Naukrani Kalyani Didi ki Chudai

मैं 15 मिनिट तक उसके बड़े बूब चूस्टा गया.
“कल्याणी, तुम आह आह आह उफ़ उफ़ क्यू कर रही हो?”
“रोहित चूचियाँ चूसवने मैं बहूत मज़्ज़ा आता है. मैने एक बार ही चूस्वाई है. अक्चा तुम मुझे.आ..यह बताओ की क्या तुम ने किसी लड़की को कभी चोदा है?”
“नही.”
“मैने भी बस चूच ही चूस्वाए है.”
अब उसने अपनी सलवार नीचे करनी शूरू कर दी. उसने नीचे नीले रंग की टाइट पेंटी पहनी थी जिस पर एक दाग था.
“अब तुम अपना लूँ निकालो.”
जब मैने लंड निकाला तब उसने अचानक से चीख मारी.
“इतना बड्डा! कोई बात नही.”

फिर उसने अपना मूह मेरे लूँ के उपेर किया और उसे चोइसने चाटने और चूमे लगी. मैना उसका सर अपने हाथों से नीचे किया.
“और अंदर लू? ठीक है.”
वो 5 मिनिट तक चूस्टी ही रही. तभी मैने कहा.
“कल्याणी मेरा छ्होटने वाला है. रुक जाओ.”
पर वो नही रुकी. मैने ज़ोर से एक तेज़ धार उसके मूह मे चोद दी और वो सारा अंदर निगल गयी.
“खट्टा था. पर स्वाद भी था. अब तुम मुझे चोद दो बस. मेरी फुदी बहूत तारप रही है.”
बस उसके इतना कहने की देर थी की मैने अपना लूँ उसके स्नदर धसना शूरो किया.
“आ आआआः. और अंदर और अंदर सस्सस्स ओह रोहित अया अयाया. अब आस मुझे चोदो.”
मैने अपना लूँ अंदर बाहर करना सुरु किया. उसने अपने मोम पाकर लिए और ज़ोर ज़ोर से चिल्लानने लगी.
“अया ओह सस्स्सस्स ओह ओह ओह हे भगवान अया आह आह ससस्स.”
थोड़ी देर बाद मैं तेज़ हो गया और जल्दी जल्दी उसकी फुदी चोदने लगा. तभी उसकी चीखे तेज़ हो गयी.
“मैं चुद रही हो. अयाया मेरा झड़ने वाला. अयाया अयाया और चोदो रोहित! आ! आ! अया! और वो झड़ गयी. पर मैं नही रुका. अब वो तड़प रही थी.
“अब रुक जाऊ. बा.बॅस करो.”
“बस मेरा भी छूटने वाला है रुक जाओ थोड़ी देर.”
5 मिनिट तक और चोदने के बाद मेरा भी jhad गया. मैं उसके उपर गिर गया और उसे चूमने लगा. मेरा लूँ अभी भी उसके अंदर था.
“रोहित एक नइई पोज़िशन ट्राइ करते है. ये वैसी है जैसी फिल्म मे थी बस थोड़ी सी अलग है.”
मैं मान गया.
“रोहित एब्ब तुम खरे हो जाओ हा बस ऐसे ही.”
वो मेरे पास आई और अपनी फुदी मैं मेरा लूँ ले लिया. उसने हाथ मेरी गर्दन से लपेट लिए और टाँगे मेरे चित्टरों के साथ. एब्ब मैं उसे और उसके मोम चूस सकता था. वो अंदर बाहर करने लगी. मैं बूब चूस्टा रहा. 15 मिनिट बाद हम दोनो ने अपना माल छोड दिया. हम बिस्तर पर गिर गये.

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“कल्याणी तुमने तो कहा था की तुम कभी किसी से नही चुदी . फिर तुमही फुदी इतनी खुली कैसे?”
“असल मैं घर पर मैं अपने आप को वाइपर से चोदती हू. इसीलिए.”
तभी मेरे दिमाग़ मैं एक आइडिया आया. मैं बातरूम गया और वाइपर ले आया.
“कल्याणी तुम हाथ और पाओ के बल लेट जाओ.”
उसने ऐसा ही किया. एब्ब मैं उसके नीचे लेट गया और अपना लंड उसके अंदर दे दिया. फिर मैने वाइपर उसकी टाइट बॉन्ड मैं दे दिया.
“अयाया. उहू सस्सस्स .”
अब मैं वाइपर उसके अंदर धसने लागफा और वो अपनी फुदी मेरे लूँ पे अंदर बाहर करने लगी. मैं उसके मोम चूसने लगा. हम आधे घंटे तक ऐसे ही चोदते रहे. फिर हम दोनो एक साथ झार गये. फिर क्या था वो जब भी काम करने आती थी, बहूत मज़े करता था, कई बार मैं बातरूम मे चोदा कई बार उपर बाले कमरे मे कई बार बूब दबा के ही संतोष करना पड़ता था क्यों की मा और पापा होते है घर पे.

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