे और काफ़ी अछी सेहत के मलिक थे, फिर उन दोनो सहेलियों का भी मैल मिलाव हुआ.

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पर बातो बातो मे मैने नोटीस किया था की अंकल आंटी से नाखुश थे मतलब् उनका ताल मैल बिल्कुल ठीक नही था, खैर थोड़ी देर बाद ट्रेन आ गई, और ट्रेन को देख कर हमारे पसीने छूट गये क्यूकी ट्रेन मे भीड़ बहुत थी मतलब् हमारा चढ़ना बहुत मुश्किल वाला काम लग रहा था, ट्रेन प्लॅटफॉर्म पर खड़ी हो गई फिर हम सबने अपना अपना समान ले लिया आई मीन बेग्स और लाइन से लग गये सबसे पहले आंटी थी फिर उनके पीछे उनका लड़का रवि.

फिर मेरी मम्मी और उनके पीछे राजपाल अंकल और राजपाल अंकल के पीछे मैं खड़ा था और मेरे पीछे बहुत सारी पब्लिक, दोस्तो ट्रॅन मे लोग उतर भी रहे थे और चढ़ भी रहे थे.

भीड़ लिमिट से कुछ ज़्यादा थी, एकदम से पीछे से धक्का आया और अंकल मम्मी की गॅंड से बिल्कुल टच हो गये और, संभालने के चक्कर मे मम्मी के कंधो पर हाथ लगा दिए जो सीधे उनके बुब्स पर फिसल गया अब आधा इंच भी जगा नही थी की फिर धक्का आया और अंकल मम्मी की गॅंड से एकदम सॅट गये और अंकल का लॅंड खड़ा होने लगा बीच बीच मे धक्का आ रहा था और अंकल की फोर्स मम्मी की गॅंड पर लग रही थी जो मैं पीछेसे देख रहा था.

दोस्तो आगे क्या हुआ उसके लिए आप मेरे नेक्स्ट पार्ट का वेट करना होगा, उम्मीद हैं आपको ये पार्ट जरूर पसंद आएगा, अगर आपको मेरी कहानिया अछी लगती हो तो प्लीज़ मुझे सपोर्ट करे, और मुझे लिखने के लिए प्रेरित करे क्यूकी हम ये स्टोरीस आपके लिए लिखते हैं और कुछ आधा पढ़ने के लिए ही आप मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ते हैं.

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट सेक्षन मे ज़रूर लिखे, ताकि देसीकाहानी पर कहानियों का ये दौर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

दोस्तो उम्मीद हैं आप मुझे अपने सुझाव जरूर बताएँगे प्लीज़ कॉमेंट मी स्टोरीस एंड मैल मी मेरी मैल आईडी है “धन्याबाद.