भइया का अधूरा काम पूरा किया

यह कहानी मेरे पड़ोसी युवक हिमांशु और मेरी देवरानी रोशनी की है। एक बार जब मैंने उन दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया था तो हिमांशु ने ही मुझे यह घटना सुनाई, अब मेरा नाम हिमांशु है, मैं जयपुर में रहता हूँ। मैं आपको अपने सेक्स की पहली कहानी बताने जा रहा हूँ।
यह बात आज से दो साल पहले की है, तब मेरी उमर 20 वर्ष थी। मुझे रोज जिम जाने की आदत थी। मैं रोज 6 बजे उठकर जिम जाता था जिसके कारण मेरा शरीर काफ़ी गठीला हो गया था। मेरे पास वाले घर में दो भाभियाँ रहती थी, बड़ी वाली भाभी की शादी दो साल पहले और छोटी वाली भाभी रोशनी की छः महीने पहले हुई थी। बड़ी वाली भाभी धमाल थी तो छोटी वाली डबल धमाल थी, काफ़ी खूबसूरती के साथ साथ क्या तो फ़िगर था उनका !
मैं तो उनको देख कर पागल सा हो गया था। बड़े बड़े चूचे, भारी चूतड़, गोरा रंग और तो और शरीर में कहीं भी फ़ालतू चर्बी नहीं थी। उनको देखते ही उनकी चुदाई को मन करता, दिल चाहता कि उनको पकड़ कर रगड़ दूँ अपने लन्ड से !
मेरी यह इच्छा एक दिन पूरी होने को आई। एक मैं रात को अपने घर की छत पर घूम रहा था, मेरे हाथ में मेरा मोबाईल था, उसमें नंगी फ़िल्में थी चुदाई की जो मैं देख रहा था घर वालों से छिप कर। मैं दीवार के सहारे खड़ा हो गया जो भाभी के घर से जुड़ी हुई थी। अचानक किसी के आने की आहट हुई, जिसके डर से मेरा मोबाईल भाभी के घर में गिर गया। मैं देखने लगा कि कौन है, पर वो मेरा सिर्फ़ वहम था वहाँ कोई नहीं था। मैं मोबाईल को लेने के लिये भाभी के घर की छत पर कूदा। उनका घर दो मंजिला था और मेरी छत तीसरी मंजिल की थी। मैं उनकी सीढ़ियों की छोटी छत से धीरे से कूद कर उनकी छत पर गया।
वहाँ मैंने देखा की गद्दे बिछे पड़े हैं और मेरा मोबाइल गद्दे पर पडा है, पास ही भाभी लेटी हुई है एक ढीले से गाउन में वो गद्दे पर लेटी हुई थी।
मैंने मोबाईल उठाया यह सोचकर कि भाभी सो रही है। भाभी के शरीर को देखकर मेरा मन उन्हें पकड़ कर चोद देने का था पर मैं भाभी की एक फोटो चुपचाप खींचकर चला आया। रात को मैंने छत पर ही सोने का मन बनाया और सोने लगा।
देर रात मुझे कुछ आवाजें सुनाई दी भाभी के घर से ! मैंने देखा कि भईया भाभी को चोद रहे थे। मैं चुपके से उनकी चुदाई देख रहा था, थोड़ी देर बाद भईया झड़ गये और घड़ी में टाइम देखकर बोले- मुझे जाना है, आधे घण्टे बाद की गाड़ी है दिल्ली की ! मुझे निकलना होगा अभी इसी वक्त !
और जाने लगे। भाभी अभी तक शान्त नहीं हुई थी पर वो भईया को नहीं रोक सकी, भईया चले गये।
भईया के जाने के बाद भाभी सोने लगी, मैं उन्हें देख रहा था तभी मेरे मोबाइल की लो बैट्री की टोन बजी तो भाभी उठ गई। उनकी नजर मेरे मोबाइल पर पड़ी, मैं झट से पीछे हट गया। थोड़ी देर बाद मैं वापिस देखने लगा तब भाभी ने मुझे पकड़ लिया और मुझे अपने पास बुलाया, मैं बहाने बनाने लगा पर उन्होंने मेरी फ़ोटो खेचने वाली हरकत पापा को बताने की धमकी दी और मुझे उनके पास जान पड़ा।
वो मुझे डाँटने लगी कि किसी को इस तरह नहीं देखना चाहिये। मैंने उनसे माफ़ी मांगी पर वो मुझे माफ़ नहीं कर रही थी। उन्होंने मुझे माफ़ करने की शर्त रखी कि जो काम भइया अधूरा छोड़कर, उसे पूरा करो !
मैं समझ नहीं पाया कि वो क्या कहना चाहती थी।
मैंने उन्हें कहा- मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आप क्या कहना चाहती हो?
तब उन्होंने मुझे चांटा मारा और कहा- जो काम मोबाइल में देखते हो, उसे मेरे साथ करो।
मैंने झट से उन्हें धक्का दिया और नीचे गिरा दिया।
उन्होंने मुझे कहा- यह क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- मैं मोबाइल में रेप देख रहा था, आपके साथ भी वो ही करूँ?
वो बोली- जो करना है करो, पर प्यार से करो ! नीचे आवाज ना पहुँचे !
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उन्हें चूमने लगा। तभी भाभी मेरे होंटों को चूस चूस कर चुम्बन करने लगी, वो चूमाचाटी का पूरा मजा ले और दे रही थी।
उन्होंने मेरे लण्ड को मसलना शुरु कर दिया।
मैंने अब अपनी पैन्ट उतार दी, मेरा कच्छा तम्बू की तरह खड़ा था। मैंने उसे भी उतार दिया, मेरा 7 इन्च का काला कोबरा बाहर था। भाभी ने मोबाइल की लाइट में उसे देखा तो वो खुशी के मारे उसे जोर जोर से रगड़ने लगी।
मैंने भाभी का गाउन उतार दिया, वो पूरी तरह नंगी हो गई। मैंने मोबाइल की टॉर्च चालू की तो देखा भाभी का नंगा शरीर !
मेरा लन्ड हिचकोले खाने लगा, बड़े बड़े बोबे और उनकी गोरी चूत मेरे शरीर में बिजली पैदा कर रही थी, बस यह बिजली उनको देने के लिये प्लग जोड़ना बाकी था, मैंने भाभी की जाँघों को पकड़ा, उनकी टांगों के बीच में आ गया और उनके बोबे दबा दबा कर चूसने लगा। हम दोनों की सांसें तेज हो गई। अब भाभी ने मेरे लन्ड को पकड़ लिया, मुँह में ले लिया और उसे आइसक्रीम की तरह चूसने लगी।
तब ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं जन्नत में हूँ। मैं भी उन्हें और ज्यादा गर्म करने के लिये चूत चाटने लगा। वो मचलने लगी, मैं उनकी चूत चाट रहा था, वो मेरा लण्ड ! हम दोनों गर्म हो चुके थे, दोनों आहें भर रहे थे- आ आआ आ आह ओह ओह येह !
तब मैंने उनके चूतड़ों के नीचे तकिया लगाया और अपना लन्ड उनकी चूत के दरवाजे पर टिका दिया। उनकी चूत भैया से चुदने के बाद भी ज्यादा ढीली नहीं पड़ी थी पर गीली जरुर थी। मैंने एक झटका मारा, वो चिल्ला पड़ी। मेरा लन्ड 2 इन्च तक अन्दर चला गया, मैंने अपने हाथ से उनका मुंह बन्द कर दिया। मैंने अगले तीन झटकों में पूरा लौड़ा उनकी चूत में पेल दिया और धीरे धीरे झटके देने लगा। अब मैंने अपना हाथ उनके मुँह से हटा दिया तो वो आहे भरने लगी- आआ अह आह ओह येएह ओ येह आअह !
वो इस तरह की आवाजें निकाल रही थी, मेरा लण्ड धीरे धीरे गियर बदलने लगा, उनकी आहें बढ़ने लगी और उन्होंने मुझे जकड़ लिया अपनी बाहो में और वो अकड़ने लगी।
मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है और थोड़ी देर बाद वो झड़ गई। मैंने चुदाई जारी रखी, मेरे लौड़े की नसें मुझे पूरा मजा दे रही थी। दस मिनट बाद मैं भी झड़ गया, मैंने अपना सारा लन्ड-रस उनकी चूत में ही छोड़ दिया और मैं उन्हीं के ऊपर लेट गया और थोड़ी देर बाद उनके बगल में लेट गया।
मैंने अपनी टांगें उनकी जांघों के बीच फ़ंसा दी और अपने हाथों से उनके चूतड़ों को पकड़ कर सो गया।
सुबह मोबाईल के अलार्म से नीन्द खुली तो देखा कि भाभी मुझसे चिपकी हुई है, मेरा मुँह उनके बोबो में और हाथ जांघों में था। तभी छत के दरवाजे को किसी ने खटखटाया, मैंने भाभी को उठाया, मैं घबरा कर उनके बाथरूम में अपने कपड़े लेकर भाग गया और भाभी ने गाउन पहन कर दरवाजा खोला तो वहाँ पर बड़ी भाभी दरवाजे पर खड़ी थी, वो बोली- इतनी देर क्यों लगा दी दरवाजा खोलने में?
भाभी बोली- गहरी नीन्द में थी मैं, इसलिये देर हो गई दरवाजा खोलने में !
कह कर दोनों नीचे चली गई। उसके बाद मैं भी चुपचाप अपने घर चला आया छत के रास्ते !
उसके कुछ दिन बाद भाभी ने मुझे बताया कि उनको मासिक नहीं हुआ, लगता है कि वो मां बनने वाली है जिसका बाप मैं हूँ।
मैंने उनसे पूछा- आपको यकीन है कि यह मेरा ही बच्चा है?
उन्होंने कहा- तुम्हारे भईया अभी बच्चा नहीं चाहते तो वो हमेशा बाहर पानी गिराते हैं, उस दिन भी उन्होंने बाहर निकाल लिया था पर तूने चोद कर पानी अन्दर ही छोड़ दिया था जिससे मुझे गर्भ ठहर गया। अब उन्हें समझाना पड़ेगा कि पानी अन्दर गिर गया होगा।
आज उन्हें एक लड़का है जिसका बाप मैं हूँ और आज भी जब कभी भी मुझे मौका मिलता है मैं भाभी की चुदाई करता हूँ पर अब कोन्डोम लगा कर।

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