प्रिया भाभी की चुदाई की भूख

Priya bhabhi ki chudai ki bhukh – Hindi sex story

Priya bhabhi ki chudai ki bhukhहेल्लो दोंस्तो,
मेरा नाम अजित है। में दिल्ली का रहने वाल हूँ। मेरी हाईट 5।9 इंच, रंग गोरा और में दिखने में एकदम अच्छा हूँ, मेरी उम्र 21 साल है और मेरे लंड का साईज 7 इंच और 3 इंच मोटा है दोस्तों यह तो रहा मेरा पूरा परिचय।

दोस्तों अब में सीधा अपनी एक आप बीती घटना पर आता हूँ जिसे में आप सभी को पूरे विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ और यह घटना आज से 6 महीने पहले की है। दोस्तों में दिल्ली के एक कॉलेज का छात्र हूँ और में दिखने में बहुत हेंडसम हूँ और मेरे माता पिता मेरे गाँव में रहते है और में दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई करता हूँ। में अपने कज़िन के यहाँ पर रहता हूँ जो कि मुझसे उम्र में 5 साल बड़े है और वो एक कोचिंग चलाते है वो रोजाना सुबह 6 बजे अपने घर से निकल जाते और रात को 11 बजे तक घर पर आते है। उनके पास हमेशा बिल्कुल भी समय नहीं रहता है।

फिर कुछ दिनों बाद मेरे भैया की बहुत धूमधाम से शादी हुई और घर पर बहुत सारे महमानों का आना हुआ और फिर एक दिन उस घर में एक चूत की मालकिन का प्रवेश हुआ वो ऊपर से नीचे तक बहुत ही सुंदर नई नई दुल्हन थी जिसे पहली बार देखते ही मेरा उस पर दिल आ गया और अब में सोते जागते सिर्फ उसी के सपने देखने लगा था।

मेरी भाभी का नाम प्रिया है और वो दिखने में माशाअल्लाह उन्हे देखकर एक बार चाँद भी शरमा जाए और उनको देखते ही मुझे उनको चोदने का मन करने लगा, लेकिन में इतनी हिम्मत नहीं कर पाता था और फिर सिर्फ में मुठ मारकर ही काम चला लेता था। दोस्तों में बचपन से ही एक हंसमुख इंसान हूँ इसलिए भाभी मुझसे हमेशा ही बहुत ही खुश रहती थी, क्योंकि एक में अकेला ही था जो उनके साथ घर पर दिन भर समय बिताता था, क्योंकि भैया तो हमेशा रात को देरी से आते थे।

फिर इस तरह भाभी से मेरी बहुत गहरी दोस्ती सी हो गई और सबसे पहले में आप सभी से थोड़ा सा परिचय अपनी भाभी का करवा देता हूँ, उनके फिगर का साईज करीब 36-28-36 का होगा और उनकी मोटी गांड, मोटे मोटे बूब्स देखकर मेरा मन यह करता था कि जाकर मसल दूँ उस कुतिया को, लेकिन अफ़सोस वो मेरी भाभी थी। इसलिए मुझे अपनी हद में रहना पड़ता था।

कहीं भाभी ने भैया से कभी कुछ कह दिया तो में कहीं का नहीं रहता, इसलिए में मुठ ही मारा करता था और फिर जैसे जैसे दिन गुज़रते गए मैंने गौर किया कि भाभी बड़ी उदास उदास सी रहने लगी और मैंने कई बार उनसे पूछा, लेकिन वो हमेशा मुझे कुछ नहीं कहकर टाल देती, लेकिन में भी बहुत हरामी किस्म का हूँ।

मुझे पता था कि भाभी कहीं ना कहीं अपनी सेक्स लाईफ से खुश नहीं है, क्योंकि भैया देर रात से घर आते और फिर थके होने के कारण सो जाते थे। एक दिन दोपहर के वक़्त भाभी मुझसे बात करते वक़्त मुझसे पूछ बैठी कि देवर जी आपकी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो में शरमाते हुए ना कहने लगा तो भाभी सब कुछ समझ गई और वो मुझसे कहने लगी कि अरे देवर जी भाभी से कैसा शरमाना बताइए ना आपकी गर्लफ्रेंड का क्या नाम है? फिर मैंने बड़ी हिम्मत करके भाभी से कहा कि भाभी वैसे तो मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, लेकिन क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?

More Sexy Stories  अकेली भाभी बोली कोरोना में चोदो ना

लेकिन अब भाभी ने तो मेरी बात को हंसते हुए टाल दिया और फिर उसके कुछ दिन बाद भाभी मुझसे बोली कि बॉयफ्रेंड जी आज हम फिल्म चले क्या? दोस्तों में तो खुशी के मारे अब बिल्कुल पागल सा हो रहा था और मैंने भाभी के पास जाकर उनके गालों को पकड़ा और फिर मैंने भाभी के गालों पर एक किस कर दिया और फिर बोला कि क्यों नहीं गर्लफ्रेंड जी जैसा आप कहो वैसा।

फिर भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा कि आज से में तुम्हारी प्रिया हूँ भाभी नहीं, तो मैंने कहा कि ठीक है प्रिया और अब हम दोनों फिल्म देखने चले गए। में उस दिन बहुत खुश था तभी फिल्म देखते टाईम एक हॉट सीन आ आया और अब भाभी धीरे धीरे गरम होने लगी और हमारी साईड कॉर्नर सीट थी तो भाभी अपने कंधे मेरे कंधे से छूने लगी भाभी उस समय बिना बाह का ब्लाउज और साड़ी पहने हुई थी। तो उनके मलाई जैसे कोमल हाथ छूते होते ही मेरे रोंगटे खड़े हो गये और फिर हम फिल्म खत्म करके घर पर आ गये।

फिर उसके अगले दिन भाभी ने मुझे कॉलेज बंक करने को कहा तो में झट से समझ गया कि आज मुझे उनकी चूत के दर्शन होंगे और में भी अब बिल्कुल तैयार हो गया और कॉलेज नहीं गया। फिर भैया के जाने के बाद प्रिया मेरे बेड पर आई और मुझसे कान में धीरे से कहने लगी कि उठिए ना। अब में उन्हे देखकर बहुत हैरान हो गया, क्योंकि भाभी उस समय सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी।

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने झट से प्रिया को पकड़कर अपनी बाहों में लेकर उसको किस पे किस करने लगा और अब मैंने किसिंग शुरू कर दी, जिसकी वजह से भाभी भी बिल्कुल मदहोश हो गई और अब वो मेरे ऊपर हावी हो गई जैसे कि कोई व्यक्ति कई दिन से भूखा हो और खाना मिलते ही उस पर टूट पड़ा हो।

भाभी की वही हालत थी। फिर मैंने उनसे कहा कि मेरी जान मुझे तुम्हारी चूत के दर्शन का तब से ही इंतज़ार था जब तुम शादी करके इस घर में आई थी और आज में तुम्हे हर वो खुशी दूँगा जो भाई नहीं दे पाया और भाभी हंसते हुए मेरे ऊपर लेटकर मेरे होंठो को चूसने लगी तो में अपने दोनों हाथों से भाभी के चूतड़ो को दबाने लगा और फिर हम उठे और मैंने भाभी के बूब्स दबाते हुए उनके होंठो को चूसना चालू रखा।

दोस्तों में उस समय सिर्फ़ हाफ नेकर में था और ऊपर कुछ नहीं पहने हुए था तो भाभी बेकाबू होकर मेरे लंड को दबाने लगी और अपने दोनों हाथ में लेकर मेरे लंड को मसलने लगी और अब उन्होंने एक ही झटके में मेरी नेकर को खींचकर उतार दिया, जैसे वो सदियो की लंड के लिए भूखी हो और वैसे तो में भी उनकी चूत के लिए भूखा था

और मैंने भाभी के सारे कपड़े उतारकर नंगा करके और खुद भी नंगा होकर भाभी के ऊपर लेट गया, अब कभी वो मेरे ऊपर तो कभी में उनके ऊपर। इस तरह हम दोनों बुरी तरह गरम हो गये और फिर में एकदम बेड से खड़ा हो गया और भाभी के मुहं के पास अपना लंड ले गया और भाभी से उसे चूसने को कहा और इतना कहते ही मानो मैंने किसी के मन की मुराद सुन ली हो और आज उसे पूरा भी कर दिया हो।

भाभी ने झट से मेरा लंड अपने दोनों हाथों में लेकर चूसना शुरू कर दिया। वो मेरे 7 इंच के लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे किसी बच्चे को कोई लोलीपॉप मिल गया हो और फिर करीब में दस मिनट बाद उनके मुहं में ही झड़ गया और फिर थोड़ी देर बाद भाभी ने मेरे लंड को दोबारा चूस चूसकर खड़ा करके लोहे के जैसा सख्त कर दिया और अब मेरी बारी थी।

More Sexy Stories  இரவுக் கச்சேரி

मैंने भाभी को बेड के एक कोने पर लेटाया और अब अपना मुहं उनकी चूत के पास ले गया और अपनी जीभ से उनकी गीली कामुक चूत को चाटने और चूसने लगा। मेरे ऐसा करने से भाभी एकदम पागल सी होकर आह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्हहह माँ आईईईईइ की आवाजें निकालने लगी और में उनकी चूत को गहराई तक अपनी जीभ से चोदने में व्यस्त था।

फिर कुछ देर तक उनकी गरम तड़पती हुई चूत को चूसने के बाद मेरे शरीर में मानो अब दोगुनी जान आ गई हो और फिर मैंने एकदम से सीधा खड़ा होकर भाभी के दोनों पैरों को मैंने अपने कंधे पर रख लिया और भाभी को कहने लगा कि आज तुझे असली चुदाई का मतलब समझ में आ जाएगा, आज चोदकर में तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा और मेरे मुहं से यह बात सुनते ही भाभी मानो और भी ज्यादा गरम हो गई, वो पूरे होश में आ गई।

अब वो मुझसे कहने लगी कि हाँ फाड़ दे अपनी जानेमन की चूत को, खा जा बहनचोद। तू आज इसे फाड़ दे और फाड़कर भोसड़ा बना दे। मेरी तड़पती हुई चूत को शांत कर दे, आज तू बुझा दे इसकी प्यास। फिर मैंने भी जोश में आकर सीधे अपने लंड का सुपाड़ा भाभी की चूत के मुहं पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा तो लंड उनकी सकड़ी चूत में अपना रास्ता बनाते हुए आधा अंदर घुस गया

और भाभी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हुए कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह उईईईईई माँ उह्ह्हह्ह्ह्ह फाड़ डाला बहनचोद निकाल इसे बाहर, नहीं तो में मर जाउंगी और अब मैंने उनकी एक भी ना सुनते हुए सीधे एक और जोरदार धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत की गहराईयों में घुसा दिया और अब भाभी ज़ोर ज़ोर से रोने लगी।

फिर में दो मिनट रुका और भाभी के नॉर्मल होते ही मैंने धक्के मारना शुरू कर दिया और दोनों हाथों से भाभी के बूब्स को दबाने लगा और अब भाभी भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और अपने चूतड़ को उछाल उछालकर लंड को अंदर तक लेने लगी।

फिर मैंने भाभी को कुतिया की स्टाइल बैठाकर उनकी चूत में लंड को एक जोरदार धक्का दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकालकर उनके मुहं में डाल दिया और अपना सारा गरम गरम वीर्य भाभी के मुहं में डाल दिया और भाभी उसे लस्सी समझ कर पी गई।

दोस्तों इस तरह मैंने भाभी के दिल की मुराद को पूरा किया और इस तरह अब हम रोज शाम के समय कॉलेज के बाद रोज चुदाई का आनंद उठाते और में भाभी को चोद चोदकर उनका जूस पीता हूँ और अपना उन्हे पिलाता हूँ। वो मेरी चुदाई से बहुत खुश रहती है हमें अगर जब कभी दिन में चुदाई का मौका मिलता है तो हम भरपूर चुदाई करते है। अब हम एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह रखते है, लेकिन अब तक भैया को हमारे रिश्ते के बारे में पता नहीं चला है और ना ही उन्हे हम दोनों पर कोई शक है।