मेरी लाइफ का सबसे पहला सेक्स

हाय फ्रेंड्स मेरा नाम अमन है और मैं लक्कनोव के एक छोटे से एरिया के मिड्ल क्लास फॅमिली से बिलॉंग करता हूँ, हाइट 5’2” कलर ठीक ठाक देखने मे कुछ खास नही लेकिन किसी भी फीमेल की प्यास बुझाने की ख़ासियत रखते है, जिस तरह लोहार को फक्र अपने हतोड़े पे उसी तरह मेरा फक्र मेरे लॅंड पे, एजुकेशन मे बी कॉम तो कर लिया लेकिन हमेशा अछी जॉब की तलाश मे इधर उधर मारे- 2 फिरा, कई जगह जॉब अपने सारे इनपुट भी शेर किए फाइनली रिज़ल्ट मे बाबा जी का थुल्लु मिला गिफ्ट मे, उपर वाले ने बिज़्नेस क्रियेटिव माइंड तो दिया लेकिन उस बिज़्नेस को क्रियेट करने के लिए पैसे नही और बचपन से ही घर की प्रॉब्लम्स को प्राइयारिटी देकर अपने बारे मे ना तो कुछ करने का मौका मिला और नाही कभी वक़्त मिला की किसी से फ्रेंडशिप की जाए और सेक्स करने को आगे बढ़े कभी सेक्स के बारे मे जानना उसको महसूस करना एक सपना सा लगता था सेक्स उस तरह का वाइरल है जो किसी को एक बार लग गया तो एंड तक ख़त्म नही होता.

क्या हम बोइस किसी को खुश कर के पैसे नही कमा सकते जिस तरह हम किसी प्रॉस्टिट्यूट को पैसे देकर अपना खुशी ढून्दते है उसी तरह फीमेल भी तो अपने आपको सॅटिस्फाइड करने के लिए किसी ना किसी की तलाश करती होंगी, अगर कोई फीमेल अपने आपको फिज़िकली सॅटिस्फाइ और मेंटली फ्रेश रखना चाहती हो वो हमे ज़रूर मैल करे हो सकता है आपकी खुशी से हमारी प्रॉब्लम्स सॉल्व हो जाए, अब मैं सीधे स्टोरी पे आता हूँ ये मेरी फर्स्ट स्टोरी है जो की मैं अपना फर्स्ट एक्सपीरियेन्स डीके के साथ शेर करना चाहता हूँ क्योकि हम इसकी स्टोरीस काफ़ी टाइम से पढ़ रहे है ये बात है फेब 14 के मंत की जब मैने अपना ऑफीस री-जोइन किया था काम काफ़ी ज़्यादा था और स्टाफ कम सर ने कई बार स्टाफ बढ़ाने की बात की बट फाइनॅन्षियली इश्यू बोल कर टाल दिया धीरे धीरे दिन बढ़ते गये फिर कुछ दीनो बाद वाहा पे एक लड़की ने ऑफीस जोइन किया उसका नाम मनीषा था दिखने मे वो एक दम सॉलिड माल उठे हुए बूब्स जिसे देखकर पॅंट अपने आप टेंट बन जाती है.

और अट्रॅक्टिव बट जिसे महसूस कर के इंसान का झड़ जाए, मैं परेशान था उससे बात करने के लिए यू कहिए उसका काम करने के लिए फिर मैने सोचा क्यो ना काम के ही बहाने उससे दोस्ती की जाए कोशिश रंग ला रही थी धीरे धीरे हमारे बीच दोस्ती हुई फिर धीरे-धीरे हम एक दूसरे के करीब आने लगे फिर हमने एक दूसरे को प्रपोज़ किया सिलसिला आगे बढ़ता गया और मेरा सेक्स करने के लिए एग्ज़ाइट्मेंट भी बढ़ता गया फिर हम दोनो ने सेक्स करने का प्रोग्राम बनाया क्योकि हम जानते थे की हम एक दूसरे से क्या चाहते है, हमारे ऑफीस की कीस हमारे पास या मनीषा के पास रहती थी, बहुत दीनो बाद ऑफीस बंद होने के लिए मैल आई की एलेक्षन डे पे ऑफ बंद रहेगा हम लोगो को एक अछा दिन नज़र आने लगा फिर एलेक्षन डे आया 30थ ऑफ एप्रिल 2014 हमारे प्लॅन के अकोर्डिंग मैं उस दिन जल्दी गया और ऑफीस खोल कर मनीषा का वेट करने लगा तकरीबन 30 मिनट बाद वो भी आई थोड़ी देर हम एक दूसरे से बात करते रहे और सोचते रहे की शुरुआत कहा से करें.

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फिर शरम को ख़त्म करके उसके होटो पे टूट पड़ा वो भी मेरा साथ दे रही थी धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी ब्रा के अंदर गया जो बिल्कुल टाइट थी मेरा हाथ बहुत मुश्किल से निप्पल तक पहुँचा मैने उनको काफ़ी देर मसला वो मूह से बस आअ आआ की आवाज़ निकाल रही थी, फिर मैने उसका कुर्ता उतार दिया उसने रेड कलर की ब्रा पहनी हुई थी रेड कलर तो वैसे भी सफेद बूब्स पे खिलता है, फिर मेरा हाथ ब्रा के हुक पे चले गये और हुक खुल गया दोनो पंछी आज़ाद होकर आसमान मे उड़ने लगे फिर मैने उसके निप्पल्स को अपने मूह मे दबा कर हल्के दांतो से उसको मसलने लगा वो मछली की तरह मचलने लगी फिर मेरा हाथ उसकी पैंटी मे चला गया जहा बिल्कुल क्लीन शेव पुसी जिसे मैं अपनी उंगलियो से सहला रहा था बीच-बीच मे उंगली उसकी चुत के अंदर डाल कर चलाई वो मस्त होती जा रही थी और सिर्फ़ एक ही बात बोल रही थी बस डाल दो बस डाल दो, फिर मुझसे रहा नही गया और मैने उसका ज़ारबंद खिच दिया.

उसकी सलवार फ्लोर पे ही गिर गयी और फिर मैं उसकी पैंटी नीचे करी मुझसे रहा नही गया और मैने सीधे उसकी फुददी पे ज़बान लगा दी और चूसने लगा काफ़ी देर चूसने के बाद देखा, वो मछली की तरह तड़पने लगी इस तरह काफ़ी देर मैं उसे लीक करता रहा नमकीन टेस्ट मिल रहा था लेकिन बहोत अछी लग रही थी वो स्मेल, मनीषा से रहा नही गया उसने मेरी पैंट उतार कर अंडरवेर मे हाथ डालकर मेरे लॅंड को हिलाने लगी मेरा लॅंड बहुत टाइट हो चुका था बहुत बेताब हो रहा था उसकी चुत को फाड़ने के लिए उसने मेरी अंडरवेर भी उतार दी मुझसे भी रहा नही गया और मैने उसकी चुत पे लॅंड को रख कर थोड़ी देर रगड़ा फिर धीरे धीरे धक्का दिया लेकिन पूरा टोपा नही गया फिर मैने एक ज़ोर से धक्का मारा और मेरा पूरा लॅंड उसकी चुत मे घुस गया उसकी आवाज़ निकली आआआआअ आआआअहह आआआहह मैं मर गईिईईईई आआआअहह आआआअहह आआआआहह आआहह.

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आआआआहह आहह आआहह आआआअहह आआआआ आआआआअ आआआआअ आआआआ आआआआ आआआआ आआआआ आआआअ धीरे धीरे, करो मार डालोगे क्या मेरा जोश बढ़ता गया इस तरह पूरी 15 मिनट राउंड चला फिर मैं झड़ने वाला था उसने बोला अंदर मत झड़ना फिर उसने मेरे लॅंड को निकाल कर मूह मे लेकर चूसने लगी, फिर मैं भी उसके मूह मे ही झड़ गया और उसके बाद हमने कई बार बाथरूम सेक्स किचन सेक्स स्टोर रूम सेक्स टेबल सेक्स चेर सेक्स फ्लोर सेक्स हर तरह के सेक्स किए ऐसा कुछ दिन चला फिर एक दिन हमारे और मनीषा के बारे मे सबको मालूम हो गया, फिर उसने जॉब छोड़ दी और उसके कुछ दीनो बाद मैने भी जॉब छोड़ दी और इस तरह हम अलग हो गये तो ये था मेरा पहला सेक्स और अगर लक्कनोव की कोई फीमेल अपनी तन्हाई को मेरे साथ दूर करना चाहे तो बेझिझक मैल करे, रिश्ता सॅटिस्फॅक्षन और खुशियों भरा हो तो और भी अछा होता है.

मेरी मैल आईडी है [email protected] प्लीज़ अपना फीडबॅक ज़रूर शेर करिएगा और थॅंक यू सो मच ये मेरी पहली और सच्ची स्टोरी है आप लोगो को कैसी लगी ज़रूर बताइयेन्गा. कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे, ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सके – डीके