हाय फ्रेंड्स, मै गौरव, देल्ही से हू यहा अपनी पहली स्टोरी लिख रा हू कैसे मुझे सेक्स का असली मज़ा पता चला.
बात आज से 3 साल पहले की है. मुझे फ़ेसबुक पे एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई. मेरे सबी फरन्डस ने कहा क फेक ईद है क्यूंकी उस लेडी का नाम सविता था न कोई भी प्रोफाइल पिक थी. पर मैने आक्सेप्ट कर ली नौर उनसे बातें करने लगा.
तब उन्होने बताया की उनकी एज 40 है पति ओर 2 बचो के साथ देल्ही मे रहती है .और प्राइवेट कंपनी मे जॉब करती है. हम डेली बातें करने लगे और अच्छे दोस्त बन गये . फिर हम वेट्स अप पे बात करने लगे. तब तक मेरे दिमाग़ मे कोई ग़लत विचार नही थे हम बस दोस्तो की तरह बात करते.
एक दिन उन्होने बताया की उनके हज़्बेंड का कई सालो से किसी के साथ चक्कर है . वो सिर्फ़ बच्चों की वजह से अपने पति के साथ है. हम बात करते रहे तब वो अचानक बोली की कई सालो से उनके पति ने उन्हे टच भी नही किया. ये सुनते ही मेरा खड़ा हो गया. अब मेरा मन फिसलने लगा. मुझे ऐसा लगा जैसे वो मेरे सामने टांगे खोल कर बैठी है और मुझे बुला रही है.
ये सोच के मेने 2 बार मूठ मारी. अब में उन्हे डबल मीनिंग जोक्स भेजने लगा. डबल मीनिंग बातें करने लगा. कुछ दीनो बाद वो बोली की उन्हे कंपनी काम से आगरा जाना है तुम चलोगे. मेने हा कर दी. और मन ही मन सोचने लगा की अब तो इसको चोद कर ही रहूँगा.
नेक्स्ट ईव्निंग हम आगरा के लिए निकल गये. पुर रास्ते वो शांत रही ज़्यादा बात नही की. आगरा पहुच के हम ने होटेल लिया .वो वॉशरूम मे फ्रेश होने चली गई. मेरा तो पूरे रास्ते ही खड़ा था मेने अपने कपड़े चेंज किया. शॉर्ट और इन्नर मे बेड पे लेट गया ओर आँख बंद करके मान ही मान चुदाई के सपने लेने लगा.
15 मीं मे वॉशरूम का डोर ओपन हुआ. वो नज़ारा देख कर मै हैरान रह गया. सविता पूरी पानी मे भीगी हुई बिना कपड़ो के पूरी नंगी खड़ी थी, अचानक रूम का माहौल चेंज हो गया था.
उसके गीले बालो से पानी सरकता हुआ उसके होंठो को छू कर सीधा उसके 36 साइज़ के चुचो पे गीर रा था. उसकी 28 की कमर पे पानी की बूंदे उसकी नाभि को घेरे हुई थी. पानी की एक बूँद उसकी चूत की तितली पे लटक रही ती. सविता का शरीर उस समय सोम रस्स मे भीगा हुआ लग रा था.
ये सब देख के मुझे ऐसा लगा था जैसे पता नही कितनी दारू की बॉटल्स पी ली हो मेने. मै बस उसे घुरे जा रा था ओर मुझपे उसका नशा चड़ता जा रा था. तबी उसकी आंखें अचानक बड़ी होने लगी ओर वो उछाल कर मेरे उपर आ गई.
मेरा लंड पूरी तरह खड़ा था ओर शॉर्ट्स से बाहर निकालने को तड़प रा था. मुझे बहुत दर्द हो रा था में जैसे ही कुछ बोलता उसने मेरे मूह पे हाथ रखा ओर बोलना चालू हुई.
सविता का वो रूप मे आज तक नही भूलता. वो बोली की गौरु आज तू चुप रहेगा जो बोलना है न जो करना है में करूँगी. ये कह कर वो उठी और अपना हाथ मेरे होंठो से हटा कर अपनी चूत मेरे मुह पे रख कर बैठ गई. सविता की चूत से आग निकल रही थी.
वो पूरी तरह जिस्मानी आग मे झुलस रही थी. उसकी सिसकारिया और बातों से कमरा गूँज रहा था, चाट गौरु चाट. पी जा सारा पानी.
ये चूत आज से तेरी है ओर में तेरी रंडी. वो सला मेरा पति उसकी कुटिया के चक्कर मे मुझे हाथ नही लागत ना अब दिखा दूँगी साले को. अया अया एस गौरु, तेरे होंटो मे जादू है, तू तो मुझे जीब से ही चोद देगा.
काश गौरु तू पहले मिल गया होता तो ये चूत इतनी ना तड़पति. अबसे रोज चोदना मुझे . सविता मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुह को अपनी चूत मे दबा रही थी ओर में अपने हाथो से उसके 36 साइज़ के गोल गुबारो को सहला रा था सविता पागल हो गई थी.
सविता लगातार अपनी चूत मेरे होंटो पे रगडे जा रही थी. उसका बस चलता तो मेरा मुह अपनी चूत मे डाल लेती. उसकी चूत से पानी लगातार बह रा था. ऐसा लग रा था जैसे कई सालो से रुकी हुई नदी का पानी छोड़ दिया गया हो.
20 मिनिट तक वो पागलो की तरह अपनी चूत मेरे मुह पे रगड़ती रही ओर फिर 4_5 झटके मारे ओर बहुत सारा पानी मेरे मुह मे निकल के लेट गई. अब सविता शांत थी पर उसकी आँखो मे कामवासना भारी हुई थी.
वो शांत हो गई पर मेरे मे तूफान उठा हुआ था. मेने सविता को अपनी बहो मे लिया ओर उसके होंटो को चूसने लगा. वो अपनी जीब मेरे मुह मे डाल डाल कर मेरे जीब को चूसने लगी.
सच कहता हू दोस्तो भूखी शेरनी बहुत ख़तरनाक होती है. सविता तो कई सालो से सेक्स के लिए भूखी थी. वो पागलो की तरह किस करने मे लगी थी. मेरे उपर भी सेक्स का नशा छाया हुआ था. हम एक दूसरे को दांतो से काँटे जा रहे थे. हम दोनो के शरीर एक दूसरे मे समा जाना चाहते थे.
कभी होंटो पे कभी गले पे कभी पेट पे. हम दोनो एक दूसरे के शरीर के हर हिस्से पे अपने होटो के निशान छोड़ रहे थे. थोड़ी देर बाद मेने सविता को उल्टा लेटाया ओर जैसे ही उसकी पीठ पे अपने होटो को लगाया तो ऐसा लगा जैसे उसके शरीर मे कोई नयी चिंगारी दौड़ गई हो.
वो एक दम से कसमसा गयी. बस ये देख मेरे मे ओर भी जोश भर गया . मेने उसके हाथ पकड़ के उसकी कमर पे पीठ पे अपने दांतो से काटना शुरू कर दिया. वो जल बिन मछली की तरब मचल रही थी.
थोड़ी देर बाद उसने मुझे धका दिया ओर वो उठी ओर फिर अपनी चूत को मेरे मुह पे रख कर मेरे पैरो की तरफ मुह करके बैठ गई. फिर उसने मेरे हथियार को शॉर्ट्स से बाहर निकाला ओर सीधा अपने मुह मे ली .
वो पागलो की तरह उसे चूसे जा रही थी. लंड के टोपे को उपर से चाट रही थी. मेरी गोटियो को हाथ से मसालने लगी थी, मेरी थाइस को अपनी जीब से चाट रही थी ओर फिर लंड को मुह मे ले ली. मै पूरी तरह थक चुका था. मेने 5 मीं मे ही उसके मुह को अपने पानी से भर दिया.
वो उठी ओर सारे पानी को पहले अपने हाथ पे निकल के मुझे दिखाया ओर फिर उसे पी गई ओर अपने हाथ की उंगलिओ को चाटने लगी. में सविता का ये रूप देख क हैरान था. तब उसने कहा की चलो वॉशरूम मे चलते है. ओर वाहा जाके वो शवर ऑन कर के नीचे फर्श पे अपनी टांगे खोल के बैठ गई.
फिर मुझे ब ऐसे ही बैठने को कहा. वो मेरे लंड को घुरे जा रही थी. कुछ देर घूरने के बाद सविता बोली की गौरु, में तुम्हारे लंड पे मुतु ओर तुम मेरी चूत पे मुतोगे तो कैसा लगेगा. गरम मूत ओर ठंडा पानी. में उसकी ये बात सुन के फिर से हैरान रह गया ओर मेरा लंड फिर फूँकार मरने लगा.
अब मेरा मन भी था ऐसा करने का. ओर मेने भी हामी भर दी. ओर अपनी चूत को मेरे लंड के पास लेके आई ओर फिर मेरे लंड के उपर मूतने लगी. शवर का ठंडा पानी ओर उसका गरम पेशाब बहुत गजब फीलिंग दे रा था.
तब उसने मुझे भी ऐसा करने को कहा. फिर में अपने लंड को उसकी चूत के पास लेके गया ओर उसकी चूत पे मुताने लगा. में उसके विचारो से हैरान भी था ओर सच काहु तो मज़ा भी आ रा था. अब हम दोनो अच्छे से नहाए ओर वही शवर मे किस करना चालू हो गये.
अब बर्दस्त नही हो रा था . सविता भी ये समझ गई थी तो डॉगी स्टाइल मे फेर्श पे बैठ गई ओर अपनी गांड हिला हिला के मुझे बुलाने लगी. में उसकी गांड देख के पागल हो रा था. गोरी संगमरमर जैसी गांड ओर. शवर का पानी उसकी गांड की दरार मे जा रा था.
में उसके पीछे आया ओर अपना लंड उसकी चूत मे सटा के एक ही झटके मे पूरा लंड उसके अंदर डाल दिया. उसके मूह से हल्की सी आ की आवाज़ निकली. वाहा बाथरूम मे मैने उसे 15 मीं तक चोदा ओर अपना पानी उसकी चूत मे ही निकाल दिया.
फिर हम बेड पे आ गये. कपड़े पहने ओर खाना ऑर्डर किया. उस रात हमने 2 बार और चुदाई की. आज 3 साल हो चुके है ओर वो आज भी मुझे डॉमिनेट करती है. अब मुझे भी चूत चाटने की आदत हो गई है. मुझे डॉमिनेट करने वाली लड़किया ओर आंटी ही पसंद आती है. चुदाई का असली मज़ा जोश के साथ ही है.