करीब आधे घंटे बाद हमने एक बार फिर से यही खेल खेला। इस बार हम दोनों औरतें साथ साथ लेटी थी और दोनों मर्दों ने हमें एक साथ अदल बदल कर चोदा, दोनों को घोड़ी बना, एक दूसरे के मुंह से मुंह जोड़ कर चोदा।
पहली बार मैंने किसी औरत के साथ होंठों के चुंबन लिए दिये, पहली बार किसी औरत के सेक्स सम्बन्धों में बोबे चूसे और चुसवाए। सच में ये सब भी बहुत रोमांचकारी था।
इस बार दोनों मर्दों ने खूब वक़्त लिया और हम दोनों औरतों की खूब तसल्ली करवाई और जब दोनों मर्द झड़े तो दोनों औरतों के मुंह पे एक साथ हाथ से मुट्ठ मार कर झड़े, दोनों मर्दों का मिक्स वीर्य हम दोनों औरतों के मुंह पे, मुंह के अंदर, बालों में और बोबों पर फैला था जिसे मैंने और निकिता ने राहुल के कहने पर एक दूसरे के बदन से चाट चाट कर खाया और एक दूसरे के बदन को चाट कर साफ किया और दोनों मर्दों के लंड भी अपने मुंह में लेकर चूस कर चाट कर साफ किया।
उसके बाद चारों नहाने गए और एक साथ नंगे नहाये, एक दूसरे के बदन पर साबुन लगाया, बदन को सहलाया और फिर चारों ने एक दूसरे के बदनों को तौलिये से सुखाया भी!
इस सब में हमें इतना मजा आया कि हमारे ऐसे ही और मजा लेने का दिल कर रहा था।
पर हर चीज़ को खत्म तो होने ही होता है, जाते हुए राहुल ने पूछा- अरे भाई साहब क्या मैं आपकी पत्नी को अपनी मर्ज़ी से कभी भी चोद सकता हूँ?
मेरे पति बोले- क्यों नहीं, जब चाहे आओ और जो मर्ज़ी करो, बस इतना खयाल रखना मैं अपना बदला ब्याज़ सहित लूँगा।
हम सब हंस पड़े और राहुल और निकिता अपने घर चले गए। आज हमारे रिश्ते को डेढ़ साल हो गया है और हम सब आज भी वैसे ही अक्सर सेक्स पार्टीज़ करते हैं, ज़िंदगी का मजा लूटते हैं।