चाची के साथ सुहागरात

आज से लगभग 10 वर्ष पहले जब मेरी उम्र लगभग 18 वर्ष की थी मेरे एक दूर के रिश्ते के चाची है जो बरेली में रहती थीं मैंने उनको कभी देखा नहीं था चाचा बरेली में नौकरी करते थे और चाची उन्हीं के पास रहती थी बाकी घर के सभी लोग यहां आगरा में रहते थे एक दिन पता चला कि चाचा और चाची दोनो हमेशा के लिये आगरा रहने के लिये आ गये है

मैं और मेरे घर के सभी लोग उनसे मिलने के लिये गये थे। मेरे चाचा की लव मैरिज हुई है। और करीब 10 वर्ष उनकी शादी को हो चुके थे लेकिन उनके कोई बच्चा नहीं था। मेरी चाची की उम्र लगभग 30 वर्ष होगी। तभी मैंने चाची को पहली बार देखा जब मैंने चाची को देखा तो देखता ही रह गया चाची लम्बी चैड़ी, गौरी चिट्टी थीं उनका भरा हुआ बदन, चैड़ी कमर, बाहर निकलते उत्तेजक हिप्स, ब्लाउज से झांकते बड़े-बड़े बूब्स ने मेरे पूरे बदन में एक लहर सी दौड़ा दी और मेरे मन में चाची की नग्न तस्वीर तैरने लगी और मैं उनके साथ सुहागरात मनाने के सपने देखने लगा। मेरे चाचा खुद का व्यापार करने की सोच रहे थे और मैं अक्सर उनके घर आया जाया करता था कुछ ही दिनांे में मैं उनसे खूब घुल मिल गया था मेरे आने पर चाची भी मेरा काफी ख्याल रखती थी। एक दिन पता चला कि चाचा बाहर गये हुए है तथा दो दिन बाद चाचा वापस आ गये तब चाची ने चाचा को बताया कि उन्हें रात में अकेले कमरे में डर लगता है।

घर में बाबा और दादी रहते थे तो उन्होंने कहा कि अब तो मुझे अक्सर बाहर आना जाना पड़ेगा क्यांे न तुम राज से बात कर लो वह रात में तुम्हारे कमरे में सो जाया करेगा। चाची ने जब मेरी मां से बात की तो वह मान गयी और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम चाची के पास रात को सो जाया करों। एक दिन चाचा को बाहर जाना था मां ने मुझे बताया कि तुम आज चाची के पास सो जाना तो मेरे मन में फिर वही सपने आने लगे और मैं रात को 9.00 बजे चाची के पहुंच गया। चाची बोली राज तुम्हारे लिये अलग बिस्तर लगायें या तुम मेरे साथ ही सो जाओगे मैंने कहा आप को परेशानी नहीं होनी चाहिये मैं कहीं भी सो जाउंगा। चाची बोली तो तुम इसी विस्तर पर ही सो जाना।

यह कह कर वो अपने काम में लग गयी और मैं एक अखबार उठाकर उसे पढ़ने लगा। चाची करीब रात को 10.़00 बजे घर के सारे कार्य समाप्त करके कमरे में वापिस आईं और उन्होंने अपनी साड़ी उतार दी सिर्फ पेटीकोट ब्लाउज़ में वह बोली, राज तुम अखबार पढ़ रहे हो मैं सो रही हूँ तुम्हंे अगर नींद आये तो तुम सो जाना मैंने कहा ठीक है। चाची दीवार की तरफ करवट करके सो गयी। कुछ देर बाद मैंने कमरे की लाइट बन्द की और मैं दूसरी तरफ करवट करके सो गया कमरे में अंधेरा हो गया लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी करीब दो घण्टे बाद चाची टोएलेट के लिये उठीं और उन्हांेने लाइन आॅंन की और बाथरूम की तरफ गई और फिर वापिस आई सो गयी मैं भी जग गया लेकिन आंख बन्द कर लेटा रहा। कुछ देर बाद चाची बोली राज, राज तुम सो रहे हो मैंने अचानक जगने का बहाना किया और बोला क्या हुआ चाची? चाची एक दम मुझसे लिपट गई और बोली मुझे डर लग रहा है मैने कहा कि डर कैसा लेकिन चाची जब मुझसे चिपटीं तो मुझे एकदम करन्ट सा लग गया उनके बूब्स मेरी छाती से छू रहे थे और

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उनकी एक टांग मेरी टांग के उपर थी वो इस तरह लेटी थी कि उनकी चूत और मेरे लण्ड में 2 इंच की दूरी रह गयी थी मैंने भी उनकी टांग के उपर अपना एक पैर रख दिया और उनकी पीठ पर हाथ रखते हुए कहा कि सो जाओ चाची। चाची धीरे धीरे मेरी बाहों में सिमटती जा रही थी और मुझे बहुत मजा आ रहा था धीरे धीरे मैंने उनके हिप्स पर हाथ रखा और धीरे धीरे हाथ से सहलाने लगा। चाची को मजा आने लगा था फिर चाची सीधी लेट गयी। चाची ने पेटीकोट ब्लाउज, टुण्डी से नीचे बांधती थी उन्हांेने मेरा हाथ अपने पेट पर रखते हुए कहा कि तुम मुझसे चिपट कर सोना मुझे डर लग रहा है अब तो मैं भी उनसे चिपट गया और उनके बूब्स पर अपना सर रख लिया इधर मेरे चिपटने से मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था और वो चाची के जांघो से रगड़ रहा था मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और मै धीरे धीरे उनके पेट पर तथा टुण्डी पर हाथ सहलाने लगा चाची सब समझ रही थी लेकिन वह कुछ नही बोली और फिर मैं उनकी जांघ पर हाथ सहलाने लगा। तभी चाची ने अपने ब्लाउज के कुछ हुक खोल दिये यह कहकर कि बहुत गरमी लग रही है। मेरी उत्तेजना और भड़क गयी अब मुझे उनके बूब्स के निपल साफ नजर आ रहे थे मेने उनके वूब्स पर हाथ रख लिया और उन्हें भी सहलाने लगा

अचानक उन्हांेने मेरे हाथ के उपर अपना हाथ रखकर अपने बूब्स जोर से दबाने लगी। अब मेरी हिम्मत बढ़ चुकी थी मैंने सबसे पहले उनके बूब्स को ब्लाउज से पूरी तरह बाहर निकाल कर दोनो हाथों से पकड़ कर मुंह में ले लिया और उन्हंे मसलते हुए उनके दूध पीने लगा फिर उनकी पेटीकोट के उपर उभरी हुई चूत के उपर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा। चाची सिसकने लगी फिर क्या था मैंने उनका पेटीकोट अपने पैर से उपर करना शूरू कर दिया और कमर तक उपर कर दिया वह मुझसे बोली कि तुम क्या कर रहे हो मंैने जोश में कहा कि चाची आज मत रोको मुझे उनकी गोरी गोरी जांघों देखकर मैं एक दम जोश में आ चुका था उनकी चूत एक दम नशीली लग रही थी और मंैने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और वह सिसकने लगी। उनकी चूत को देखकर मैं बिल्कुल पागल हो चुका था। मैंने अपने पैर चाची के सिर की तरफ कर लिये थे और अपना सिर चाची के पैर की तरफ करके उनकी चूत को जीभ से सहलाने लगा अब हम दोनो 69 की एंेगिल में थे उधर चाची ने भी मेरी नेकर को नीचे कर लिया और उसमें से

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मेरा लण्ड निकाल कर चूसने लगी और वह भी मुझे भरपूर मजा देने लगी कुछ देर बाद इसी एंेगिल में चाची मेरी ऊपर आ गयी और मै उनके नीचे अब मैं उनकी चूत चाटने के साथ साथ उनके गोरे और बड़े हिप्स पर भी हाथ सहलाने लगा। चाची की चूत पसीना छोड़ गई अब मैं और नहीं रह सकता था तथा मैं चाची के उपर से उठा और उनकी दोनो टांगे चैड़ा दी और उनकी चूत में अपना लण्ड डाल दिया चाची करहाने लगी मंैने उनके मंुह पर हाथ रख लिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा चाची ने भी मुझे कस कर पकड़ लिया और कहने लगी राज ऐसे ही करों बहुत मजा आ रहा है आज से मंै तुम्हारी हो गयी अब मुझे रोजाना तुम्हारा लण्ड अपनी चूत में चाहिये उउउउउउउउउउउ सी सी सी सससससससस कुछ देर बाद मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया और चाची भी कई बार डिस्चार्ज हो चुकी थीं उस रात मैंने चाची को अलग अलग एंेंगिल से तीन बार चोदा। चाची ने भी मस्त होकर मेरा पूरा साथ दिया उसके बाद चाचा जब भी बाहर जाते तो हम दोनों रातांे को खूब मजे करते। हमारा यह रिश्ता 2 साल तक ही चला इसी बीच चाची ने दो बच्चो को जन्म दिया एक लड़का और एक लड़की ये दोनो बच्चे मेरे ही हैं ये वात मेरे और चाची के सिवाय आज तक कोई नही जानता। आपको मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी