मैंने देखा पापा चाची की चुदाई कर रहे थे
Maine Dekha Papa Chachi Ki Chudai Kar Rahe The
हैलो, मेरा नाम नितिन है.. kamukta मैं औरंगाबाद का रहने वाला हूँ। आज मैं आपको एक चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ जो मेरी चाची की है।
मेरी फैमिली में मेरे पापा-मम्मी, चाचा-चाची और उनका बेटा गुड्डू रहते हैं।
एक दिन की बात है, मैं पढ़ाई कर रहा था और मेरे पापा बिस्तर पर बैठे कुछ पढ़ रहे थ, तभी चाची आईं और झुक कर झाडू लगाने लगीं। झुक कर झाड़ू लगाने से चाची के गोल-गोल मम्मे दिख रहे थे।
उस दिन मैंने देखा कि पापा चाची को पेपर की आड़ से चुपके से देख रहे हैं। मैंने चाची की तरफ देखा तो चाची अपने काम में व्यस्त दिखीं।
चाची के यौवन की झलक देख कर पापा की लुंगी में उभार दिखने लगा था। तब से मैं पापा और चाची की तरफ नजर रखने लगा।
एक दिन मैंने देखा चाची नहा-धोकर अपने कमरे में गई थीं और पापा उस कमरे में झाँक रहे थे। उस वक्त मम्मी घर पर थीं, इसलिए पापा बहुत सावधान थे।
तभी मैंने देखा पापा घबराकर किचन की तरफ गए, मतलब साफ़ था कि चाची ने उनको देख लिया था।
ऐसे ही कुछ दिन गुजर गए।
एक दिन मैंने देखा चाचा कहीं बाहर जाने के लिए निकल रहे हैं। चाची का चेहरा थोड़ा उदास लग रहा था, पर मेरे पापा बहुत खुश दिख रहे थे।
चाचा ने पापा से कहा- आप सबका ख्याल रखना.. मैं काम निबटा कर आता हूँ।
उसके दो दिन बाद मैं जब स्कूल से लौटा तो पता चला मम्मी अपनी सहेली की शादी के लिए जा रही थीं और दूसरे दिन लौटने वाली थीं।
पापा मम्मी को छोड़ते हुए वहीं से ऑफिस चले गए। शाम को जब पापा आए, तो वे बहुत खुश नजर आ रहे थे। चाची ने सबका खाना लगाया। उस वक्त हम दोनों भाई पढ़ाई कर रहे थे और पापा चाची से बातें कर रहे थे।
आज पापा उनसे बहुत मजाक कर रहे थे और चाची भी हँस-हँस कर मजा ले रही थीं। पापा चाची को पटाने के लिए ये सब कर रहे थे।
रात हो गई.. तो सब लोग सोने की तैयारी करने लगे। उन दिनों गर्मी के दिन थे.. मैं और पापा अपने कमरे में सोने गए और चाची और गुड्डू उनके कमरे में चले गए।
नींद लगी ही थी कि आधा घंटे के बाद लाइट चली गई, बहुत गर्मी के कारण सब कमरों से बाहर आकर बैठ गए।
चाची ने मोमबत्ती जलाई।
मैंने देखा कि चाची की साड़ी का पल्लू कुछ हट सा गया था, तो चाची के चुचे और चाची का सपाट चिकना पेट साफ दिख रहा था। उन्होंने अपने चिकने पेट पर नाभि के काफी नीचे से साड़ी पहनी हुई थी.. इसलिए चाची बहुत ही सेक्सी नजर आ रही थीं।
पापा तो चाची का पेट और चूची को ऐसे देख रहे थे कि खा जाएंगे।
चाची को जैसे ही पता चला, तो चाची ने साड़ी ठीक की, पर उनका चेहरा लाल हो गया था और वे शर्मा रही थीं।
तभी पापा ने कहा- हम सब सोने के लिए ऊपर छत पर चलते हैं।
बाहर अच्छी हवा चल रही थी, पापा की बात सबको ठीक लगी और हम ऊपर सोने के लिए आ गए। मैं और गुड्डू पापा और चाची के बीच में सोए थे, पर पापा के आँखों से तो जैसे नींद चली गई थी।
मैं जानबूझ कर सोया नहीं था, थोड़ी ही देर में मैंने देखा पापा उठकर टहलने लगे थे। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तभी मैंने नोटिस किया कि चाची भी सोई नहीं हैं, वो अपनी जगह पर ही करवटें बदल रही थीं।
मैं सोने का नाटक कर रहा था, थोड़ी देर बाद पापा जाकर चाची के पास लेट गए। चाची डर गई थीं.. उनकी तेज़ धड़कने मुझे सुनाई दे रही थीं।
क्योंकि मैं चाची के नजदीक था और मेरे बाजू में गुड्डू था। मैंने आँखें खोलीं, तो देखा चाची ने जबरदस्ती आँखें बंद की हुई हैं और उनका चेहरा लाल हो गया है।
तभी मुझे चाची के पेट पर पापा का हाथ दिखाई दिया, मतलब पापा ने पीछे से चाची के ऊपर हाथ रखा था।
पापा हाथ रखने के बाद रुक गए.. शायद देख रहे थे कि चाची क्या कहती हैं। पर चाची ने तो कुछ नहीं कहा, वैसे ही लेटी रहीं।
लेकिन चाची की धड़कनें साफ़ बता रही थीं कि चाची सोई नहीं हैं, ये बात पापा को पता चल रही थी।
अब की बार पापा पीछे से पूरी तरह चाची से चिपक गए और उनका पूरा हाथ चाची के पेट पर से इधर आया था। मैंने देखा चाची ने पापा के हाथ को हटाने की कोशिश की, पर पापा ने जोर से जकड़ लिया और पेट से होते हुए उनकी नाभि में उंगली घुमाने लगे।
चाची का चेहरा एकदम से लाल होकर डरा हुआ दिख रहा था क्योंकि पापा का लंड पीछे से चाची को महसूस हो रहा था।