Bhabhi ki bahane se chudai – Indian sex story
हेल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम राजीव है, मैं मुम्बई से हु। मुझे सेक्स करना बहोत पसंद है, खास कर कुवारी और वर्जिन लड़कियों के साथ।
मेरी यह कहानी आधारित है की कैसे मैंने बहाने से चुदाई की, चलो सीधा कहानी पर आता हु। मेरे घर के सभी लोग कुछ दिनों के लिय गांव गये हुये थे। मेरे सामने वाले घर मैं नये किरायेदार रहने को आए। वो सिर्फ़ पति पत्नी ही थे। पति काम के कारण बाहर रहते थे। मैं भी अकेला वो भी अकेली, दोनो मैं बातचीत होती, फिर एक दिन भाभी
ने मुझ से पूछ लिया आजकल खाना कैसे बना रहे हो मेने कहा” होटल मैं जाकर आता हूँ.” वो बोली “बाहर का खाना काफ़ी पसंद आ रहा है आजकल… क्या बात है” मैने बोला “क्या करें घर मैं कोई बनाने वाली नहीं है तो..” भाभी बोली “रोटियाँ सब्जी मैं भेज दूँगी आज रात… मैने कहा “नहीं अगर ऐसा है तो घर पर आकर रोटियाँ बना देना.। सब्जी तो मैने भी बना सकता हूँ कच्ची पक्की” भाभी बोली” नही मैं आकर बना जाऊंगी” मैं खुश हो गया की इसी बहाने मुझे उसके पास रहने का मौका मिलेगा। पर मेने सब्जी बाहर से मंगवाली थी।
9 pm पर भाभी अपना काम करके मेरे लिए चपाती बनाने आ गई। मैने उसको आटा दे दिया और अंदर वाले कमरे मैं आकर टीवी देखने लगा। लेकिन मेरा ध्यान भाभी की तरफ ही था। मन कर रहा था की भाभी बोले आओ और मैं जल्दी से चोद डालूं। लेकिन डर लगता था। मैने कुछ देर टीवी पर इधर उधर देखने के बाद फेशन टीवी चला दिया। और उस टाइम मिडनाइट शो चल रहा था, मैं अंजान बनते हुए उसे देखने लगा और सोचने लगा की काश भाभी मुझे देखते हुए देख ले। में चोरी से भाभी को देख रहा था की वो देखती है या नहीं। और थोड़ी देर बाद भाभी हाथ में रोटी लिए किचन से झाँका तो उसकी नज़र टीवी पर पड़ी और काफ़ी देर तक वो कभी टीवी और कभी मुझे देखती रही।
में अंजान बना बैठा रहा। जब भाभी फिर किचन मैं चली गई तो मैने टीवी खुला छोड़ कर उठा और किचन में चला गया। मैने कहा” भाभी मुझे भी रोटियाँ बनाना सीखा दो ना.। “ और उसके पास जाकर खड़ा हो गया। मेरी आँखे उसकी मस्त बोब्स पर लगी हुई थी। उसके बड़े-2 बोब्स मस्ती से हिल रहे थे। मैने कहा” अरे भाभी आपको तो पसीने आ रहे हैं” मेरी नज़र उसके बोब्स पर थी। उसने एकदम से चुन्नी ठीक कर ली और बोली ”शैतान कहीं का” फिर मेरी हिम्मत बड गई।
और मैने थोड़ा सा उसके और पास चला गया। “भाभी रोटी बनाना सिखाओ ना” और हाथ को छेड़ने लगा। इसी छेड़छाड़ में मेरा हाथ उसके बोब्स पर लग गया। मैने एकदम से हाथ पीछे खींच लिया। वो कुछ नहीं बोली तो मेरा लंड खड़ा होने लगा। में उसके हाथ के साथ खेलता हुआ उसके और करीब जाने लगा और इतना करीब की मेरा लंड उसकी मस्त गांड पर छू गया। वो अब भी कुछ नहीं बोली, तो मेरी हिम्मत बड गई। और मैने कहा” भाभी तुम तो बड़ी सुंदर हो, अजय भैया तुम्हे बहुत खुश रखते होंगे… बोली” अच्छा, तुझे सुंदर लगती हूँ.। कहा से” मैने कहा” कहा-2 से कहूँ तुम सारी जगह से सुंदर हो” बोली” मुझे तेरी चाल ठीक नहीं लगती, मैं तो घर जा रही हूँ.” मैने कहाँ “अरे आप तो नाराज़ हो रहे हो में तो मज़ाक कर रहा था ” मेरा लंड अभी भी उसकी गांड को टच कर रहा था और रोड की तरह खड़ा हो रहा था।
फिर वो चुपचाप रोटी बनाने लगी और मैं उसकी कभी गांड, कभी कमर, कभी बोब्स और कभी उसके गोरे-2 गालों को देखता जा रहा था। धीरे-धीरे मेरा लंड मोटा होता जा रहा था। धीरे-2मैने हाथ से उसके गालों को छुआ और कहा भाभी तुम्हारे गाल कितने सुंदर हैं। बोली” अच्छा” उसने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत बड गई। मैने उसकी कमर पर हाथ रख कर कहा “भाभी तुम्हारी कमर कितनी चिकनी और पतली है” उसके मूँह से सिसकारी सी निकल गई और मैं समझ गया की अब बात बन सकती है। मैं धीरे से उसके पीछे आ गया और उसकी कमर को पकड़ते हुए लंड को उसकी गांड के बीच की जगह पर रख दिया, लंड को रखते ही मेरे और उसके मूँह से एक साथ लंबी सी ओह की आवाज निकली और उसने रोटी बनाना छोड़ कर आगे से मेरी गांड पकड़ ली।
मैने भी उसको कमर से टाइट पकड़ लिया और उसके गले पर किस करने लगा। वो एकदम मदहोश हुई जा रही थी और मैं भी मेरे लंड का बुरा हाल था और अब किचन में दोनो की सिसकारियाँ गूँज रही थी। ऊओह अम्म्म हह.। हाहाहा…। वो बोली” अगर कोई आ गया गया तो क्या होगा” मैने कहा” कोइ नही आता तुम चुप रहो” और पास आओ ना” फिर मैं उसके शमीज़ के उपर से ही उसकी बोब्स प्रेस करते हुए रूम में ले गया और बेड पर पटक दिया। फिर मैने उसकी लिप्स किस ली। कम से कम 5 मिनट तक मैं उसका लिप्स किस लेता रहा। और उसके बोब्स को दबाने लगा। वो बोली” ओाहह अब बड़ा मज़ा आ रहा है और करो ना… नीचे भी किस करो..। उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
उसने पेंटी नही पहन रखी थी। सो मेरी उंगली आसानी से सलवार के उपर से ही उसकी चूत में जा रही थी। वो बहुत ज़ोर से आवाज कर रही थी.। ह। हहानं… आओ…। आहह.। आओ.। जोर से… वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी। फिर मैने धीरे-2 नीचे की और आते हुए उसकी चूत के उपर मूँह रख दिया। चूत पर मूँह रखते ही वो चिल्ला उठी आआहह ओओओ… चाटो ना जोरे से हहा… और मचलने लगी। अपनी गांड को इधर उधर घूमाने लगी। उसके ऐसा करने से मेरे लंड मैं भी सनसनी होने लगी थी।
फिर मैने अपनी पेंट खोली और अपना लंड उसके हाथ में थमा दिया। मेरा लंड अब तन के पूरा 90 डिग्री का हो गया था। मैने अपना लंड उसके हाथों पकड़ा दिया। उसने लंड पकड़ कर सीधा मूँह में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगी। भाभी, आआ… और मेने धक्के मारने शुरू कर दिए.। अचानक मेरे लंड से पानी निकलकर उसके मूँह मैं चला गया और वो सारा पानी पी गई। फिर भी वो लंड को चूसती रही जब तक की वो दोबारा खड़ा नहीं हो गया। इस बीच मैं अपनी पैर की उंगली से उसकी चूत को रग़ड रहा था और उसका भी पानी सा निकल गया था। वो लंड को मूँह में लेकर म्म्म आस..प्प्प्प हुन्न्ं। की आवाज़ें निकाल रही थी। और मेरे मूँह से भी आवाज निकल रही थी “श आहह भाभी ओफफफफ तुम कितनी अच्छी हो… मेरा लंड दोबारा खड़ा हो चुका था। मैने उसको उठाकर उसकी चूत में एक उंगली डाल दी। वो ज़ोर से चिलाई आहह अब लंड डाल दो इंतज़ार नहीं होता करो ना उ….म्म्मा… जब मैने उसकी चूत मैं उंगली की वो मेरे लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से हिलाने लगी।
उसकी चूत पुड़ी की तरह फूली हुई थी। फिर मैने उसे अपना लंड मुह मे लेने के लिए बोला। उसने मना कर दिया। और बोलने लगी की मेरे से रहा नहीं जा रहा है जल्दी चोद दे ना.। मेरी चूत मैं आग लग रही है..। वो ज़ोर से हाँफ रही थी। जैसे कई मिलो से दौड के आई हो। और हह म्म ओह आआआआआआअ डालो ना अंदर.। की आवाज कर रही थी। फिर मैने उसे लेटाया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया। और उसके पैरों को फैलाया। फिर मैने अपना लंड उसके चूत पर डाल दिया। जब मेरा लंड का सुपाडा ही उसके चूत में गया था वो ज़ोर से चिल्लाने लगी। नही मुझे छोड़ दो… नही में मर जाउंगी… अपना लंड निकल लो… लेकिन मैने अनसुने के जैसा करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया। वो और ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मूह को बंद किया और धक्का लगाता गया। वो छटपटा रही थी। अपनी बदन को इधर से उधर करने लगी। लेकिन में माना नही। में धक्के पे धक्का लगाता गया।
उसके आँखों से आंसू निकल रहे थे। कुछ देर के बाद मेरा पूरा लंड उसके चूत में चला गया। फिर मैं कुछ देर के लिए उसके उपर ही पड़ा रहा। कुछ देर के बाद वो शांत हुई। और मुझे गालिया देने लगी। साले तूने यह क्या कर दिया। अपना लंड निकालो… मुझे नही चुदवाना… मैं उसके बोब्स को दबाने लगा और एक हाथ से उसके बालो और कानो के पास सहलाने लगा। कुछ देर के बाद मैने उसके कानो को भी चूमना सुरू कर दिया। फिर कुछ देर के बाद वो फिर से गर्म हो गयी। फिर मैने धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू किया। पहले तो वो चिल्लाई लेकिन कुछ देर के बाद मैने पूछा मज़ा आ रहा है। वो बोली “हां.। बहुत मज़ा आ रहा हे… और वो शोर करने लगी। कुछ देर के बाद मैं अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब पूरी मस्ती में थी। और मस्ती में कह रही थी। हां म्म्म आआईई करो… बहुतं मजा आ रहा हे… वो इतनी मस्ती में थी की पूरा का पूरा वर्ड भी नही बोल पा रही थी।
मै अपनी स्पीड धीरे धीरे बड़ाता जा रहा था.। हाँ राजीव… आई… सी… आआ.। ओर जोर से चोदो… फाड़ दो चूत को आज… आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फ़ाडे बगैर मत छोड़ना.। आआआआः…। और ज़ोर से… उउउइइइइ….म्म्म्मा। अह…। ऐसे ही वो बोल रही थी। कुछ देर के बाद मेने पाया की मेरा लंड पानी से भीग रहा है। वो पानी छोड़ने वाली थी। वो नीचे से कमर उठा के चिल्ला रही थी। और बडबड़ा रही थी। हाआअ… और चोदो… मेरी चूत को आज मत छोड़ना… इसे भोसड़ा बना देना… और कुछ देर के बाद वो बोली में झडने वाली हूँ… में भी झडने के करीब पहुच गया था। क्युकी हम लोग 15-20 मिनट से चुदाई कर रहे थे। मैने बोला ” हाआआं भाभी में भी झरने वाला हूँ…” और मेने उसकी गांड पकड़ कर अपनी स्पीड बड़ा दी।
वो कुछ देर के बाद झड़ गयी। में भी झरने के करीब आ गया था। कुछ देर के बाद में भी झड़ गया। वो मुझे कस कर बाहों मे जकड़ लिया। में भी उसके बोब्स के उपर पड़ा रहा। कुछ देर के बाद उसने मेरा और मैने उसकी चूत को साफ किया। भाभी बोली लास्ट मे तेरे अजय भैया का तो सिर्फ़ 5 इंच का हे एक दम छोटा हे 2 मिनट मे खेल खत्म हो जाता हे.। हमारी शादी को 2 साल हुए हे उनके काम के कारण आज तक इतनी ख़ुशी किसी ने नही दी। बाद मे हमने 2 बार सेक्स किया।