नौकरानी कल्याणी दीदी की चुदाई
Naukrani Kalyani Didi ki Chudai
हेलो दोस्तों. मेरा नाम है रोहित. मैं इस समय 18 साल का हू. मैं दिल्ली का रहने वाला हू. आज मैं आपको अपने लाइफ का एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हु. यह सिर्फ़ 3 हफ्ते पहले की बात है. उस दिन मेरी छुट्टी थी कॉलेज में मैं घर पे था और मेरे मम्मी पापा मार्किट गए थे. मेरे घर मैं सिर्फ़ मैं अकेला था. तभी मा का फोन आया. उन्हो ने कहा की मेरे नाना जी की तबीयत खराब हो गयी है. इसलिए उन्हे घर आने तक रात हो सकती है. उन्हो ने ये भी कहा की कल्याणी दीदी शाम तक हमारे घर ही रहेंगी. इतना कह कर उन्हो ने फोन बंद कर दिया. असल मैं कल्याणी दीदी हमारे घर काम करने आती थी. वो उमर मैं मुझसे ज़्यादा बड़ी नही है. वो 21 साल की है.
अब दीदी के घर आने का टाइम हो गया था. थोड़ी देर मैं वो आ भी गयी. वो घर का सारा काम खत्म कर दी . उसके बाद हम दोनों बैठ गए और सोचने लगे की बाकी का टाइम कैसे कटएगा क्यूकी शाम होने मैं अभी 4 घंटे बाकी थे. दीदी ने कहा “रोहित, चलो टीवी देखते है.” मैने कहा ” ठीक है दीदी.”
“रोहित मैने तुम्हे कितनी बार कहा है की अगर कोई घर पे ना हो तू तुम मुझे मेरे नाम से बुलाया करो. मुझे यह दीदी-दीदी अच्छा नही लगता.”
“ठीक है कल्याणी.”
वो हस्ते हुए टीवी चालू करने के बाद इंग्लीश फिल्म का चॅनेल लगा लिया. मैने चॅनेल की ऑडियो हिन्दी मैं चेंज की और मोविए देखने लग्गा. टीवी पर फास्ट आंड फ्यूरियस आ रही थी. हमने थोड़ी देर देखी. तभी वाहंन पर सेक्स वाला सीन आने लगा था. मैने कल्याणी से रिमोट लिया और चेंज करने ही लगा था के तभी वो बोली”रोहित लगी रहने दो.”
“पर कल्याणी अब इस मे गंदा सीन आने वाला है.”
“तो क्या हुआ. तूने क्या कभी पहले देखा नही ऐसा कुच्छ?”
“नही.”
“तो अब देखले ना. इसमे कौनसा बुरी बात है. मैं तो बहूत पहले से ही ये सारे चीज़ देख रही हू. इस मे बहुत मज़्ज़ा आता है.”
“कैसा मज़्ज़ा?”
“तू सवाल मत पूछ. बस देख. ”
थोड़ी देर बाद वो सीन आ ही गया. हेरोयिन लड़के के उपर कूद रही थी और चीक रही थी.
“कल्याणी इस मैं कैसा मज़ा. लड़की तो चीख रही है.”
“अर्रे यही तो मज़ा होता है. जब लड़की की फुदी मैं लूँ जाता जाई तब यह चीक निकलती है. यह ख़ुशी की चीख होती है. जब लड़की की चूत से पानी निकलता है तब वो चीकती है.”
“फुदी, चूत – यह सब क्या बोल रही हो? मुझे कुछ समझ नही आ रहा.”
मैं तोड़ा अंजान बनने लगा.
“अरे रोहित तू तो भोला है. फुदी वो होती है जहाँ लूँ अंदर जाता है. लूँ होता है..”
ओर तभी उसने अपना हाथ मेरे लूँ पर रख दिया. मेरा खड्डा लूँ छ्छू कर वो समझ गयी की मैं मज़ाक कर रहा था.
“रोहित तेरा तो खड्डा है. मुझसे झूठ क्यूँ बोला? अब मैं क्या करूँ? तेरे साथ बाते कर के तो मेरी कच्छी गिल्ली हो गयी है.”
“तो इस मे मैं क्या कारू?”
“अब तुम्हे मुझे चोदना होगा. तभी मेरा पानी बहना रुकेगा नही तो.” उसके इतना कहते ही मैने उसकी बात को बीच मैं से काट दिया और उसके होत चूमने लगा.
“इतनी जल्दी क्या है. आराम से करो. हमारे पास बहुत टाइम है.”
फिर हम 10 मीं तक एक दूसरे के होठ ही चूस्टे रहे.
थोड़ी देर बाद उसने अपनी कमीज़ उतरी और मेरे सामने बहूत ही खूबसूरत बूब मेरे सामने थे
“इतने बड़े!”
“लो. इन्हे चूसो. मेरी चुचियाँ चूसो.”