दूध भरे मम्मों वाली आंटी ने चूत चुदवा ली
(Doodh Bhare Mammo Wali Aunty Ne Chut Chudwa Li)
हैलो दोस्तो, मेरा नाम जयंत कपूर है.. और मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ।
बात आज से एक साल पुरानी है। मैंने बी.कॉम. के दूसरे साल के एग्जाम दिए थे। इसके बाद कुछ दिन के लिए मेरी छुट्टियाँ हो गई थीं.. तो मैं ज्यादातर घर पर ही रहता था।
मैं सुबह आराम से 11 बजे उठता था और रात को एक बजे तक सोता था क्योंकि रात को देर तक इन्टनेट पर अपनी कुछ फीमेल दोस्तों से बात करता रहता था।
हमारे घर से कुछ दूरी पर ही एक आंटी रहती थीं.. उनका नाम सीमा था। वो अपने पति के साथ दो साल पहले ही रहने आई थीं.. उनका पति एयरपोर्ट पर काम करता था और कभी-कभी उनको रात को भी काम पर जाना पड़ता था।
सीमा आंटी की पहचान मेरी मम्मी से जल्दी ही हो गई थी.. और इसी कारण सीमा आंटी हमारे घर भी आ जाती थीं। वो मुझे कभी-कभी कुछ काम के लिए कहती थीं.. तो मैं कर देता था और कभी-कभी जब मम्मी कुछ काम से भेजती थीं तो मैं उनके घर भी चला जाता था।
इस तरह मेरी जान पहचान सीमा आंटी से अच्छी हो गई थी।
फ़िर मैं अपनी पढ़ाई के लिए दूसरे शहर चला गया.. और अब आंटी से ना के बराबर मिलना हो पाता था। इन 2 साल में आंटी बहुत बदल गई थीं।
इस बार जब वो हमारे घर आईं.. तो उनका बदन भरा-भरा लग रहा था और उसकी वजह उनकी गोद में थी, उनकी गोद में छोटा सा बेबी था, शायद 5-6 महीने का होगा।
मैंने आंटी को देखते ही नमस्ते की और थोड़ी स्माइल की।
आंटी ने मेरा हाल-चाल पूछा और कहा- तुम तो बड़े हो गए हो जयंत!
मैंने आंटी से उनके बेबी का नाम पूछा और उसे अपनी गोद में लेने लगा। गोद में लेते हुए मेरा हाथ आंटी के एक मम्मे को लग गया.. पर आंटी ने कुछ नहीं कहा.. क्योंकि आंटी को शायद था कि ये गलती से हुआ है।
फ़िर वहाँ मेरी मम्मी भी आ गईं और हम दोनों को कहा- अब खड़े ही रहोगे दोनों.. या बैठोगे भी।
फ़िर मैं बेबी के साथ खेलने लगा.. मम्मी और आंटी बातें करने लगीं। थोड़ी देर बाद बेबी रोने लगा और वो चुप नहीं हो रहा था.. इसलिए मैंने उसे आंटी को पकड़ा दिया.. पर वो फ़िर भी चुप नहीं हुआ।
तो मेरी मम्मी ने कहा- शायद इसे भूख लगी है.. इसलिए रो रहा है।
आंटी ने कहा- हाँ यही हो सकता है।
फ़िर आंटी ने अपने ब्लाउज के आगे वाली तरफ़ तरफ से जहाँ हुक लगे थे.. उनमें से नीचे वाले दो हुक खोले और ब्लाउज के साथ अपनी सफ़ेद ब्रा को थोड़ा ऊपर उठा कर अपने सुन्दर से गोरे मम्मे को धीरे से बाहर निकाला और बेबी के होंठों पर लगा दिया।
अब बेबी चुप हो गया और दूध पीने लगा।
आंटी के इतने सफ़ेद मम्मों को.. जिन पर भूरे रंग का निप्पल था.. उनको इतनी पास से देखने के बाद मुझे अपना लण्ड खड़ा होता हुआ महसूस हुआ।
मैंने देखा.. आंटी मेरी मम्मी के साथ बात करते-करते मेरी तरफ़ देख रही थीं।
मैं वहाँ से उठ कर अपने कमरे में जा कर आंटी के बारे में सोचने लगा.. क्योंकि आज से पहले मैंने कभी भी असल में किसी औरत का कुछ नहीं देखा था.. मूवी में ही सब कुछ देखा था।
अब आंटी के लिए मेरा नजरिया बदल चुका था.. मैंने अपने कमरे को लॉक करके अडल्ट मूवी देखी और पहली बार आंटी के नाम की मुठ मारी।
मुठ मार कर आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
फ़िर मैं कमरे से बाहर गया और देखा कि मेरी मम्मी रसोई में हैं और आंटी अपने ब्लाउज को बन्द कर रही हैं।
आंटी ने मुझसे कहा- तुम कितने दिन बाद मुझसे मिले हो और कुछ बात भी नहीं करते।
तब मेरी मम्मी ने कहा- ये ऐसा ही है.. अपनी ही मस्ती में रहता है।
आंटी अब अपने घर जाने लगीं और मुझसे कहा- कभी आ जाया करो.. बेबी से मिलने के लिए..
मेरी मम्मी ने भी मुझे जाने को कहा।
मैंने आंटी को ‘हाँ जी’ बोला और घर से बाहर आ गया। बाहर आ कर मैं दूध वाली डेयरी पर गया और एक पैकट दूध ले कर पीने लगा। आंटी वहाँ से जा रही थीं.. तो वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगीं।
कुछ दिन बिल्कुल ऐसा ही होता रहा। फ़िर एक दिन जब आंटी आई.. तो उस दिन मेरी मम्मी बाजार गई हुई थीं।
मैंने आंटी को बैठने को बोला.. तो आंटी ने कहा- मैं बाद में आ जाऊँगी।
पर मैंने आंटी से बोला- मम्मी बस आने ही वाली हैं आप बैठ जाओ।
मैंने आंटी को सोफ़े पर बैठाया और टीवी ऑन करके उनके साथ बैठ कर बेबी के साथ खेलने लगा। आंटी सीरियल देखने लगीं.. पर मैं तो बेबी के रोने का इन्तजार कर रहा था और वो रो ही नहीं रहा था।