हॉट बहन की मस्त सेक्स स्टोरी

Hot Bahan ki mast sex story Hindi me

Hot Bahan ki mast sex story Hindi meनमस्ते दोंस्तो, मेरा नाम मंगेश है और मेरी उम्र 22 साल हैं। यह स्टोरी मेरी और मेरी सेक्सी बहन की रियल चुदाई की है। मुझे स्टोरीज बहोत अछि लगती है। यह कहानी मेरी ममेरी बहन की है, जो हम लोगों के साथ ही रहती थी। मेरी अपनी कोई बहन नही है। हम सिर्फ तीन भाई हैं। एक मेरे से बड़ा है और एक छोटा।
बड़े भैया बाहर जॉब करते हैं, और छोटा भाई अभी बहुत छोटा है। वो 4 क्लास में पढ़ता है। हमारे साथ मेरे मामा की बेटी है बचपन से ही रहती है, और उसका नाम निशा है।
मैं आप लोगों को अब उसकी जवानी की बातें बताता हूँ। उसकी उम्र 26 साल है। और, वो मुझसे 3 साल बड़ी है। वो बहुत सुंदर है, और उसका फिगर का साइज़ 32ब (चूची)-28(कमर)-32(गांड)है। वो ज्यादातर सलवार सूट, जीन्स टॉप या कुरती लेगिस और कभी कभी लोंग स्कर्ट भी पहनती है।
यह थी ऊपर की बात। अब अंदर की बात बताता हूँ। वो अंदर में ब्रा,पैन्टी पहनती है, और जब घर से बाहर जाती थी तो इनर पहनती है। वो तीन ही कलर की ब्रा और पैन्टी पहनती है। पिंक, ब्लैक या वाइट।
उसके चूचे बहुत बड़े बड़े हैं, जब भी वो झुकती थी, मैं उसकी चूचियों को गौर से देखता रहता।
मैने चुप चुपके। उसको वीडियो के द्वारा करीब 8 बार नंगा और सामने से बहुत बार ब्रा और पैन्टी में और दो तीन बार नंगा देखा था।
वो चूत में बाल रखती है। पर, बहुत कम कम ताकि, उसकी चूत सेक्सी दिख सके। उसके निप्पल भी बहुत खूबसुरत है। और यही उसकी जवानी की पहचान है।
अब मैं आपको निशा दीदी और मेरे साथ हुई मस्ती के बारे में बताने जा रहा हूँ।
जैसा। कि, मैने आपको पहले भी बताया है। मेरे घर में मम्मी, पापा, निशा दीदी, छोटा भाई और मैं रहता था।
मम्मी पापा एक रूम में। और मैं, मेरा छोटा भाई और निशा दीदी एक ही रूम में एक ही बेड पर सोते थे।
कुछ दिन बाद। मेरा छोटा भाई गर्मी की छुट्टियों में मम्मी के साथ 15 दिनों के लिए गाँव चला गया।
घर में। मैं, पापा और निशा दीदी रह गए थे। पापा रात को अकेले सोते थे। तो, मुझे निशा दीदी के साथ सोने का मौका मिल गया।
जब वो नींद में सो गई, तो मैं पहले उसकी चूचियों को धीरे से दबाया।
उसने कुछ जवाब नही दिया। तब, मैं उसके चूचियों को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा। फिर भी, वो कुछ जवाब नही दी।
तब। मैने उसके टॉप के अंदर उंगली घुसाई और ब्रा को छुआ। फिर धीरे धीरे ब्रा के अन्दर उंगली घुसा कर चूची के निप्पल तक को छुआ।
ऐसा हर रात को करता था। उसको पता चलता था या नही पता नहीं। पर मुझे बहुत मजा आने लगा।
एक रात। मैने हिम्मत करके पयज़ामे के ऊपर से ही उसके चूत को छुआ किया, और धीरे धीरे उसके चूत को ऊपर से मसलता रहा।
वो कुछ नही बोलती थी, मैं समझ गया। की उसको मज़ा आता है। तो मैं बहुत खुश हुआ।
एक बार सिर्फ़ मैं और निशा अकेले उसके गाँव गए, गाँव के घर में मामी थी और कोई नही।
मैं और निशा दीदी बस अकेले थे। ऊपर वाले रूम में। जब सोने की बारी आई तब हुई। मेरी पहली सेक्सी रात निशा दीदी के साथ।
रूम में अंधेरा था। वो भी जाग रही थी और मैं भी। ना उसे नींद आ रही थी। और ना मुझे।
मैने उससे बोला- दीदी नींद नही आ रही है।
दीदी- मुझे भी भाई।
मैं- पर क्यों दीदी?
दीदी- डर लग रहा है। क्या करूँ?
मैं बोला- आओ ना। एक दूसरे से चिपक कर सोते हैं।
दीदी- पागल हो क्या? अब हम दोनों बच्चे नही हैं।
मैं कुछ नही सुना और उससे जाकर चिपक गया। पर उसने भी हटाने की कोशिश नहीं की तो, मैं समझ गया कि, आज रात अपनी है।
मेरा लण्ड खड़ा था। तो उसके गांड में सटा हुआ था।
थोड़ी देर बाद। वो सोने का नाटक करने लगी। तब मैने उसकी चूची को दबाया। वो कुछ नहीं बोली, तो मैं अपना हाथ उसके बूब्स के अन्दर घुसा दिया और निप्पल को रगड़ने लगा।
वो अब गुस्सा होकर बोली- क्या कर रहे हो? दिमाग़ नहीं है।
मैने उसको बोला- क्या हुआ? मज़ा लो ना दीदी।
वो बोली- मैं दीदी हूँ तेरी। गर्लफ्रेंड नहीं। तो यह सही नहीं है।
मैं बोला- चिंता मत करो। मैं कुछ ऐसा नही करूँगा। जिससे, तुमको दिक्कत हो।
वो अब समझ गई थी कि, मैं क्या बोलना चाहता हूँ। फिर, मैने उसके शर्ट के बटन को खोला और ब्रा के ऊपर से चूमने लगा।
वो आ। उऊः। आहहू। करना शुरू कर दी। मैं फिर धीरे से उसके होंठों को अपने होंठ से दबा कर खूब चूसा।
अब। धीरे धीरे उसकी ब्रा के हुक को खोलकर उसके बड़े बड़े चूचियों को आज़ाद कर दिया। और ऐसे दबाने लगा कि, मानो। पूरा दूध आज ही निकाल लूँ।
वो बोल रही थी- भाई मज़ा आ रहा। और दबाओ ना। मैं और ज़ोर से दबाने लगा। फिर, मैं उसके निप्पल को बहुत देर तक चूसा।
वो आ। उऊः। अऔच। आ। करती रही।
मैने उसके पयज़ामे को उतारा, अब वो सिर्फ़ ब्लैक पैन्टी में थी।
मैं उससे पूछा- दीदी पैन्टी उतार दूँ।
वो बोली- नहीं। भाई मत उतारो। पर, मैं नहीं माना। मैने उसकी पैन्टी को उतार कर उसकी चिकनी चूत को आज़ाद कर दिया। अब उसकी पूरी नंगी बदन मेरे सामने थी। और, मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था।
वो शर्म से लेटी हुई थी। आँख बंद करके। फिर मैने उसके हाथ को पकड़ कर अपने अंडरवियर के अंदर अपना ताना हुआ मोटा सा लण्ड उसको पकड़ा दिया।
वो बोली- भाई। यह क्या? इतना मोटा लण्ड है तेरा।
मैं बोला- निशा दीदी। मुँह में लो ना प्लीज़। मेरा लण्ड।
वो बोली- पागल हो क्या भाई। यह मुँह में लेने वाली चीज़ नही है। कितना गंदा लगेगा।
मैंने बोला- एक बार अपने मुँह में लो तो सही। बहुत मजा आएगा।
वो मुझसे पूछी- क्या? तुम मेरी पेशाब करने वाली जगह को मुँह में ले सकते हो? सोचो। नही ना। तो मैं कैसे ले सकती हूँ, छिःह।
मैं यह सुनते ही, मैं झट से उसके चूत के पास अपने मुँह को ले जाकर उसके साफ साफ चूत को चूसने लगा। अब उसकी जोश चरम सीमा पर पहुँच गई थी।
वो भी मेरे लण्ड को अपने मुँह में ऐसे चूस रही थी जैसे कि लोलीपॉप हो। और मैं भी उसके चूत को आम के रस की तरह चूसा जा रहा था।
हम दोनों की चुस्सम चूसाई 2 मिनट तक चली। और तब वो मेरे लण्ड को पकड़ते हुए बोली- भाई। जहाँ इसको जाना चाहिए वहाँ भेजो ना प्लीज़। जल्दी।
मैं बोला- कहाँ। जाना चाहिए दीदी?
वो- भाई। नादान मत बनो। चोदोगे या नही मुझे? क्या अपनी निशा दीदी को रंडी दीदी बनाओगे? बनाओ ना प्लीज़। भाई।
मैं बोला- यह ग़लत है दीदी? सही नही है?
इतने में गुस्सा होकर बोली- चुप साले। जब मैं सोई रहती हूँ। तो, मेरे चूचियों को छुआ करता है। मेरे बर में उंगली करने की कोशिश करता है। और आज अच्छा भाई बन रहा है।
वो बहुत जोश में थी- कुछ नही सुनी और, मुझको बेड में पटक कर ऐसे बोल पड़ी।
मैं भी जोश में आ गया और बोला- अच्छा रंडी। तुझको मज़ा आता था ना। तो ले। फिर, मैने उसकी कुँवारी चूत में अपना खड़ा हुआ लण्ड ज़ोर से पेल दिया।
वो चिल्लाई- अहीई। उईई माँ मम। भाई प्लीज़। निकालो ना। दर्द हो रहा। मार जाऊँगी मैं। दर्द से आ। मुम्मय्यी रीए। मार गई।
मैं बोला- चुप रंडी। ये ले। फिर और ज़ोर से पेल दिया।
मेरे दो तीन झटके के बाद मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में अंदर घुस गया। और उसकी चूत की खून से मेरा लण्ड भीग चुका था।
अब मैं धीरे धीरे अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। उसके होंठों को चूसने लगा और, चूचियों के घुंडियों पर अपनी उंगलियों से सहलाने लगा और नाख़ून से हल्के हल्के कुरेदने लगा।
अब उसको मज़ा आने लगा। और वो मस्ती में सिसकारियाँ निकालने लगी- आ। मेरी जान। मज़ा आ गया। बहुत मज़ा आ रहा है। चोदो। और चोदो। मैं जब तक बेहोश ना जाऊँ। तब तक चोदो।
यह सब सुनकर मेरा जोश दोगुना हो गया। और अपनी स्पीड इतनी तेज कर दी कि, हम दोनों एक साथ ही झड़ गये और, थक कर एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही कुछ देर लेटे रहे।
कुछ देर बाद हम दोनों उठे और फिर से, हम दोनों ने पूरी रात अलग अलग तरीकों में अच्छी तरह से चुदाई की।

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