ये कहानी आज से तक़रीबन 2 साल पहले की है, उस वक़्त मेरी कज़िन बाजी (मेरी खाला की बेटी) शनो की नई नई शादी हुई थी, और वो लाहोर शिफ्ट हो गई थी, मेरी बाजी के सुसराल मैं उनके एक फादर-इन-लॉ, एक मदर इन लॉ रहते थे, बाक़ी मेरे ब्रदर इन लॉ मिड्ल ईस्ट मैं जॉब करते थे.
मेरी बाजी के फादर-इन-लॉ एक राइटर थे, वो सुबह से लकर् रात तक अपनी स्टडी मैं बंद रहते थे, सिर्फ़ खाना खाने के लिए कमरे से बाहर आते थे, उसके बाद उनको किसी से कोई मतलब नही होता था.
मेरी बाजी की मदर इन लॉ की उम्र तक़रीबन 48 इयर थी, सुडोल जिस्म की औरत थी यक़ीनन जवानी मैं बोहत सेक्सी रही होंगी, क्युकि अब भी उनकी चुचिया और गांड दैख कर लगता है की जवानी मैं मोहल्ले के काफ़ी नौजवानों को खराब किया होगा, बोहत खुश मिज़ाज थी, घर मैं अक्सर साड़ी पहनती थी..
और बोहत बड़े गले वाला ब्लाउस भी, उनको अक्सर घर के काम मैं ये ध्यान नही रहता था के उनका पल्लू ज़मीन पर गिर गया है और उसकी वजह से उनकी बड़ी बड़ी चुचियाँ दिख रही हैं.
शायद वो जान बुज कर ऐसा करती थी. इस उम्र मैं भी उन्होने अपने आपको बोहत मेनटेन किया हुआ था. रोज़ाना नहाने से पहले अपने बदन की सरसो के तैल से मालिश करती थी, फिर नहाने जाती थी.
मेरा नाम शहज़ाद है, उन दिनों मैं एक 18 साल का नवजवान था जिसने उन्ही दीनो 12 वी क्लास का एग्ज़ॅम दिया था, मैं अपनी सेहत का बोहत ख़याल रखता था, जिम वघेरह भी जाया करता था, और डाइयेट का भी बोहत ख़याल रखता था.
मेरा लंड तक़रीबन 6 इंच लंबा और 3 इंच के खरीब मोटा है, गर्मियों की छूटी थी तो मम्मी पापा से मैने किसी दूसरे सिटी जाना की रिक्वेस्ट की, तो मम्मी ने कहा के तुम अपनी बाजी के घर लाहोर चले जाओ, इस तरह तुम्हारी तफरीह भी हो जाएगी और तुम्हारी बाजी को कंपनी भी मिल जाएगी, पहले तो मैने ये अड्वाइज़ इग्नोर कर दी.
फिर सोचा की चलो इसी बहाने घर से निकालने का मौका तो मिलेगा, एक दो दिन बाजी के घर लाहोर मैं रहकर आगे मुर्री वाघेरा की सैर के लिए निकल जाऊन्गा , फॉरन समान बँधा और दूसरे दिन ही ट्रेन पकड़ के लाहोर के लिए निकल गया, तक़रीबन 30 अवर्स लंबा सफ़र करके लाहोर पहुचा बाजी के घर.
बाजी को बिना बताए आया था, सर्प्राइज़ था, बोहत खुश हुई, खुशी से गले लगा लिया, दूसरे कमरे से अपनी सास को भी बुला लिया, उन्होने भी गले लगाया, लेकिन उनका गले से लगना कुछ अजीब सा था, गले से लगते हुए कुछ ज्यादा ही आपनेपन से अपने सीने के उभार से मेरे सीने को दबाया, मुझे अजीब सा लगा.
खैर मैने नज़र अंदाज़ कर दिया. बाजी ने मुझे कहा की लंबा सफ़र कर के आए हो नहा लो फिर खाना खाते हैं, और मुझे मेरा कमरा दिखाने ले गईं.
ये कमरा 1स्ट फ्लोर पर था और उसके साथ एक खुला वारंडा भी था, मैं फॉरन नहाने चला गया, नहा के जब मैं वापस आया तो बाजी ने डाइनिंग टेबल पर खाना लगा दिया..
हम तीनों खाना खाने लगे, बाजी मेरे लेफ्ट साइड वाली चयेर पर बैठी थी, और उनकी सास मेरे सामने, खाने के दरमियाँ मुझे ऐसा लगा के वो खाना कम और मुझे ज्यादा देख रही हैं, खैर जैसे तैसे करके खाना खाया, उसके बाद आराम का कह के मैं अपने कमरे मैं आ गया.
थकान की वजह से जल्दी नींद आगाई, रात तक़रीबन 1 बजे मुझे लगा की मेरे बिस्तर मे मेरे बराबर कोई है, कमरे मैं अंधेरा था मैने पूछा कौन है.
तो किसी ने मेरे मुह पर अपना हाथ रख दिया, और धीरे से मेरे कान मैं कहा चुप रहो, , और मुझे समझने मैं समय नही लगा के ये बाजी की सास हैं, लेकिन हैरत की बात ये थी के वो यहाँ इस वक़्त यहा क्या कर रही हैं. उन्होने कहा के चुप रहो नही तो कोई आज़ाएगा.
फिर मैने उनका हाथ अपने बदन पर घूमता हुआ महसूस किया, मेरे सीने पर से होता हुवा वो हाथ मेरे नाफ़ से गुज़र कर मेरे लंड पर आ कर रुक गया.
उनका हाथ लगना था मेरे लंड ने अंगड़ाई ली और अपनी असली हालत मैं आने लगा, और 2 मिनिट मैं ही खड़ा हो गया, उन्होने कहा के मेरे राजा जब से तुम को देखा है मैं अपनी ख्वाहिश को जो तक़रीबन 7-8 साल से दबा कर रखी थी क़ाबू ना कर सकी और अपनी बहू यानी तुम्हारी कज़िन की आँख बचा के तुम्हारे कमरे मैं आगाई.
उन्होने पूछा की किया तुम मेरी ये ख्वाहिश पूरी करोगे तो मैने फॉरन हामी भर दी.
उन्होने ये सुनते ही मेरी पैंट की ज़िप नीचे करनी शुरू करदी, और मेरे लंड को क़ैद से आज़ाद करने लग गईं, मेरा हाथ भी उनकी पीठ से होता हुआ उनकी चूचियों पर पहुच गया, और ब्लाउस के उपर से ही ज़ोर ज़ोर से उनके दोनो संतरो को दबाने लगा.
उनके मुह से सिसकारियाँ निकल रही थी, सीईई सीई ुआर ज़ोर से मेरे राजा और ज़ोर से, मैने ब्लाउस के बटन खोलने शुरू कर दिए, उन्होने अंडर ब्रा नही पहनी थी, मेरी ज़रा से कोशिश से उनके दोनो कबुतर आज़ाद हो गये, वा किया चुचियाँ थी, उसपर उनके निपल्स बोहत बड़े और बोहत खूबसूरत तक़रीबन काले काले थे.
उन्होने अपनी एक चुचि अपने हाथ मैं पकड़ कर मेरे मुह की तरफ कर दिया, और मेरे कान मैं कहने लगी “ खा जा इसे, बोहट दिन से किसी के होटो को तरस रहे हैं. मैने उनके एक निपल को मुह मैं ले लिया और खूब ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
वो मुह से आ आ सीईए सीई की आवाज़ निकल रही थी, उनके हाथ का ज़ोर मेरे लंड पर बढ़ता जा रहा था, फिर उन्होने मुझे पैंट उतरने को कहा, मैने कहा अभी लो जान, ये कहते हुए मैने अपनी पैंट का बटन खोल कर पैंट उतार दी, अब मैं उनके सामने अंडरवेर मैं था, उन्होने उसे भी उतरने को कहा, मैने वो भी उतार दी.
अब मेरा हाथ उनकी साड़ी के उपर से होता हुआ उनके बदन के निचले हिस्से की तरफ जा रहा था, मैने उनकी सारी को उनके घुटने से उपर उठना शुरू किया और उनकी रान से हाथ फेरता हुवा उनकी चूत तक लेगया, चूत को हाथ लगते ही उनके मुह से एक लंबी आ निकली, आआआः मेरी जान, मैने उनकी चूत मैं एक उंगली डाल दी, उनकी चूत गीली हो रही थी, उन्होने अपने दोनो पैरों के दरमियाँ मेरे हाथ को दबा लिया.
मैने उनसे अपने लंड को चूसने के लिए कहा, उन्होने मेरी ये फार्महिश फॉरन पूरी कर दी और मेरे लंड को मुह मैं ले लिया. वो मेरे लंड को इस तरह से चूस रही थी जैसे कोई भूखा बच्चा काफ़ी दायर बाद अपनी मान का दूध चूस्ता है.
मैं बता नही सकता के मेरे पूरे बदन मैं एक तरह का करेंट दौर रहा था, और मुझे ऐसा लग रहा था के मेरे अंदर कोई आग लगी गई है, थोरी दायर बाद मुझे ऐसा लगा के कोई चीज़ मेरे लंड से बाहर निकलना चाहती है.
मैने बाजी की सास को बोला मुझे बोहत ज़ोर से पेशॅब आरहा है, उन्होने कहा मेरे मुह मैं करदो, फिर मेरे लंड से एक फौवारा सा निकला बोहत गरम सा और उनके मूह मैं भर गया, उन्होने एक एक कतरा पी लिया, मुझे ऐसा लगा की मैं सातवीं आमान मैं सफ़र कर रहा हूँ, इतना मज़ा तो मुझे कभी किसी काम मैं नही आया था.
लंड से चिक के निकलते ही मेरा लंड बैठ गया, बाजी की सास ने इशारे से चूत चाटने को कहा, मैं ब्लू फिल्मों मैं ये दैख चुका था, मैने अपना मुह उनकी चूत के करीब ले गया, उनकी चूत मैं से एक अजीब तरह की स्मेल आराही थी.
अभी मैं सोच ही रहा था की क्या करूँ, पर उन्होने मेरा सर पकड़ के अपनी चूत पर दबा दिया और मुझे मौका ही नही मिला के मैं कुछ कर सकूँ
मैने उनकी चूत चाटना शुरू कर दिया, उनकी चूत का मज़ा खट्टा खट्टा सा था, पहले तो मुझे मज़ा नही आया फिर 2-3 बार चाटने के बाद उस मैं से एक नमकीन नमकीन सा पानी बाहर आने लगा और मैं मज़े ले ले कर उसको पीने लगा.
तक़रीबन 6-7 मिनिट तक चूत को खूब ज़ोर ज़ोर से चाटने के बाद बाजी की सास ने एक ज़ोर से आ भारी और उनकी चूत ने भी मेरी तरह एक फौवारा छोड़ दिया, नमकीन पानी का ज़ायक़ा मेरे मूह और चहरे पर फैल गया. कुछ मैने पी लिया और कुछ ज़मीन पर गिर गया.
अब हम दोनो ठंडे होकर एक दूसरे के बराबर लेट गये और एक दूसरे की आँखों मैं दैख कर मुस्कुराने लगे, बाजी की सास ने मुझसे कहा के मेरी जान अभी तो फाइनल राउन्द बाक़ी है, मैने कहा नही आभी तो आपकी चूत की सवारी बाक़ी है.
उन्होने मेरा लंड पकड़ के सहलाना शुरू कर दिया, उनका हाथ लगते ही लंड ने अंगड़ाई ली और फिर से खड़ा होने लगे और 2 मिनिट मैं पूरा एफेल टवर बन गय.फिर मैने चूत का कचुंबर बना के ही छोड़ा. तब जाकर हम दोनो शांत हूए.