फ़िर मैंने जानबूझ कर बेबी को रुला दिया और आंटी को पकड़ा दिया। अब आंटी मेरे बिल्कुल साथ बैठी थीं और आंटी ने रोज की तरह अपने ब्लाउज के दो हुक खोल कर अपना दूध बेबी के मुँह में दे दिया और आंटी सीरियल देखने लगीं।
फ़िर बेबी ने आंटी के मम्मों को जोर से दबा दिया और आंटी ने ‘आउच..’ बोला।
मैंने आंटी से पूछा.. तो आंटी ने कहा- ये इस बदमाश का काम है.. बहुत तंग करता है।
इसी बहाने से मैंने बेबी को हँसाने के लिए उसके चेहरे पर हाथ लगाया और धीरे से आंटी के मम्मे को हल्का सा टच किया। आंटी को शायद पता नहीं चला कि ये मेरा हाथ है या बेबी का मुँह है।
अब मैं टीवी की तरफ़ देखता हुआ आंटी के मम्मों को धीरे-धीरे टच करने लगा। कुछ मिनट बाद मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था। मैं उठ कर बाथरूम में गया और मुठ मार कर मैंने अपना माल निकाल दिया।
बाहर आ कर देखा.. तो मम्मी आ गई थीं।
फ़िर मम्मी और आंटी ने कुछ देर बातें की और आंटी अपने घर चली गईं।
अब मुझमें सीमा आंटी को चोदने के लिए बहुत आग लग चुकी थी.. पर मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे शुरू करूँ।
मुझे ज्यादा इन्तजार नहीं करना पड़ा.. मेरी मम्मी ने अगले दिन ही मुझे एक बरतन में सब्जी दी और कहा- जा सीमा आंटी को दे आ।
तभी मेरे दिमाग में एक प्लान आया और मैं जल्दी से अपने कमरे में गया और मैंने जाते ही अपनी पैन्ट उतार दी और अन्डरवियर भी उतार दिया। मैंने सिर्फ़ लोअर और टी-शर्ट पहन लिया।
अब मैं आंटी के घर गया और देखा कि आंटी ने सिर्फ़ घाघरा और ब्लाउज पहना हुआ है।
आंटी ने मुझे अन्दर बुला कर बैठने को बोला.. फ़िर मेरे और अपने लिए ठंडा लाकर मेरे सामने वाले सोफ़ा पर बैठ गईं।
मैंने आंटी को सब्जी दी और जाने का नाटक करने लगा।
आंटी ने मुझे रोका और कहा- कितने दिन बाद आए हो और इतनी जल्दी जा रहे हो.. ये तो गलत बात है।
आंटी ने कहा- तुम यहाँ बैठ कर बेबी के साथ खेलो और मैं बस 5 मिनट में रसोई का काम निपटा कर आई।
मैंने फ़िर से बेबी के साथ खेला और उसे रुला दिया।
तो आंटी जल्दी से आईं और मेरे साथ बैठ कर आज उन्होंने अपने ब्लाउज के सभी हुक खोल दिए, आज आंटी ने काली ब्रा पहनी हुई थी।
आंटी ने एक आम को बाहर निकाला और बेबी के मुँह में दे दिया और मुझसे बातें करने लगीं।
आंटी को पता था कि मैं उनके मम्मों की तरफ़ देख रहा हूँ।
बेबी चुप हो कर सोने लगा.. जब आंटी का ध्यान कुछ समय के लिए दूसरी तरफ़ हुआ तो मैंने बेबी को फ़िर रुला दिया.. और आंटी ने बेबी को दूसरी तरफ़ अपनी गोद में लेटाया और अब अपना दूसरा आम निकाल कर बेबी के मुँह में दे दिया।
अब मुझे आंटी के दोनों थन दिख रहे थे.. आंटी को भी ये पता था।
इधर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मेरे लोअर में तम्बू बन गया.. क्योंकि मैंने अन्डरवियर नहीं पहना हुआ था। आंटी ने मेरा लण्ड देख लिया था।
पहले तो मैंने जानबूझ कर लण्ड छुपाने की कोशिश की.. पर फ़िर आंटी से बाथरूम के बारे में पूछा।
उन्होंने बताया और मैं उठ कर बाथरूम में चला गया।
मैंने जानबूझ कर बाथरूम का दरवाजा पूरा नहीं बन्द किया और मुठ मारने लगा।
मुझे पता था कि आंटी मेरे पीछे खड़ी हैं और देख रही हैं।
मैं मुठ मारता-मारता जानबूझ कर आंटी की तरफ़ घूमा और ऐसे नाटक करने लगा.. जैसे कि सच में मुझे अपनी गलती का अहसास हो रहा हो।
आंटी ने मुझे घूर कर देखा और कहा- इसको जल्दी खत्म करके बाहर आओ।
मैं लोअर ऊपर करके बिना मुठ मारे ही आंटी के पास चला गया, मेरा लण्ड अभी भी थोड़ा खड़ा था।
मैंने आंटी से माफ़ी माँगी और कहा- आप यह बात किसी को ना बताना।
आंटी ने कहा- घबराओ मत, इस उम्र में ये सब होता है।
मुझे पता लग गया कि अब मेरा काम बस हो ही गया समझो, मैंने आंटी से फ़िर माफ़ी मांगी और कहा- आप बहुत सुन्दर हो.. आज तक मैंने किसी को ऐसे नहीं देखा है.. इसलिए ऐसी गलती हो गई।
आंटी ने मुझे पूछा- तेरी कोई गर्लफ़्रेन्ड नहीं है?
तो मैंने ‘ना’ कहा।
आंटी ने कहा- जो भी तुम्हारी गर्लफ़्रेन्ड होगी.. वो बहुत खुश रहेगी।
मैंने पूछा- ऐसा क्यों लगता है आपको?
आन्टी ने जवाब नहीं दिया..
पर मेरे बार- बार पूछने पर आंटी ने कहा- तुम्हारा ‘वो’ बहुत अच्छा है.. तुम्हारे अंकल का तो छोटा सा है।
अब मेर लण्ड दुबारा खड़ा हो गया।
आंटी के मम्मे अभी भी दिख रहे थे।
आंटी ने मुझसे कहा- तुम्हारा तो फ़िर खड़ा हो गया।
मैंने आंटी के मम्मों की तरफ़ इशारा किया।