मेरा गीला पाजामा

हेलो, दोस्तो मैं अविनाश आज अपनी जिंदगी की पहली मूठ जब मैने मारी थी उसकी कहानी बताने जा रहा हूँ. मुझे उमीद है आप को मेरी ये इंडियन आंटी सेक्स स्टोरीस पसंद आएगी. तो चलिए मैं आप सब का ज़्यादा टाइम ना लेते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.

दोस्तो, मेरी ये कहानी एक सच्ची कहानी है और बहोत पुरानी है. मेरी मम्मी जी मुझे बचपन मे ही छोड़ कर चली गई थी. और मेरे पापा एक कंपनी मे काम करते थे इस लिए उनके पास मेरे लिए बिल्कुल भी टाइम नही था. इस लिए उन्होने मुझे मेरे मामा मामी के पास रहने के लिए छोड़ दिया.

मामा मामी का घर एक बहोत ही छोटे और ग़रीब से गाओं मे था. और मेरे मामा मामी के पास एक कमरे का घर था. उनके घर मे वो दोनो खुद और उनकी एक बेटी अंजलि रहती थी. रात को मेरे मामा मामी अपने घर के आगन मे सोते थे और मैं और अंजलि एक साथ कमरे मे सोते थे.

जब मैं सुबह उठता तो मैं रोज देखता मामा मामी के दोनो बिस्ट्रो मे से एक बिस्तर बिल्कुल ठीक होता था और दूसरा बिस्तर बहोत ही खराब हालत मे होता था, उसे देख कर ऐसा लगता था मानो की उस बिस्तर पर रात को कुस्ति खेली गई हो.

मुझे उस टाइम सेक्स की कोई नालेज नही थी मैं उस टाइम 18 साल का हुआ था. मुझे नयी नयी जवानी आई थी. पर मुझे सेक्स के बारे मे कुछ भी नही पता था. एक रात की बात है हम सब सो रहे थे की तभी सुबह- सुबह 5 बजे मेरी आँख खुली और मैने देखा की मेरा पजामा गीला हुआ पड़ा है.

इस उमर मे बिस्तर पर सूसू करना ये सोच कर ही मुझे बहोत शरम आ रही थी. मैं उठ कर बैठ गया और रोने लग गया. जब मामी मेरे रोने की आवाज़ सुन कर मेरे पास आई और मैने कह दिया की मैने बिस्तर पर सूसू कर दिया है.

ये सुनते ही मामी को बहोत घुस्सा आया उन्होने पहले बिस्तर देखा पर बिस्तर पूरा सूखा था. तब उन्होने मेरा पजामा देखा तो सिर्फ़ मेरा पजामा ही गीला था. उन्होने मेरा पजामा को अच्छे से देखा और फिर वो मुस्कुराती हुई बोली – बेटा तुम डरो ना इस उमर मे ये सब होता ही है जाओ तुम बाथरूम मे जाओ और अपना पजामा बदल लो.

अगले दिन मामा कुछ दीनो के लिए अपने किसी काम से बाहर चले गये और अब मैं मामी और अंजलि ही घर पर थे. हम तीनो रूम मे ही सो जाते थे. दोस्तो मेरी मामी को रात को उठ कर सूसू करने की बहोत ही गंदी आदत थी.

रात को करीब 2 बजे मामी ने मुझे उठाया और कहा – बेटा चलो तुम मेरे साथ बाहर मुझे सूसू करने जाना है. मुझे अकेले जाने मे बहोत डर लगता है.

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मैं उठा और एक टॉर्च ले कर मामी के साथ घर से बाहर आ गया. उस टाइम गाओं मे टोलेट नही थे इसलिए सब के सब बाहर ही सूसू कर पोटी करते थे. मैने बाहर से कमरे का दरवाजा लगया और मामी के साथ बाहर आ गया.

मैं और मामी के घर के पास ही झाड़ियो के पास बैठ गये. अंधेरा काफ़ी था इसलिए किसी को हम दोनो दिखने वाले नही थे. रात का टाइम था ठंडी ठंडी हवा चल रही थी. जिसकी वजह से झाड़िया हिल रही थी और मामी जी को बहोत डर लग रहा था की कहीं कोई पीछे से जानवर ना आ जाए.

इसलिए मैं बार बार टॉर्च मार रहा था और इस चक्कर मे मुझे मामी की गोरी गांड दिख रही थी और कभी कभी उनकी चूत भी दिख जाती थी. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया मामी का नंगा जिस्म देख कर. उसके बाद मैने टॉर्च मामी को पकड़ा दी और टॉर्च की लाइट जैसे ही मेरे खड़े लंड पर गई तो मामी ने वाहा से टॉर्च नही हटाई और मेरे लंड को ही देखती रही.

जब हम दोनो घर वापिस जा रहे थे तब मामी बोली – बेटा अब तुम जवान हो गये हो.

मैं बोला – वो कैसे मामी ?

मामी बोली- देखो अब तुम्हारे पूरे जिस्म पर बाल आ गये है सीने पर पेट पर और उसके नीचे भी.

मैं बोला – तो मामी अब मैं क्या करूँ.

मामी बोली – क्या तुम्हारी कोई लड़की दोस्त है.

मैं बोला – नही मामी अभी तो नही है.

मामी बोली – बेटा तो बना लो फिर तुम्हे सब कुछ समझ आ जाएगा.

मैं बोला – तो मामी आप ही बन जाओ ना मेरी दोस्त.

मेरी ये बात सुन कर मामी शरमा गई और नहाने चली गई. अगली रात हम तीनो फिर से एक साथ सो रहे थे. मैं रात को गहरी नींद मे था. और मैं सपने मे मामी को नंगा देख रहा था की तभी मुझे महसूस हुआ की मेरा पजामा फिर से गीला हो चुका है.

मैं उठा और फिर से रोने लग गया. मामी उठ कर मेरे पास आई और बोली क्या हुआ अब मैने कहा देखो ना मामी आज मेरा पजामा फिर से गीला हो गया है. मामी मेरी तरफ देखते हुए बोली – पक्का तू कुछ गंदा सपना देख रहा होगा तभी ये सब हुआ है.

मैं – हाँ मामी मैं कुछ ऐसा ही देख रहा था.

मामी बोली – बता ऐसा क्या देख रहा था.

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मैं – मामी मैने देखा की आप मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी है. और उसके बाद मेरा पजामा गीला हो चुका था. प्लीज़ आप मुझे इसका इलाज बता दो वरना मैं तो रोज ही पजामा गीला करता रहूँगा.

मामी – तुम बहोत ही गंदे हो अपनी मामी के बारे मे ऐसे सपने देखते हो, खैर जब अंजलि घर पर नही होगी तो मैं इसका इलाज बता दूँगी.

अगले ही दिन अंजलि हमारे पड़ोस वाली आंटी के साथ मार्केट चली गई. मैं मामी के पास गया और बोला – मामी अब हम दोनो के सिवा घर पर कोई नही है चलो मुझे अब उसका इलाज बताओ.

मामी बोली – ठीक है पर पहले मैं नहा कर आती हूँ फिर तुम्हे मैं सीखा देती हूँ सब कुछ.

मैं – मामी मुझे भी नहाना है तो क्यो ना हम दोनो एक साथ नहाए और आप मुझे वहीं इसका इलाज बता देना.

मामी बोली – ये ठीक है चलो मेरे साथ बाथरूम मे.

फिर हम दोनो बाथरूम मे चले गये और पहले मैं मामी के सामने पूरा नंगा हुआ और फिर मामी मेरे सामने पूरी नंगी हो गई, आज मामी की चूत बिल्कुल सॉफ थी. मामी ने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपनी चूत के उप्पर रख लिया.

और अपना एक हाथ मेरे लंड के उप्पर रख कर उप्पर नीचे करने लग गई, मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था, मामी के कोमल कोमल हाथ मेरे लंड को दीवाना कर रहे थे और मैं भी अब जोश मे आ गया था. इसलिए मैं अपनी दो उंगलिया मामी की चूत मे डाल दी और ज़ोर ज़ोर से उप्पर नीचे करने लग गया.

मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दोर देसिकहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

कुछ ही देर मे हम दोनो के मूह से मस्ती से भरी सिसकारियाँ निकलने लग गयी. और करीब 3 मिनिट बाद ही पहले मेरे लंड ने अपना पानी निकाल दिया और पिचकारी सीधी मामी के पेट और चूत पर जा कर गिरी और फिर साथ ही मामी की चूत ने भी मेरे हाथ पर अपना पानी निकाल दिया.

उसके बाद हम दोनो एक साथ नहाए और बाहर आ कर मामी बोली – अब तुम रोज रात को ऐसे ही अपने हाथ से ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को हिलाओ और अपने लंड का सारा पानी बाहर निकाल दो, इससे तुम्हारा पजामा गंदा नही होगा.

मैं – थैंक यू सो मच मामी मुझे बहोत मज़ा आया इस इलाज मे.

दोस्तो, उस दिन के बाद अब मैं रोज ही मूठ मार कर सोता हूँ.

मुझे उमीद है आप को मेरी इंडियन आंटी सेक्स स्टोरीस पसंद आई होगी