कामुकता क़हानिया दीदी के संग मस्तियाँ

Bhai Behen ki chudai kahani : सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। नॉनवेज स्टोरी के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।

हेलो दोस्तो, मेरा नाम मनीष है और मेरी उमर 18 साल है. मैं गुजरात का रहने वाला हूँ. और मेरी ये पहली कहानी है जो मैं आप सब के लिए ले कर आया हूँ. मुझे उमीद है आप को मेरी ये आज की कहानी पसंद आएगी. तो चलिए बिना टाइम खराब किए मैं सीधा कहानी पर ही आता हूँ.

ये बात आज से 1 साल पहले की है जब मैं 18 साल का था. मेरे घर मे मेरे मम्मी पापा और मेरी एक बड़ी बेहन सीमा रहती है. सीमा की उमर 22 साल है और वो बहुत ही सेक्सी और हॉट है. उसका फिगर 32-28-34 है. मुझे दीदी के बूब्स बहुत अच्छे लगते है.

मेरे और दीदी के बीच बहुत ही प्यार है. मैं दीदी का जब कोई काम करता हूँ तो दीदी मुझे मेरे गाल पर किस करती है. और अगर दीदी मेरा कोई काम करती है तो मुझे दीदी को किस करना पड़ता है. हम दोनो मे एक कामन है. वैसे भी मैं घर मे सब से छोटा हूँ इसलिए मुझे सब बहुत प्यार करते है.

वैसे मैं 18 साल का हूँ पर वो मुझे सब के सब सिर्फ़ 10 या 12 साल का ही मानते है. आज की डेट मे दीदी की शादी हो गयी है. और जब मैं 18 साल का था तब उससे पहेले मेरे और दीदी के बीच बहुत लड़ाई होती थी. पर जब से हम दोनो मे सेक्स का रीलेशन बना. तब से हम दोनो मे प्यार ही प्यार रह गया है. मैं और दीदी एक दूसरे को बहुत प्यार करते है.

और कभी भी भूल कर भी एक दूसरे को कोई शिकायत का मौका न्ही देते. अब दीदी चुदाई से पहले करीब 10 मिनिट तक मेरा लंड अच्छे से चूस्ति है और उसके बाद ही हम दोनो चुदाई शुरू करते है.

मुझे उनसे अपना लंड चुसवाना बहोट ही अछा लगता है. और अब भी जब दीदी शादी के बाद कभी घर आती है. तो हम दोनो रात को जम कर चुदाई का नंगा नाच करते है. आज भी दीदी की चूत बहुत टाइट है जिसे फाड़ने मे मुझे बहुत मज़ा आता है.

अब मैं आप को बतौँगा की आख़िर हम दोनो मे सेक्स का रीलेशन केसे शुरू हुआ. हुआ कुछ ऐसे की जब मैं 18 साल का था और दीदी 22 साल की थी. हम दोनो एक दिन बाहर किसी काम से आक्टीवा पर गये हुए थे. दीदी हमेशा आक्टीवा ड्राइव करती थी. उन्होने कभी मुझे ड्राइव न्ही करने दिया. उस दिन भी मैं हमेशा की तरह उनके पीछे बैठा हुआ था.

वापिस आते हुए बहुत तेज बारिश होने लग गयी. मैने दीदी से कहा की दीदी कही रुक जाते है इस बारिश मे ड्राइव करना ज़रा भी सेफ न्ही है. पर दीदी हमेशा से ही अपनी चलाती थी.

उस दिन भी उन्होने मेरी कोई बात न्ही मानी थी. और मुझे कहा की तू कस्स कर मुझे पकड़ ले बस. मैं दीदी के पीछे बैठा हुआ था मैने अपने दोनो हाथ उनके पेट से लपेटे हुए थे. और दीदी खाली रोड पर आक्टीवा को राइट और लेफ्ट घुमा रही थी.

मुझे उनके पीछे बैठ कर बहुत ज़्यादा डर लग रा था. मैं दीदी को बार बार कह रा था की ध्यान से चलो प्लीज़ वरना हम गिर भी सकते है. क्योकि बारिश की वजह से रोड पर एक भी बाइक न्ही थी. सिर्फ़ कार ही चल रही थी इसलिए भी मुझे काफ़ी डर लग रा था. मैं दीदी से बार बार कह रा था की प्लीज़ वो धीरे चलो लो. पर दीदी है की मेरी एक बात भी न्ही सुन रही थी.

उसके बाद दीदी ने कहा की तू ऐसा कर अपने हाथ उपर की और कर ले. मुझे समझ न्ही आई. तो उन्होने अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर मेरा हाथ अपने बूब्स पर रख दिया. जब मेरा उन्होने पहला हाथ रखा तो मुझे कुछ अजीब सा लगा. पर जब दीदी ने मेरा दूसरा हाथ भी अपने बूब्स पर रखा तो मैं काफ़ी डर सा गया की दीदी ये कर क्या रही है. अब हाल ये था की मेरे दोनो हाथ उनके दोनो सॉफ्ट बूब्स पर ही थे.

जेसे ही दीदी आक्टीवा को लेफ्ट टर्न देती थी तभी मेरा हाथ अपने आप ही उनका लेफ्ट बूब्स काफ़ी ज़ोर से दबा देता था. फिर जब वो राइट टर्न देती थी तब मेरा हाथ उनका राइट बूब्स अपने आप ही डब जाता था.

मैं काफ़ी डर रा था पहले पर अब मुझे दीदी के सॉफ्ट सॉफ्ट बूब्स दबाने मे मज़ा बहुत आ रा था. इसलिए मैं दीदी को अब कुछ न्ही कह रा था. शायद दीदी को भी इसमे बहुत मज़ा आ रा था. तभी वो इतनी ठंड मे भी गरम होनी शुरू हो गयी थी.

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फिर कुछ देर बाद मैने दीदी को कहा की मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब आ रा है प्लीज़ वो आक्टीवा को साइड मे कही रोक दे. पर दीदी ने कहा की अभी घर आने वाला है थोड़ी ही देर मे तो तू प्लीज़ थोड़ी देर रोक ले. पर मुझे सच मे बहुत ज़ोर से आ रा था. मैं दीदी को बार बार कह रा था की वो अपनी आक्टीवा को साइड मे रोक दे. पर दीदी मेरी बात सुन ही न्ही रही थी.

जब मैने दीदी से कहा की अब मैं यहीन पर कर रा हूँ आप मत रोका आक्टीवा. ये बात सुन कर दीदी बोली अछा बाबा रोकती हूँ. हमारा घर ज़्यादा दूर न्ही था. रास्ते मे एक बहुत बड़ा पार्क था दीदी ने उसके पास ही रोक ली और मैं उतर के साइड मे चला गया और पेशाब करने लग गया. वहाँ पर आस पास दूर दूर तक कोई न्ही था. जब मैने पेशाब कर लिया और वापिस अपना लंड अंदर करने के बाद पॅंट की ज़िप बंद करने लगा.

तो मेरा लंड ज़िप मे फस गया और मुझे बहुत ज़ोर से दर्द हुआ. मेरे मूह से बहुत ज़ोर से मम्मी निकला. मेरी इतनी ज़ोर की आवाज़ सुन कर दीदी डर गयी और वो भाग कर मेरे पास आई. और बोली क्या हो गया है तुझे मैने रोते हुए कहा की दीदी मेरा नुन्नु ज़िप मे फस गया है. मेरे घर मे सब लंड को प्यार से नुन्नु ही कहते है.

दीदी मेरी हालत देख कर थोड़ी सी हसी और फिर वो नीचे बैठ कर मेरे धीरे धीरे से मेरे लंड को पॅंट की ज़िप मे से निकालने लग गयी.

दीदी ने काफ़ी आराम से मेरे लंड को ज़िप मे से बाहर निकल दिया. लंड काफ़ी लाल हो चुका था. दीदी ने मुझसे पूछा की मुझे दर्द हो रा है या न्ही. तो मैने कहा दीदी बहुत दर्द हो रा है. ये सुनते ही दीदी ने मेरा लंड अपने मूह मे डाल लिया.

ये देखते ही मैं बोला दीदी आप ये क्या कर रही हो. तो दीदी ने मेरे लंड मूह से बाहर निकाला और बोली – एक बात बताओ की जब तुम्हारी उंगली मे चोट लगती है तो तुम उंगली को पहले मूह मे डाल कर चूस्ते हो ना उससे दर्द कम होता है मैं भी बस वो ही कर रही हूँ.

दीदी का तरीका सच मे काम कर रा था मेरा लंड का दर्द बहुत कम हो गया था. कुछ देर दीदी ने मेरा लंड वहीं बैठ कर चूसा और फिर उन्होने मेरे लंड को अपने मूह से बाहर निकाला और बड़े आराम से मेरी पॅंट मे डाल दिया. उसके बाद हम दोनो घर की तरफ निकल लिए.

घर जाते ही हमने देखा की अंदर आज मेरी बुआ जी आए हुए है. उन्होने ने मम्मी के साथ शॉपिंग के लिए जाना था पर वो अभी बारिश रुकने का वेट कर रहे थे. मैने और दीदी ने बुआ जी को नमस्ते किया और बुआ ने मुझे प्यार से मेरे गाल पर किस कर दिया.

फिर मैं उनके एक साल के छोटे से लड़के को अपने हाथ मे उठाने लगा. तभी मम्मी पीछे से बोली तेरा दिमाग़ ठीक है खुद तो पूरा भीग कर आया है अब उसे भी बीमार करेगा. जा पहले अंदर से अपने कपड़े चेंज करके आ.

मम्मी की बात सुन कर मैं अपने रूम मे चला गया. मेरा और दीदी का रूम एक ही था मैं जेसे ही अंदर गया. तभी दीदी ज़ोर से चिल्लाई और बोली तुझे दिखता न्ही की मैं कपड़े चेंज कर रही हूँ अब जल्दी अंदर आ और डोर को लॉक कर दे.

मैं अंदर आ कर बोला अगर दीदी आप कपड़े चेंज कर रही थी तो आपको डोर पहले ही अंदर से बंद रखना चाहिए था. दीदी बोली अब तू ज़्यादा भाषण मत दे वरना मुझसे अभी थप्पड़ खाएगा.

दीदी मेरे सामने सिर्फ़ स्कर्ट मे खड़ी थी उपर उन्होने सिर्फ़ अपनी वाइट कलर की ब्रा डाली हुई थी. मैं उनके बूब्स आज पहली बार इस हालत मे देख रा था. मैं उनके दोनो आधे नंगे बूब्स बहुत गोर से देख रा था. दीदी फिर बोली क्या देख रा है जल्दी से अपने कपड़े चेंज कर ले.

फिर मैने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. जब मैने अपनी पॅंट उतारी तो दीदी बोली अभी भी दर्द हो रा है क्या. मैने कहा हन दीदी अभी है दर्द थोड़ा थोड़ा. ये सुनते ही दीदी ने मुझे अपनी गोध मे उठाया और बेड के उपर खड़ा कर दिया.

फिर उन्होने बहुत आराम से मेरी पॅंट उतार दी. और मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़ कर ध्यान से देखने लग गयी. दीदी बोली ये तो काफ़ी लाल हो चुका है रुक मैं अभी इसका इलाज करती हूँ. दीदी ने ये कहते ही मेरा लंड अपने मूह मे डाल लिया. और मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गयी. मुझे और मेरे लंड को थोड़ा अब आराम मिल रा था. मुझे अब मज़ा भी आ रा था और मेरा लंड अब खड़ा भी होने लग गया था.

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दीदी बोली तुम्हारा नुन्नु तो पूरा लोलीपोप है बहुत मज़ा आता है चूसने मे. मैं बोला दीदी मुझे भी चूसना है आपके पास है लोलीपोप. तभी दीदी ने अपनी ब्रा उतार दी और बोली ये देखो ये है मेरे मोटे मोटे लोलीपोप इससे चूसने मे बहुत ज़्यादा मज़ा आता है. मैं दीदी के नंगे बूब्स देख कर बोला – दीदी मुझे आपके ये लोलीपोप चूसना है.

ये सुनते ही दीदी शर्मा गयी और अपना टॉप डाल कर बाहर चली गयी. फिर मैं भी थोड़ी देर बाद बाहर आया और फिर मम्मी ने मुझे पास भुलाया और कहा दिखा कहा पर चोट लगी है तुझे. मैने मम्मी से कहा न्ही मम्मी मुझे बहुत शरम आ रही है.

मम्मी एक दम बोली – शरम के बच्चे जब जवान हो जाएगा तो मुझे कहना की तुझे शरम आ रही है अब चुप चाप इधर आ. मम्मी की ये बात सुन कर सब ज़ोर ज़ोर से हस्ने लग गये. मम्मी ने मेरा नुन्नु अपने हाथ मे पकड़ कर देखा तो वो बोली ये तो पूरा लाल हो गया है. चल कोई बात न्ही है मैं आते हुए मेडिसिन ले अवँगी.

ये कह कर मम्मी और बुआ मार्केट जाने लग गये. और मैं गुस्सा हुआ और अपने रूम मे जा कर स्टडी करने बैठ गया. कुछ देर बाद अंदर दीदी आई और बोली तू बाहर इतना शरमा क्यो रा था. और ये कहते ही दीदी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया. और मेरे होंठो को अपने होंठो मे ले कर उसे किस करने लग गयी. मैने उन्हे दूर किया और कहा हटो दीदी मुझे दर्द हो रा है.

दीदी ने मेरे लंड के उपर हाथ रखा और कहा की वहाँ दर्द हो रा है क्या. मैने कहा हन दीदी यहीन पर दर्द हो रा है बहुत ज़्यादा.

फिर दीदी ने मुझे अपनी गोध मे उठाया और बेड पर सीधा लिटा दिया. फिर वो भी मेरे साथ आ कर लेट गयी. और मेरी पॅंट खोल कर उन्होने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को अपने हाथ मे ले कर उपर नीचे करने लग गयी.

और साथ ही मेरे होंठ को अपने होंठो मे ले कर किस करने लग गयी. मेरा लंड अब पूरा खड़ा हो गया था और दर्द होने लग गया था. काफ़ी देर किस करने के बाद दीदी ने मुझे अपनी बाहो मे भर लिया और मेरा सिर अपने बूब्स के बीच मे दबा दिया.

उसके बाद उन्होने अपना टॉप उतार दिया और मुझे अपने उपर कर लिया. दीदी ने मुझे अपने पेट के उपर बीताया और अपने दोनो बूब्स मुझे चूसने को कहा. मैने दोनो बूब्स को अपने हाथो मे ले लिया और दोनो बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लग गया.

कुछ ही देर बाद मैं दीदी के बूब्स चूसने भी लग गया. दीदी भी अब गरम होने लग गयी थी. दीदी के बूब्स मैं एक एक करके अच्छे से चूस रा था. फिर दीदी ने अपनी स्कर्ट उपर करी और अपनी पानटी भी उतार दी. मेरे सामने दीदी की गुलाबी चूत थी.

दीदी ने अपनी दोनो टाँगे खोल कर मेरा लंड अपने हाथ मे पकड़ कर अपनी चूत पर सेट करवा दिया. और मुझे कहा की चल अब तू ज़ोर से धक्का मार और अपना लंड मेरी चूत मे डाल दे.

मैने दीदी की बात मानी और एक जोरदार धक्के से अपना पूरा लंड उनकी चूत मे डाल दिया. दीदी की चूत ज़्यादा टाइट न्ही थी इसलिए मेरा लंड बड़ी आसानी से उनकी चूत मे उतर गया. और देखते ही देखते मैं कब उन्हे किस और उनके बूब्स चूसने लग गया मुझे पता तक न्ही चला. और फिर हम दोनो के मूह से आहह आहह की आवाज़े निकल रही थी. दीदी अचानक ही गरम हो गयी और ज़ोर ज़ोर से अपनी गान्ड उठा कर मुझसे चुदने लग गयी.

फिर उनका पूरा जिस्म अकड़ गया और चूत के अंदर मेरा लंड पूरी तरह से भीग चुका था. उसके बाद मेरे लंड ने अपना सारा पानी उनकी चूत पर ही निकाल दिया. मैं काफ़ी थका हुआ महसूस कर रा था. इसलिए मैं दीदी के उपर ही लेट गया. और वही पर रेस्ट करने लग गया.

कुछ देर बाद डोर बेल बजी और दीदी ने मुझे झट से अपने उपर से हटा दिया. और कहने लगी जल्दी से अपने कपड़े डाल मम्मी आ गयी है मार्केट से.

दीदी अपने सारे कपड़े जल्दी से डाल कर दरवाजा खोलने चली गयी. फिर मैं भी अपने कपड़े डाल कर बाहर आगया. उस दिन के बाद रात को भी हमने 3 बार चुदाई करी. और उस दिन के बाद हम दोनो ने जी भर कर चुदाई करी. और आज भी दीदी जब कभी घर आती है तो हम दोनो चुदाई ज़रूर करते है.